गणेश चतुर्थी । भगवान गणपती का जन्मोत्सव
आप सभी को गणेश चतुर्थी की अनेक बधाई। आज से 10 दिन तक गणपति महोत्सव बहुत उत्साह के साथ पूरे देश में (विशेषकर महाराष्ट्र) मनाया जाएगा।
गणपति बप्पा मोरिया, मंगलमूर्ती मोरया।
गणेश महोत्सव के अवसर पर गणपति बप्पा मोरिया का जयकारा लगाते हैं।
गणपति बप्पा मोरिया इसमें तीन शव्द हैं। पहला गणपती, दूसरा बप्पा और तीसरा मोरया। पहले हम गणपती का मतलब जानते हैं।
गणपति
जैसा की हम जानते हैं की गणपती, भगवान गणेश का ही दूसरा नाम है। गणपती संस्कृत के दो शव्द गण और पति से मिलकर बना है। गण का मतलव लोग है और पति का मतलव मालिक से है।
इस प्रकार गणपति का मतलब होता है समस्त प्राणी का स्वामी अर्थात सब के मालिक। यही कारण है की उन्हें गणपति के नाम से जाना जाता है।
दूसरी मान्यता है की जब माता पार्वती ने बालक गणेश को द्वारपाल के रूप में महल के द्वार पर नियुक्त किया था। तब माता के आज्ञा का पालन कर उन्होंने शिव जी के गणों को अंदर आने से रोक दिया।
उन्होंने शिव के सारे गणों को परास्त कर दिया था। जैसे सेना का प्रमुख सेनापति होता है, उसी तरह भगवान शिव ने उन्हें गणों का प्रमुख बनाया, जिससे उनका नाम गणपति हुआ।
बप्पा
बप्पा का मतलब पिता या मालिक से है। क्योंकि वे सारे जगत के पिता अर्थात मालिक हैं। इसीलिए उन्हें आदरस्वरूप बप्पा कहकर संबोधित किया जाता है।
मोरया का मतलब
भगवान गणपती के नाम के साथ मोरया शब्द कैसे जुड़ा, इसके पीछे एक रोचक कहानी है। ये कहानी है भगवान गणपती के एक भक्त मोरया गोसावी की। जिसकी भक्ति के कारण सदा-सदा के लिए उनका नाम गणपती के साथ जुड़ गया।
पुराने समय की बात है, 15 वीं शतावदी के दौरण भगवान गणपती के एक परम भक्त हुए जिसका नाम मोरया गोसावी था। उनका जन्म महाराष्ट्र के पुणे शहर से करीब 20 किमी दूर चिंचवाड़ नामक गांव में हुआ था।संत मोरया गोसावी रोज सच्चे मन से गणपती बप्पा की पूजा करते थे।
उन्होंने गणेश मंदिर के पास ही समाधि ली थी। भगवान गणपती के सच्चे उपासक होने के कारण मोरया गोसावी का नाम सदा के लिए गणपती बप्पा के नाम के साथ जुड़ गया।
बचपन से ही वे भगवान गणपती के परम भक्त थे। हर साल वे गणेश चतुर्थी का उत्सव पर पैदल ही चलकर मोरगांव भगवान गणपती के पूजा के लिए जाते थे। जैसे - जैसे उनकी उम्र बढ़ने लगी उनका भक्ति और विश्वास बढ़ता गया।
जब वे बूढ़े हो गये और बढ़ती उम्र के कारण अब मोरगांव अपने इष्ट का दर्शन के लिए नहीं जा पाते थे। वे लचार और निराश रहने लगे। लेकिन भगवान की भक्ति नहीं छोड़ी।
वे अपने जीते जी भगवान गणपती के दर्शन करना चाहते थे। कहते हैं की भगवान तो भक्त वात्सल्य होते हैं और वे अपने भक्तों के इच्छा को जरूर पूरा करते हैं।
भगवान गणपती ने अपने भक्त मोरया गोसावी की आस्था और भक्ति से खुश होकर उन्हें सपने में दर्शन दिए। उन्होंने ने मोरया गोसावी से कहा की जब तुम सुबह कुंड में स्नान करोगे उसी बक्त मैं तुम्हें किसी न किसी रूप में दर्शन दूंगा।
अगले दिन जब मोरया गोसावी पास के कुंड में स्नान कर रहे थे। तब जैसे ही वे स्नान के लिए कुंड में डुबकी लगाई और बाहर निकने उनके हाथ में भगवान गणेश की प्रतिमा थी। भक्त मोरया गोसावी को रात के सपने की बात समझते देर नहीं लगी। वे अपने इष्ट देव के दर्शन पाकर अपने आप को धन्य समझा और उस मूर्ति को पास के मंदिर में रखकर दिन रात पूजा करने लगे। जैसे-जैसे मृत्यु का समय निकट आने लगा उनकी भक्ति प्रगाढ़ होती गयी। लोगों को विश्वास हो गया की वर्तमान में मोरया गोसावी से बड़ा को गणपती बप्पा का भक्त नहीं है।
धीरे-धीरे उनका नाम और यश चारों ओर फैलने लगा। दूर -दूर से लोग मोरया गोसावी के आशीर्वाद और दर्शन के लिए आने लगे। जब लोग उनसे आशीर्वाद लेते तब वे लोगों को आशीर्वाद वचन में मंगल मूर्ति कहते।
इस प्रकार जो भी लोग मोरया गोसावी के दर्शन के लिए आते वे गणपती के साथ भक्त मोरया का नाम जोड़ कर जयकारा लगाते। इस प्रकार भक्त मोरया गोसावी का नाम गणपती के नाम से जुड़ गया।
लोगों की मान्यता है की गणपती बप्पा के नाम के साथ उनके परम भक्त मोरया का नाम लेने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं।
मोरया गोसावी की समाधि
जब मोरया गोसावी की मृत्यु हुई तब उसी मंदिर के पास मोरया गोसावी की समाधि बनाई गई। जब लोग मोरया गोसावी मंदिर में भगवान गणपती के पूजा के लिए जाते हैं, तब उनके परम भक्त मोरया गोसावी के समाधि को नमन करना नहीं भूलते।
जिस मंदिर में मोरया गोसावी गणपती की मूर्ति को स्थापित कर पूजा करते थे, वह आज गोसावी मंदिर के नाम से जाना जाता है। जहाँ हजोरों लोग प्रतिदिन गणपती बप्पा की पूजा करने के लिए आते हैं।
इसके अलावा भक्त वहाँ मोरया गोसावी के समाधि के साथ उनके सात वंशज की समाधि का भी दर्शन करते हैं।
भगवान गणपती का जन्म, भाद्र मास के शुक्ल पक्ष, चतुर्थी को मध्यान काल में हुआ था।
इसीलिए प्रतिवर्ष भाद्र मास के चतुर्थी को गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाया जाता है। इस दौरान चारों तरफ से एक ही आवाज आती है गणपति बप्पा मोरिया मंगल मूर्ति मोरया ।
यह उत्सव अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी के प्रतिमा विसर्जन से साथ समाप्त हो जाता है। सभी लोग गणपति बप्पा मोरिया का जयकारा के साथ प्रतिमा का विसर्जन करते हैं।
भगवान गणपति की कृपा से आप सब के जीवन मे मंगल ही मंगल हो, यही आशा और कामना करते हैं।
मोदक प्रिय मुद दाता |
ReplyDeleteविद्या वर दे बुद्धि बिद्धाता ||
गणेश चतुर्थी की आपको और सारे देशवासियों को
हार्दिक शुभ कामनाएं
🙏 जय गणपति बप्पा
ReplyDeleteगणपति बप्पा मोरया
ReplyDeleteजय हो गणेश काटों कलेश
ReplyDeleteभगवान गणेश के जन्म दिवस गणेश चतुर्थी के अवसर पर मोरया गोसावी के संबंध में जानकारी।श्री गणेशाय नमः।गणपति बप्पा मोरया,अगले वर्ष तुम जल्दी आना।
ReplyDeleteNice
ReplyDelete🙏🏻 🙏🏻
ReplyDelete'गणपति बप्पा मोरिया' शब्द का अर्थ आज मालूम हुआ तुम्हारा ब्लाग के द्वारा पहले लगता था कि यह मराठी भाषा में गणपति बप्पा का जयघोष है..very nice article 👌👏
ReplyDeleteअगले ब्लॉग पोस्ट के लिए धन्यवाद।
ReplyDeleteगणपति बप्पा मोरया
ReplyDeleteसही अर्थ आज पता चला, गणपति के विषय में विस्तृत जानकारी मिली।
आप सबको गणेश चतुर्थी की बहुत बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं
jai ho
ReplyDeleteआज का ब्लॉग असाधारण है। गणपति बप्पा मोरया का अर्थ आज ही जाना।
ReplyDeleteजय गणपति भगवान
jai Ganpati
ReplyDeleteJai ganpati
ReplyDeleteHappy ganesh chaturthi to you 🙏🏻
ReplyDeleteरिद्धि-सिद्धि सहित पधारो
ReplyDeleteप्रथम पूज्य श्री गणेश
काज सबके संवारना
हरणा सबके दुख-क्लेश
हम सब भक्तगण आपके
सब पर कृपा करना विशेष
सुखदायक-सिद्धिविनायक
कण-कण तेरा समावेश
हे गौरी पुत्र-महादेव सूत
विनती करे तुझसे दरवेश
आप सुखकर्ता-दुखहर्ता
आप पूजनीय देश-विदेश
🚩आप सभी स्नेहीजनों को
🙌श्री गणेश चतुर्थी की🙌
हार्दिक शुभकामनाएँ🚩
🙏🥰👣🙌🚩🙌🥰🙏
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
🙏नरेश"राजन"विजयवर्गीय🙏
🙏👣जय श्री गणेश👣🙏
ReplyDeleteबोले हम सब एक-दो-तीन-चार
गणपति जी की जय-जय कार
गौरी-शंकर सुत सिद्धिविनायक
हे गजानंद आप पधारो हर बार
कहो सब पांच-छह-सात-आठ
श्री गणेश जी के देख लो ठाठ
दुःख-कष्ट सबके हरते हैं आप
धरते रुप आप अनेकों विराट
नौ-दस और आगे ग्यारह-बारह
शंख ध्वनि गूंजे आरती रह-रह
सौलह सत्रह और करते अट्ठारह
लंबोदर करते सब की पौ बारह
बोल भी जाओ उन्नीस और बीस
श्रद्धा से झुके अब अपना शीश
गिनती सारी पूरी कर लो आज
शुभ-मंगलदायक प्रभु गजराज
सुख-दुख सब में पुकारो उनको
सिद्ध करें प्रभु सबके सब काज
ऊँ जय श्री गणेशाय ॐ नमः
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
🙏नरेश"राजन"विजयवर्गीय🙏
🙏🙏💐💐सुप्रभात 🕉️
ReplyDelete🙏जय श्री गणेश🚩🚩🚩
🙏आपको भी गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं🙏
🙏श्री गणेश जी की कृपा आप और आपके परिवार पर हमेशा बनी रहे💐💐
🚩 गणपति बाप्पा मोरया 🚩
👌👌विस्तार पूर्वक ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐
जय श्री गणेशजी
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