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अवसाद से मुक्ति/ 1 Thought to Finish Depression By BK Shivani

अवसाद से मुक्ति/ 1 Thought to Finish Depression

आजकल की दौड़ती भागती जिंदगी में डिप्रेशन या अवसाद एक प्रमुख समस्या बनकर उभरा है।अवसाद मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है और अवसाद के मूल में मनुष्य का क्रोध है। क्रोध मनुष्य के जीवन का शत्रु है। लेकिन क्रोध आना भी मनुष्य की मूल प्रवृत्ति है। एक बार का किया गया क्रोध हमारे अंदर की शक्ति का ह्रास करता है। वैसे तो डॉक्टर भी कहते हैं की क्रोध को दबाना नहीं चाहिए लेकिन इसके परिणाम स्वरूप आज समाज में क्रोध बढ़ता जा रहा है और उससे इंसान की अंदरूनी शक्ति घटती जा रही है। 

अवसाद से मुक्ति/ 1 Thought to Finish Depression By BK Shivani

क्रोध के संबंध में एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि क्रोध करना हमारा स्वयं का चयन है। हम यह चयन करते हैं कि क्रोध कब करना है और कब नहीं करना है, इस पर करना है और किस पर नहीं करना है। कोई भी इंसान को यदि अपने बॉस की कोई बात पसंद नहीं आई फिर भी वह अपने बॉस पर क्रोध नहीं कर सकता। इसका सीधा मतलब है कि हमारा क्रोध हमारे नियंत्रण में है। हमने सार्वजनिक जगहों को" नो स्मोकिंग जोन " बनाया वैसे ही हम "नो एंगर जोन" भी तो बना सकते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि उस जगह की ऊर्जा,क्रोध न करने के कारण बहुत बढ़ जाएगी। उस जगह कोई डर कर नहीं रहेगा, और किसी को अपमानित होने का भय नहीं होगा। सब लोग एक दूसरे के साथ आराम से रह सकेंगे। धीरे धीरे यह हमारी आदत में शुमार हो जाएगा और शनै शनै हमारी क्रोध करने की प्रवृत्ति समाप्त हो जाएगी। 

अगर आप किसी वजह से परेशान हैं तो इस वीडियो को जरूर सुनें। 

आज मनुष्य को शारीरिक और बौद्धिक मजबूती के साथ मानसिक मजबूती की भी आवश्यकता है। आज लोगों में जागरूकता की जरूरत है। क्रोध पर नियंत्रण कर के मनुष्य भावनात्मक रूप से बहुत मजबूत हो सकता है। बहुत लोगों की यह शिकायत रहती है कि वे क्रोध करना नहीं चाहते परंतु दूसरे लोग उनकी बेइज्जती करके, उनको परेशान करके, उन्हें क्रोध दिला देते हैं। इसका मतलब यह हुआ की परिस्थितियों पर उनका नहीं बल्कि किसी और का नियंत्रण है। अंततः वही लोग कुछ समय बाद यह कहते हुए पाए जाते हैं कि कोई उनकी कद्र नहीं करता, उनकी किसी को आवश्यकता नहीं है। सभी को यह याद रखना होगा कि मनुष्य अपने भाग्य का स्वयं निर्माता है।

अवसाद से मुक्ति/ 1 Thought to Finish Depression By BK Shivani

परिस्थितियां चाहे जितनी भी विषम हो जाए, इंसान को हर समय अपने चित्त को शांत रखना है और कोई प्रतिक्रिया नहीं देनी है। वास्तव में मनुष्य के जीवन में जो भी दुख है, जो भी परेशानी है उसका जिम्मेदार मनुष्य स्वयं हैं। इंसान को जो जैसा है उसे वैसा ही स्वीकार करना चाहिए। हर इंसान की यह फितरत होती है कि वह सभी को अपने हिसाब से ढालना  चाहता हैऔर यही उसके दुख का मूल है। आज का युवा बहुत भावुक हो गया है उसकी सोच भी दूषित होती जा रही है । यदि किसी ने उनसे संबंध तोड़ने का निश्चय कर लिया तो उन्हें अपमान महसूस होता है और फिर क्रोध,दुख, निराशा,और हताशा के बादल उनकी जिंदगी में छाने लगते हैं। जो जैसा है उसे वैसा रहने दें। इंसान को यह बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि अपने विचार वह स्वयं उत्पन्न करता है। 

अवसाद से मुक्ति/ 1 Thought to Finish Depression By BK Shivani

इंसान को किसी का भी गुलाम नहीं होना चाहिए। फोन, इंटरनेट, कॉफी चाय सभी हमारी सुख सुविधा के लिए हैं, लेकिन हम उनके बिना नहीं रह सकते ऐसा विचार हमें मन में नहीं लाना चाहिए। मन को एकाग्र चित्त करने के लिए सबसे अच्छा उपाय मेडिटेशन है। इंसान को मेडिटेशन की आदत डालनी चाहिए। सुबह कम से कम 30 मिनट इंसान को अपने लिए निकालना चाहिए। इंसान आज के युग में अपना ध्यान रखें बिना, सारा समय दुनिया का ध्यान रखना चाहता है और यहीं से सारी गड़बड़ की शुरुआत होती है। यदि वास्तव में मनुष्य को अवसाद को अपने पास नहीं फटकने देना है तो सुबह का समय कोई फोन नहीं,टीवी नही और न ही समाचार पत्र, बल्कि सुबह का समय सिर्फ अपने लिए रखना चाहिए। 

अवसाद से मुक्ति/ 1 Thought to Finish Depression By BK Shivani

ब्रह्मांड की दैवीय शक्तियों को ग्रहण करने के लिए सुबह का समय सर्वोत्तम होता है। रात में सोने से 1 घंटे पहले भी न कोई फोन न टीवी बल्कि मन को एकदम शांत करके गहरी  नींद लेनी चाहिए।उस वक्त कोई भी नकारात्मक विचार मनुष्य के मन में नहीं आने चाहिए। सोशल मीडिया का उपयोग भी मनुष्य को बहुत सावधानीपूर्वक करना होगा। कोई भी नकारात्मक समाचार इंसान को फॉरवर्ड नहीं करना चाहिए। अपने शरीर के साथ उसे अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा। हमारा देश वसुधैव कुटुंबकम और सेवा भाव वाला दे है। इस मामले में हम सौभाग्यशाली हैं कि हम इसी देश की संतान हैं। सभी को आज से प्रण लेना होगा कि जीवन मे मेडिटेशन का भी एक महत्वपूर्ण स्थान रखेंगे और अपने जीवन को बेहतर बनाते जाना होगा।

19 comments:

  1. भारतीय महिला हॉकी टीम ने #Tokyo2020 ग्रेट ब्रिटेन से मैच हारा है
    #उम्मीदे_नहीं_हारी
    (जीत-हार)जीवन का और मैच का हिस्सा है
    देश की बेटियों ने भारत का राष्ट्रीय हॉकी के खेल का मान बढ़ाया
    भारतीय महिला हॉकी टीम की सभी बहनों को मेरा
    #चरण_स्पर्श
    RT कर आगे बढाये

    https://twitter.com/jaswantnirala68/status/1423523537617244161/video/1

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  2. मुझे शिवानी जी को सुनना बहुत अच्छा लगता है। गजब की मिठास है उनकी वाणी में। वैसे आजकल की जेनरेशन को संदीप माहेश्वरी और सोनू शर्मा को सुनना ज्यादा पसंद करते हैं।

    बहुत ही अच्छा टॉपिक चुना है आपने। आजकल के परिवेश में डिप्रेशन एक कॉमन सी समस्या हो गई है। जरूरत है इसके कारणों की चर्चा हो और इसके निवारण का उपाय हो।

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  3. Today's life is too busy which creates pressure and lead to depression.
    Nice article madam ji

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  4. जब भी मौका मिलता है मैं बीके शिवानी जी को जरुर सुनती हूं,इनको सुनने से बहुत ही राहत मिलती है।

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  5. बहुत उत्तम आलेख। अवसाद बहुत ही गंभीर समस्या है जो हमे मानसिक रूप से बीमार कर देता है। नो एंगर जोन वाली बात हमे हर कार्यालय में लागू करनी चाहिए।

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  6. बहुत महत्वपूर्ण विषय पर बहुत अच्छी प्रस्तुति और विशेष कर वो वीडियो। सुनकर तो बहुत अच्छा लगा लेकिन उसे जीवन में भी प्रयोग करना होगा।
    उपयोगी ब्लॉग

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  7. अवसादग्रस्त लोगों को कोप से बचने की कोशिश करनी चाहिए और शांत वातावरण में वक्त विताना चाहिए, लेखिका का बेहतरीन है, लोगों को प्रेरणा ज़रूर मिलेगी

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  8. सामयिक विषय

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  9. अवसाद से बचाव क्रोध न करना है।मेडिटेशन करना आवश्यक है।

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  10. A very important topic. Today, people do not know how to deal with many issues.

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  11. Nice article .. aajkal ki jwalant samasya

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