हरियल पक्षी (The Yellow Footed Green Pigeon)
ग्रीन पिजन यानी हरियल कबूतर परिवार का, हरे- पीले, स्लेटी रंग वाला बहुत सुंदर पक्षी है। ये ट्रेरन फॉनीकॉप्टेरा (Treron phoenicoptera) की प्रजाति के हैं। हरियल की शक्ल कबूतर जैसी होती है। इसका रंग हल्का हरा-पीला होता है, इसलिए इसका नाम हरियल पड़ा। भारत में इसकी 5-6 प्रजातियां पाई जाती हैं, जो रंग रूप स्वभाव से एक-दूसरे से मिलती-जुलती हैं।
आइए जानते हैं हरियल पक्षी की विशेषताएं-
- हरियल पक्षी महाराष्ट्र का राष्ट्रीय पंक्षी है।
- भारत में हिमालय से लेकर कन्याकुमारी तक और राजस्थान से लेकर पूर्व में असम तक यह देखने को मिलते हैं। हरियल पतझड़ या सदाबहार जंगलों के पेड़ों को ज्यादा पसंद करते हैं।
- वयस्क पीले पैरों वाले हरे कबूतर का आकार 29 से 33 सेमी के बीच होता है।
- इस पक्षी के बारे में मान्यता यह है कि यह धरती पर कभी पैर नहीं रखता। यह पक्षी भी विलुप्त प्राय जीवों की श्रेणी में आता है।
- इनकी औसत उम्र 26 वर्ष तक की होती है।
- इनके सर के ऊपर नीले भुरे रंग के बाल होते हैं, इनकी आंखें काले रंग की होती हैं, जिसके आसपास लाल रंग की रिंग होती है।
- चोंच मोटी और मजबूत होती है।
- हरियर पंक्षी के पैर चमकीले पीले होते हैं।
- इनकी सीटी जैसी आवाज होती है जो बड़ी मीठी लगती है।
- ये स्वभाव के बड़े शर्मीले होते हैं, मनुष्य को देखते ही चुप हो जाते हैं।
- हरियल पक्षी को ऊंचे-ऊंचे पेड़ वाले जंगल पसंद हैं। यह सदाबहार जंगलों में पाया जाता है।पीपल के अलावा बड़, गूलर, अंजीर के पेड़ों के पत्ते भी खाते हैं। बेर, चिरौंजी और जामुन के फल इसे ज्यादा पसंद हैं।
- भोजन की तलाश में यह उड़ते हुए शहरों के पार्क में भी अक्सर देखे जाते हैं। हरियल पक्षी दूसरे कबूतरों की तरह ही सामाजिक पंछी होते हैं, यह भी कई पक्षियों के झुंड में रहते हैं इनका सबसे छोटा समूह 5-10 कबूतरों का होता है। यह जमीन पर बहुत कम उतरते हैं, तथा अक्सर पेड़ों पर और ऊंचे स्थानों पर ही बैठते हैं।
- हरियल पक्षी पूर्णतः शाकाहारी होते हैं, तथा कई प्रकार के फल खाते हैं, और अनाज के दाने भी खा लेते हैं। ये कई प्रकार के फूलों की कलियां छोटे पौधों के अंकुर और बीज खाना पसंद करते हैैं।
- यह अक्सर अपना घोंसला पीपल और बरगद के पेड़ पर बनाना पसंद करते हैं।
- हरियल पक्षी का प्रजनन काल मार्च से जून तक होता है। यह एक प्रजनन काल में एक से दो अंडे ही देते हैं। इन अंडो का रंग चमकीला सफेद होता है। नर और मादा दोनों 13 दिन तक अंडों की देखभाल करते हैं। 13 दिन बाद अंडे से बच्चे बाहर आने पर दोनों हरियल पक्षी बच्चों की देखभाल करते हैं।
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The Yellow Footed Green Pigeon
Green Pigeon i.e. The Yellow Footed Green Pigeon is a very beautiful bird of the pigeon family, green-yellow, gray in color. They belong to the species Treron phoenicoptera. The shape of The Yellow Footed Green Pigeon is like a dove. Its color is light greenish-yellow, hence its name The Yellow Footed Green Pigeon. There are 5-6 species of it found in India, which are similar to each other in color and nature.
Let's know the characteristics of The Yellow Footed Green Pigeon bird-
- The Yellow Footed Green Pigeon bird is the national bird of Maharashtra.
- In India, it is seen from the Himalayas to Kanyakumari and from Rajasthan to Assam in the east. The Yellow Footed Green Pigeon prefers trees of deciduous or evergreen forests.
- The belief about this bird is that it never sets foot on the earth. This bird also comes under the category of extinct animals.
- Size of adult Yellow footed green pigeon is between 29 to 33 cm.
- Their average lifespan is up to 26 years.
- Its front is gray and yellow in color. The color of the eyes is mixed with ash gray and green, with beautiful yellow stripes. They have a bright yellow color.
- The beak is thick and strong.
- The eyes are blue, there is a pink circle around the eyes.
- The legs and feet are bright yellow.
- They have a whistling sound which sounds very sweet.
- They are very shy by nature, they become silent on seeing humans.
- The Yellow Footed Green Pigeon birds like forests with tall trees. It is found in evergreen forests. Apart from peepal, it also eats leaves of elder, sycamore, fig trees. It likes the fruits of plum, chironji and jamun.
- It is also often seen in the parks of flying cities in search of food. The Yellow Footed Green Pigeon birds are social birds like other pigeons. They also live in flocks of many birds, their smallest group is 5-10 pigeons. It rarely descends to the ground, and often sits on trees and high places.
- The Yellow Footed Green Pigeon birds are completely vegetarian, and eat many types of fruits, and also eat grains of cereals. They like to eat the shoots and seeds of many types of flower buds from small plants.
- It often prefers to make its nest on Peepal and Banyan trees.
- The breeding season of The Yellow Footed Green Pigeon bird is from March to June. It lays only one to two eggs in one breeding season. The color of these eggs is bright white. Both the male and female take care of the eggs for 13 days. After 13 days, when the chicks come out of the egg, both the The Yellow Footed Green Pigeon birds take care of the babies.
Beautiful
ReplyDeleteआज कल पाँव जमीं पर नहीं रहते मेरे
ReplyDeleteNice information
ReplyDeleteNice information
ReplyDeleteUnique information 👍
ReplyDeleteअच्छी जानकारी..👌👌 इस तरह के कबूतर के विषय में पहली बार जानने को मिला
ReplyDelete👍👍
bahut acchi Jankari Diya Hai
ReplyDeleteNicd
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteKuch janane ki mila is hariyal bird ke bare me. Nice
ReplyDeleteकभी देखा नहीं हरियल कबूतर और सामान्यतः कबूतर की एक ही प्रजाति के बारे में जानते हैं। अच्छी जानकारी
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteबिल्कुल नई जानकारी ... इसके बारे में तो कभी सुना ही नहीं था ... Thanks for sharing 👍👍👍
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteअच्छि जानकारी
ReplyDeletewow beautiful bird
ReplyDeleteहरियल पक्षी कबूतर की प्रजाति का अद्भुत पक्षी है।यह जमीन पर अपने पैरों को नहीं रखता है।
ReplyDeleteJi S.K Pandey Sir😊
Deleteunique information..pahle kabhi nahi suna is kabutar ke bare me
ReplyDeleteहरियल पक्षी के बारे में बेहतरीन जानकारी।
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteNew information...
ReplyDeleteकभी देखा नहीं 👌👍
ReplyDeleteIn pakchhiyo ka sikar kr liya jata hai😭😭
ReplyDeleteManushya ka wash chale to har sunder cheej ka sikar kar le..
DeleteUltimet जानकारियां
ReplyDeleteअदभुत और दुर्लभ जानकारी
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