गौरैया (Gauraiya)/ Sparrow
गौरैया (Sparrow) एक छोटी सी चिड़िया है, जो लगभग पूरे यूरोप और एशिया में पाई जाती है। यह नन्हीं चिड़िया गांवों, शहरों और लोगों के घरों में रहना पसंद करती है। लेकिन आधुनिक युग में ऊंची- ऊंची बिल्डिंग में सही से जगह नहीं मिलने और खानपान की कमी के कारण तथा कीटनाशक के छिड़काव के कारण गौरैया (Sparrow) की संख्या दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है। गौरैया (Sparrow) की मृत्यु का एक बड़ा कारण यह मोबाइल टावर भी बताए जाते हैं। जब मैं छोटी थी तो गौरैया (Sparrow) पक्षी को बड़े-बड़े झुंड में देखा करती थी, अब तो कहीं देखने को भी नहीं मिलती और अगर दिख भी गई तो दो या चार के झुंड में। आज मैं आपको गौरैया (Sparrow) के कुछ बेसिक इंफॉर्मेशन के बारे में बताऊंगी...
गौरैया (Gauraiya) के बारे में 14 रोचक तथ्य
- गौरैया एक ऐसा पक्षी है जो संपूर्ण भारत के अलावा एशिया और यूरोप महादेश में भी पाया जाता है। ये बहुत आकर्षक होते हैं और इनकी चीं-चीं की आवाज बहुत ही मधुर होती है।
- ये पक्षी भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य रूप से पाए जाते हैं। यह गांव के कच्चे मकान में, पेड़ों पर इत्यादि जगह पर घोंसला बनाकर रहते हैं। ये खेतों में मौजूद कीट-पतंगों को खाकर किसानों को कीट-पतंगों से राहत दिलाते हैं।यही कारण है कि गोरैया को किसान प्रेमी पक्षी कहा जाता है। यह पंछी हमेशा झुंड में रहना पसंद करते हैं।
- आमतौर पर हमारे स्थानीय भाषा में नर गौरैया को 'चिड़ा' और मादा गौरैया को 'चिड़ी' कहा जाता है यह अपने छोटे से पंख की सहायता से बहुत तेजी से उड़ते हैं।
- अभी तक हुए खोज के अनुसार दुनिया भर में गौरैया के लगभग 43 प्रजातियां हैं।
- नर और मादा गौरैया में रंग के आधार पर अंतर किया जा सकता है। नर गौरैया की पीठ तंबाकू रंग की और गर्दन पर काली पट्टी होती है, जबकि मादा गौरैया की पीठ और गर्दन की पट्टी दोनों भुरे रंग की होती है।
- गौरैया का वजन लगभग 24 से 40 ग्राम तक होता है।
- गौरैया समान्यत: 38 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ने में सक्षम होतीं हैं, लेकिन यह खतरे के समय 50 किलोमीटर प्रति घंटे की तेजी से भी उड़ सकतीं हैं।
- घोसला बनाने का काम नर गौरैया का होता है, जिसमें मादा गौरैया अपना अंडा देती है।
- ये पंक्षी लगभग हर तरह की जलवायु पसंद करते हैं पर पहाड़ी स्थानों में कम दिखाई देते हैं।
- वर्तमान समय में विश्व स्तर पर इनकी संरक्षण के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उन्हीं महत्वपूर्ण कदमों में से एक वैश्विक स्तर पर 20 मार्च को 'वर्ल्ड स्पैरो डे' मनाया जाता है।
- भारत सरकार भी इस पक्षी के संरक्षण में कोई कोर कसर नहीं छोड़े हुए हैं। यही कारण है कि गौरैया को बिहार और दिल्ली सरकार द्वारा राजकीय पक्षी घोषित किया गया है।
- एक मादा गौरैया हर साल 3 से 5 अंडे देती है, यह अपने अंडों को 15 दिनों तक सेने का काम करती है लेकिन मोबाइल टावर के पास उनका घोंसला होने के कारण अंडे 30 दिनों तक नहीं फटते हैं। 15 दिनों के बाद अंडे से गौरैया के बच्चे जन्म लेते हैं और ये बच्चे 15 दिनों के बाद इतने काबिल हो जाते हैं कि वह अपना घोंसला छोड़ सकते हैं।
- भले ही गौरैया की गिनती पानी के पक्षी में नहीं होती होगी, लेकिन ये अच्छे तैराक भी होते हैं। ये पानी में आसानी से तैर सकते हैं। मैंने ज्यादातर गौरैया को नहाते हुए देखा है, जो बड़ा अच्छा लगता है।
- गौरैया को इंसानों के अलावा जानवरों से भी खतरा होता है, इनमें बिल्लियां, सांप, कुत्ते, लोमड़ी आदि हैं।
Sparrow
14 Interesting facts about Sparrow
- Sparrow is a bird that is found all over India as well as in Asia and Europe continent. They are very attractive and their chirping sounds are very sweet.
- These birds are mainly found in rural areas in India. They live by making nests in the kutcha houses of the village, on the trees etc. They provide relief to the farmers by eating the insects and moths present in the fields. This is the reason why Goraiya is called the farmer loving bird. These birds always like to live in flocks.
- In our local language, the male sparrow is usually called 'bird' and the female sparrow is called 'bird'. They fly very fast with the help of their small wings.
- According to the discovery so far, there are about 43 species of sparrows in the world.
- Male and female sparrows can be distinguished on the basis of colour. The male sparrow has a tobacco-colored back and a black stripe on its neck, while the female sparrow's back and neck are both brown in color.
- The weight of sparrows ranges from about 24 to 40 grams.
- Sparrows are generally able to fly at a speed of 38 km per hour, but they can also fly at a speed of 50 km per hour during times of danger.
- The work of making the nest is done by the male sparrow, in which the female sparrow lays her egg.
- These birds prefer almost all types of climate but are less visible in mountainous places.
- At present, many important steps have been taken for their conservation at the world level. One of those important steps is celebrating 'World Sparrow Day' globally on 20 March.
- The Government of India is also leaving no stone unturned in the conservation of this bird. This is the reason why the sparrow has been declared as the state bird by the Government of Bihar and Delhi.
- A female sparrow lays 3 to 5 eggs every year, it hatches its eggs for 15 days but the eggs do not hatch for 30 days due to their nesting near the mobile tower. After 15 days the sparrow's babies are born from the eggs and these babies become so capable after 15 days that they can leave their nest.
- Even though sparrows may not count in water birds, but they are also good swimmers. They can float easily in water. I have mostly seen sparrow taking a bath, which sounds very good.
- Sparrows are at risk from humans as well as animals, including cats, snakes, dogs, foxes, etc.
पुरानी जानकारी
ReplyDeleteपुरानी जानकारी
ReplyDeletePahle ghar ke chhat par jhund me gauraiya aya karti thi...ab ti inki bhi bahut kam sankhya bachi ha..
ReplyDeleteअच्छी जानकारी, अभी भी दिखती हैं लेकिन कम।
ReplyDeleteबहुत प्यारी चिड़िया है.. घर आंगन में इनका
ReplyDeleteफुदकना और चहकना... घंटों देखने पर भी मन नहीं भरता..इनका संरक्षण हमें भी करना चाहिए.
बहुत अच्छी जानकारी मिली 👍👍👌
गौरैया छोटी सी तथा प्यारी चिड़िया है
ReplyDelete।इनकी संख्या में कमी होती जा रही है। अतः संरक्षण की आवश्यकता है ।
अच्छी जानकारी
ReplyDeletenice
ReplyDeleteNice post
ReplyDeleteआज का ब्लॉग महत्वपूर्ण है।आज तक आपके ब्लॉग के माध्यम से नित नवीन जानकारियां मिलती थी। बेशक आज की जानकारी पुरानी हो सकती है लेकिन आपने आज के ब्लॉग के माध्यम से परोक्ष रूप से गौरैया संरक्षण का गंभीर मुद्दा उठाने की चेष्टा की है।विकास की अंधी दौड़ में हम प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं और आज कदाचित परिणाम भी भुगत रहे हैं। हमें आपको सभी को गौरैया को बचाने के लिए आगे आना ही होगा।
ReplyDeleteबहुत ही महत्वपूर्ण ब्लॉग।
उम्दा लेख... प्रकृति के सामंजस्य को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है कि पेड़ पौधे लगाने और उनके संरक्षण के साथ साथ गौरैया और अन्य जीवों का भी संरक्षण हो।
ReplyDeleteगौरैया के विषय में आर्टिकल लिखकर आपने जनमानस में एक संदेश दिया है...thanksfor sharing..
ये वे पक्षी हैं जिन्हें मैं प्यार करता हूँ। हमेशा बातूनी। उनके बारे में लिखने के लिए धन्यवाद।
ReplyDelete, अच्छी जानकारी
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteNice
ReplyDelete👍👍
ReplyDeletenice information
ReplyDeleteGauraiya chidiyon ka ghar k chhat angan me chahchahana bahut achaa lagta ha...mujhe dekhne mile to mai to Sara din baith k inhe dekh sakti hu. ..🍁🍁👌👌👌🌹🌹🌹
ReplyDeleteVery nice
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