मिट्टी की महिमा
निर्मम कुम्हार की थापी सेकितने रूपों में कुटी पिटी,
हर बार बिखेरी गई किंतु
मिट्टी फिर भी तो नहीं मिटी।
आशा में निश्चल पल जाए,
छलना में पड़कर छल जाए,
सूरज दमके तो तप जाए,
रजनी ठुमके तो ढल जाए।
यूं तो बच्चों की गुड़िया सी भोली,
मिट्टी की हस्ती क्या,
आंधी आए तो उड़ जाए,
पानी बरसे तो गल जाए।
फसलें उगती, फसलें कटती,
लेकिन धरती चिर उर्वर है,
सौ बार बने, सौ बार मिटे,
लेकिन मिट्टी अविनश्वर है,
मिट्टी गल जाती पर,
उसका विश्वास अमर हो जाता है।
--शिव मंगल सिंह 'सुमन'
❤️❤️एक मिनट में जिंदगी नहीं बदलती..
पर एक मिनट में सोच कर लिया हुआ
फैसला ...
पूरी जिंदगी बदल देता है❤️❤️
Happy Sunday... बहुत ही प्यारी तस्वीर के साथ सुंदर कविता🌹🌹🌹🌹👌👌
ReplyDeleteNice⭐
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteMind pleasurable👌
ReplyDeleteबहुत अच्छे संदेश के साथ इतवार वाला ब्लॉग।
ReplyDeleteशुभ रविवार।
Happy Sunday and nice one
ReplyDeleteNice👍
ReplyDeleteअति सुंदर कविता है आपकी,सधन्यबाद जी🌹🙏🙏🌹
ReplyDeleteVery nice 👍👍
ReplyDeleteअति सुन्दर
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeleteबहुत अच्छी कविता 👌👌 सुंदर तस्वीर के साथ ❤️❤️
ReplyDeleteशुभ रविवार 🌹🌹
Happy Sunday
ReplyDeleteअच्छी कविता
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeleteHappy Sunday!!
ReplyDeleteHappy Sunday nice Dp
ReplyDeleteHappy Sunday nice Dp
ReplyDeleteHappy Sunday 😊 nice Dp
ReplyDeleteBful poem ..bful pic .. happy sunday
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeleteSundar panktiyan aur sundar chitra ce saath saath aapka jeevan bhi sundar aur swasthya ho 🙏🙏
ReplyDeleteHappy Sunday 🌹🌹
ReplyDeleteWonderful dp 😘😘♥️♥️
ReplyDeleteSunder Tasveer..Nice Poem..
ReplyDeleteWow dear ...beautiful 😍😍😍😍
ReplyDelete🙏🏾नि:शब्द हू 🙏🏾
ReplyDeleteBeautiful lines ji
ReplyDeleteSuperb ji
ReplyDelete