इतवार (Sunday)
इसका सीधा सा अर्थ है आप उनसे दो कदम आगे हैं..❤❤
तू खुद की खोज में निकल
तू खुद की खोज में निकल
तू किस लिए हतास है
तू चल तेरे वजूद की
समय को भी तलाश है
जो तुझ से लिपटी बेड़ियां
समझ ना इसको वस्त्र तू
यह बेड़ियां निकालकर
बना ले इसको शस्त्र तू
तू खुद की खोज में निकल
तू किस लिए हतास है
तू चल तेरे वजूद की
समय को भी तलाश है चरित्र जन पवित्र हैं
तो क्यों है यह दशा तेरी
यह पापियों को हक नहीं
की ले परीक्षा तेरी
तू खुद की खोज में निकल
तू किस लिए हतास है
तू चल तेरे वजूद की
समय को भी तलाश है
जलाकर भस्म कर उसे
जो क्रूरता का जाल है
तू आरती की लौ नहीं
तू क्रोध की मशाल है
तू खुद की खोज में निकल
तू किस लिए हतास है
तू चल तेरे वजूद की
समय को भी तलाश है
चुनर उड़ा के ध्वज बना
गगन भी कपकापाएगा
अगर तेरी चुनर गिरी
तो एक भूकंप आएगा
तू खुद की खोज में निकल
तू किस लिए हतास है
तू चल तेरे वजूद की
समय को भी तलाश है
जिसे लोग कहते हैं कि आप नहीं कर सकते..❤❤
नाखूनों से कत्ल करना है या...
ReplyDeleteSuperb photography 👌👌👌
Nice poem...Have a great day...
Happy Sunday
ReplyDeleteNice 👍
ReplyDeleteअँधेरे से ujale की taraf niklna hai..nice one
ReplyDeleteअच्छी कविता और सुंदर तस्वीर, शुभ रविवार
ReplyDeleteHappy Sunday ....Nice poem with beautiful pics❤️❤️❤️😘😘😘🤗🤗🤗
ReplyDeleteHave a nice day😌😊
ReplyDelete👏👏👏👏
ReplyDeleteहमेशा की तरह प्रेरक कविता।
ReplyDeleteHappy Sunday.
Happy sunday
ReplyDeleteHappy sunday
ReplyDeleteNice poem nice pic & have a nice sunda🌞🌞
ReplyDeleteप्रेरणास्पद कविता, शुभ रविवार।
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeleteNice 👍
ReplyDeleteHappy Sunday 🌹🌹
ReplyDelete😘😘😘❤️❤️❤️
ReplyDeletePic jayani ne click ki ha?
ReplyDeleteNice click..
Happy sunday
ReplyDeleteNice👍
ReplyDeleteHappy sunday
ReplyDeleteBhut khub
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