Dard Quotes / दर्द शायरी / Dard Shayari
क्या कहूँ तुझसे तुझपे मेरा हक नहीं
ना है तू मेरा,ना मैं तेरी हुई
क्यूँ हुई यकीन की बेआबरूयत
आस है उससे जिससे आस ही नहीं
दूर इतनी की खयालों में भी नहीं
रूबरू होना दूर एहसासों में भी नहीं
क्यूँ हुई ये बेसबब तोहीन-ए-मोहब्बत
पास हूँ उसके जो पास ही नहीं
खुमारी तेरे खयालों की इख़्तियार नहीं
रहते हरदम छाए निगाहों में जोर नहीं
क्यूँ हुई चाहतों की मेरी रुसवाईयत
रास आया क्यूँ जिसे हम रास ही नहीं
💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔
ऐ मन ले चल मुझे वहाँ
जहाँ कोई नहीं हो तेरे और मेरे सिवा🍂
जहाँ कोई नहीं हो तेरे और मेरे सिवा🍂
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मेरे कातिल को कोई इतना पूछे
मिटा के मुझको आखिर क्या मिलेगा
मिटा के मुझको आखिर क्या मिलेगा
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मेरी आँखों की जानिब तुम ना देखो
यहाँ मौसम बहोत भीगा मिलेगा
यहाँ मौसम बहोत भीगा मिलेगा
💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔
बिछड़ के मुझ से तुम को क्या मिलेगा
कहाँ इक दोस्त मुझ जैसा मिलेगा🍂
कहाँ इक दोस्त मुझ जैसा मिलेगा🍂
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न तुझसा कोई न मुझसा मिलेगा🍂
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बहुत अकेला कर गया वो मुझे
लगता ही नहीं के मेरे अंदर मेरा भी कुछ है..
आंखों में सिर्फ उसका इंतजार है और
हर आती जाती सांसों में सिर्फ उसका नाम..❤️
लगता ही नहीं के मेरे अंदर मेरा भी कुछ है..
आंखों में सिर्फ उसका इंतजार है और
हर आती जाती सांसों में सिर्फ उसका नाम..❤️
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ये हर बदलता मौसम मुझे
बेहद करीब ले जाता उसकी यादों के
मैं जितना दूर होना चाहती
वह उतना पास आते जाता
मैं भूलना चाहती जिन लम्हों को
वो कुछ ज्यादा ही याद आती
लम्हा लम्हा तो जुड़ा है उसकी बातों से
चाहे फिर वो सुबह की पहली किरण हो
दोपहर की चिलचिलाती धूप
शाम का दिलकश नज़ारा हो
या रात की शीतलता
बारिश की फुहारें हो
या आसमान में कड़कती बिजली
आधा चांद हो या
पुर्णिमा का पूरा चांद
पतझड़ हो या सावन
ये हर बदलता मौसम
बेहद करीब ले जाता उसकी यादों के
मैं जितना दूर होना चाहती
वह उतना पास आते जाता..❤️
बेहद करीब ले जाता उसकी यादों के
मैं जितना दूर होना चाहती
वह उतना पास आते जाता
मैं भूलना चाहती जिन लम्हों को
वो कुछ ज्यादा ही याद आती
लम्हा लम्हा तो जुड़ा है उसकी बातों से
चाहे फिर वो सुबह की पहली किरण हो
दोपहर की चिलचिलाती धूप
शाम का दिलकश नज़ारा हो
या रात की शीतलता
बारिश की फुहारें हो
या आसमान में कड़कती बिजली
आधा चांद हो या
पुर्णिमा का पूरा चांद
पतझड़ हो या सावन
ये हर बदलता मौसम
बेहद करीब ले जाता उसकी यादों के
मैं जितना दूर होना चाहती
वह उतना पास आते जाता..❤️
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यादों का सिलसिला यू हीं अनवरत चलता रहता
कभी उसकी यादें स्कूटी पर भी रुला जाती
कभी चाय की प्याली के साथ हंसा जाती
कभी भरी महफिल में तन्हा कर जाती
तो कभी तन्हाई में गुदगुदा जाती
यादों का ये सिलसिला बदस्तूर चलता रहता
कभी पीछे से उसके बाहों के घेरे होते
और मैं जोर से चिल्ला जाती
कभी आलू टमाटर की सब्जी भी रुला जाती
कभी एक दूध की ग्लास भी हंसा जाती
यादों का ये सिलसिला बदस्तूर चलता रहता
पर
ये यादें गुदगुदाती कम रुला ज्यादा जाती..❤️
कभी उसकी यादें स्कूटी पर भी रुला जाती
कभी चाय की प्याली के साथ हंसा जाती
कभी भरी महफिल में तन्हा कर जाती
तो कभी तन्हाई में गुदगुदा जाती
यादों का ये सिलसिला बदस्तूर चलता रहता
कभी पीछे से उसके बाहों के घेरे होते
और मैं जोर से चिल्ला जाती
कभी आलू टमाटर की सब्जी भी रुला जाती
कभी एक दूध की ग्लास भी हंसा जाती
यादों का ये सिलसिला बदस्तूर चलता रहता
पर
ये यादें गुदगुदाती कम रुला ज्यादा जाती..❤️
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उसकी याद में पल पल बिखरती जा रही हूं
ऐ जिंदगी, संभाल ले मुझे
बहुत सी जिम्मेदारियां बाकी है अभी..🍂
ऐ जिंदगी, संभाल ले मुझे
बहुत सी जिम्मेदारियां बाकी है अभी..🍂
💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔
मैं समेटने में लगी हूं और वो बिखरता जा रहा..🍂
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फासला इतना के उसे देख भी नहीं सकते,
और क़रीब इतना है के रग रग में बसा है❤
💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔
दर्द क्या है - तुझसे दूरी;
नशा क्या है - तेरी बांहे;
सुंदर क्या था - तेरा साथ;
मीठा क्या था - तेरी बातें;
स्वाद क्या है - तेरे लब;
खुशी क्या है - तेरी मुस्कान;
रात क्या है - तेरी खामोशी;
सूरज क्या है - तेरी चमक;
ख्वाब क्या है - तेरा दीदार;
गहरा क्या है - तेरी आंखें;
सुकून क्या है - तेरी आवाज़ ❤️
नशा क्या है - तेरी बांहे;
सुंदर क्या था - तेरा साथ;
मीठा क्या था - तेरी बातें;
स्वाद क्या है - तेरे लब;
खुशी क्या है - तेरी मुस्कान;
रात क्या है - तेरी खामोशी;
सूरज क्या है - तेरी चमक;
ख्वाब क्या है - तेरा दीदार;
गहरा क्या है - तेरी आंखें;
सुकून क्या है - तेरी आवाज़ ❤️
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कुछ लोग ज़िन्दगी होते हैं
पर ज़िन्दगी में नही होते..💔
पर ज़िन्दगी में नही होते..💔
💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔
मेरी बस एक तमन्ना थी जो हसरत बन गयी
कभी उससे दोस्ती थी फिर मोहब्बत बन गयी
कुछ इस तरह शामिल हुआ वो मेरी जिन्दगी में कि
सिर्फ उसे ही सोचते रहना मेरी आदत बन गयी..❤️
कभी उससे दोस्ती थी फिर मोहब्बत बन गयी
कुछ इस तरह शामिल हुआ वो मेरी जिन्दगी में कि
सिर्फ उसे ही सोचते रहना मेरी आदत बन गयी..❤️
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कोई कब तक महज सोचे,कोई कब तक महज गाए ?
इलाही क्या ये मुमकिन है कि कुछ ऐसा भी हो जाए
मेरा महताब उसकी रात के आगोश में पिघले ,
मैं उसकी नींद में जागूँ वो मुझमे घुल के सो जाए..🍂
💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔इलाही क्या ये मुमकिन है कि कुछ ऐसा भी हो जाए
मेरा महताब उसकी रात के आगोश में पिघले ,
मैं उसकी नींद में जागूँ वो मुझमे घुल के सो जाए..🍂
कितना भी चाहो ना भूला पाओगे
हमसे जितना दूर जाओ नज़दीक पाओगे
हमे मिटा सकते हो तो मिटा दो
यादें मेरी, मगर….
क्या सपनो से जुदा कर पाओगे हमें..❤️
हमसे जितना दूर जाओ नज़दीक पाओगे
हमे मिटा सकते हो तो मिटा दो
यादें मेरी, मगर….
क्या सपनो से जुदा कर पाओगे हमें..❤️
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सोंचा था
कभी बात नहीं करूंगी उससे
ये उसकी सजा होगी
उसके हर गलतियों की
फिर ख्याल आया
उसे कब फर्क पड़ता है
इन बातों से
ये तो मेरी सजा है
उससे दिल लगाने की..💔
कभी बात नहीं करूंगी उससे
ये उसकी सजा होगी
उसके हर गलतियों की
फिर ख्याल आया
उसे कब फर्क पड़ता है
इन बातों से
ये तो मेरी सजा है
उससे दिल लगाने की..💔
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वक़्त रहता नहीं कहीं टिककर,
इसकी आदत भी आदमी सी है..❤️
इसकी आदत भी आदमी सी है..❤️
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सभी 1 से बढ़कर 1
ReplyDelete👌👌♥️🌹😍
Mem, you write extremely well. Your clearity of thought is exemplary.
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