मृत सागर
दुनिया भर के समुद्रों का पानी खारा या नमकीन होता है। इनमें नदियों के पानी की तुलना में समुद्र के नमकीन पानी का घनत्व अर्थात डेंसिटी बढ़ जाती है। आम पानी की तुलना में इसके पानी में 20 गुना ज्यादा ब्रोमियम, 50 गुना ज्यादा मैग्नीशियम और 10 गुना ज्यादा आयोडीन होता है। इस वजह से ना तो यह पानी पीने लायक होता है और ना ही इस में मौजूद नमक का उपयोग किया जा सकता है।
ऐसा ही एक छोटा सा समुद्र "मृत सागर" है। इसराइल की एक समुद्र को "मृत सागर" के नाम से जाना जाता है। मृत सागर इसराइल और जॉर्डन के बीच स्थित है। यह समुद्र तल से 1375 फुट या 420 मीटर नीचे और समुद्री सतह से करीब 2400 फुट नीचे है। दुनिया का सबसे निचला बिंदु कहा जाने वाला सागर है। यह सागर 48 मील लंबा और 11 मील चौड़ा है। यह "अरबी झील" के रूप में भी जाना जाता है। इस सागर में जॉर्डन नदी और अन्य कई नदियां आकर गिरती हैं। इसमें जीवाणु की 11 जातियां पाई जाती हैं। इसके अतिरिक्त मृत सागर में प्रचुर मात्रा में खनिज पाए जाते हैं।
इस सागर की खास बात यह है कि यहां कोई डूब नहीं सकता। यहां बिना किसी डर के आसानी से तैरा जा सकता है। यह हमेशा से ही विदेशी सैलानियों के आकर्षण का केंद्र रहा है। इसकी खूबी और उसके आसपास फैले सौंदर्य की वजह से इसे 2007 में विश्व के सात अजूबों में चुनी गई 28 जगहों की सूची में शामिल किया गया था। यहां का वातावरण बहुत खुश्क है। यहां पर तापमान पूरा साल गर्म रहता है। यहां का वाष्पीकरण तेज होने के कारण इसका पानी हर साल 1 मीटर से अधिक कम होता जाता है और झील की लवणता बढ़ती जाती है।
हालांकि इस सागर में कोई जीव जीवित नहीं रह सकता, पर इसका पानी बहुत ही औषधीय गुणों से भरपूर है। इस पानी को पिया तो नहीं जा सकता पर लाइलाज रोगों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। इसी कारण आज "मृत सागर" एशिया के मेडिकल टूरिज्म के रूप में आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। यह खनिज पदार्थ वातावरण के साथ मिलकर स्वास्थ्य के लिए लाभदायक वातावरण बनाते हैं। इसके अतिरिक्त "मृत सागर" के अंदर की गीली मिट्टी को "क्लियोपैट्रा की खूबसूरती" का राज से भी जोड़ा जाता है।
मृत सागर अपनी विलक्षणताों के लिए कम से कम चौथी सदी से जाना जाता है। जब विशेषताओं द्वारा इसकी सत्तल से शिलाजीत निकालकर मिश्र वासियों को बेचा जाता था। यह चीजों को सड़ने से बचाने सुगंधित करने के अलावा अन्य दूसरे कार्यों में भी उपयोग आता है। इसके गर्म सल्फर और कीचड़ कई असाध्य रोगों के इलाज में, खास कर जोड़ों से संबंधित बिमारियों में अत्यंत कारगर हैं।
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The dead Sea
Taking forward the post of Wonderful World, another topic with you today discuss "Dead Sea". Many people may have heard about it and perhaps some people are also unaware. So let's share some information about the Dead Sea today, hope you like this article.
The waters of the oceans around the world are salty or salty. In these, the density of salty water of the sea, ie density increases, compared to the water of rivers. Its water contains 20 times more bromium, 50 times more magnesium and 10 times more iodine than ordinary water. For this reason neither this water is drinkable nor the salt present in it can be used.
One such small sea is the "Dead Sea". A sea of Israel is known as the "Dead Sea". The Dead Sea lies between Israel and Jordan. It is 1375 feet or 420 meters below sea level and about 2400 feet below sea level. The sea is called the lowest point in the world. This ocean is 48 miles long and 11 miles wide. It is also known as "Arabic Lake". The Jordan River and many other rivers fall in this sea. 11 species of bacteria are found in it. Additionally, abundant minerals are found in the Dead Sea.
The special thing about this ocean is that no one can drown here. Here one can easily swim without any fear. It has always been the center of attraction for foreign tourists. Due to its beauty and beauty spread around it, in 2007 it was included in the list of 28 places selected among the seven wonders of the world. The climate here is very dry. The temperature here is warm all year round. Due to the rapid evaporation here, its water decreases more than 1 meter every year and the salinity of the lake increases.
Although no organism can survive in this ocean, its water is very rich in medicinal properties. This water cannot be drunk but is used in the treatment of incurable diseases. For this reason, today the "Dead Sea" is becoming a center of attraction in the form of medical tourism in Asia. These minerals combine with the atmosphere to create a beneficial environment for health. In addition, the wet soil inside the "Dead Sea" is also associated with the secret of the "beauty of Cleopatra".
The Dead Sea has been known for its eccentricities since at least the fourth century. When Shilajit was removed from its power by characteristics, the Egyptians were sold. It is also used in other works besides scenting to save things from rotting. Its hot sulfur and sludge are extremely effective in treating many incurable diseases, especially in diseases related to joints.
Ghumne jana padega
ReplyDeleteEk aur nyi baat janane ko mili is blog k madhyam se ....nice one👌👌👍👍
ReplyDeleteYe to majedaar jagah ha..
ReplyDeletenice
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteमृत सागर का नाम ही मृत है बाकी सब कुछ जीवंत और चमत्कारिक है।
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteKnowledgeable post 👌👌
ReplyDeleteVert interesting place...
ReplyDelete👍👍👍
ReplyDeleteSelective post..
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteNice place
ReplyDeletePhirse kuch nya pata chala
ReplyDeleteWow!! Interesting place
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteAmazing facts yaar👌👌
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteबहुत अच्छी जानकारी
ReplyDeleteI want to visit there
ReplyDeleteअद्भुत संसार के अद्भुत सागर के रहस्यों
ReplyDeleteके बारे में अद्भुत जानकरी प्रदान करने के
लिए आपका आभार।
🌹🙏गोविंद🙏🌹
अद्भुत अविश्वसनीय 👌🏻
ReplyDelete👌👌👌अद्धभुत जानकारी 🙏🙏🙏
ReplyDelete🙏🙏🙏आप का बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐