इतवार
💦💦जिंदगी में जो करना चाहते हैं वो जरूर कीजिये,
ये मत सोचिये के लोग क्या कहेंगे।
क्यूँकि लोग तो तब भी कुछ कहते हैं,
जब हम कुछ नहीं करते। 💦💦
मैं तुम सब की ओर निहार रहा हूं ,
स्थान मुझे भी दो तुम अपने बीच ;
सबसे नीचे धूल भरी धारणी पर।
जहाँ ना आसन का देना है मूल्य ,
जहां खींचकर रेखा कुछ है लेना ;
जहां मान- अपमान का ना है भेद ,
स्थान वहां दो मुझको अपने बीच।
जहां आवरण बाहर का ना रहे कुछ ,
जहां रहे परिचय अपना उन्मुक्त ;
अपना कहने को ना जहां कुछ भी हो।
जहाँ ना ढके रहे अपने को सत्य ,
वही खड़ा रह परम धाम से 'उनके'
भर लूंगा मैं अपना सारा दैन्य ,
स्थान वहां दो मुझको अपने बीच।
💞💞 एक बचपन का जमाना था,
जिसमें खुशियों का खजाना था।
चाहत चांद को पाने की थी,
पर दिल तितली का दीवाना था। 💞💞
Aapka itwari post har itwar ko rangeen bna deta hai 👌👌👏👏
ReplyDeleteWwoww ....mast bilkul👏👏
ReplyDeletePerfect ✌
ReplyDeleteNice poem..with beautiful smile..
ReplyDeletenice....
ReplyDelete���� एक बचपन का जमाना था,
ReplyDeleteजिसमें खुशियों का खजाना था।
चाहत चांद को पाने की थी,
पर दिल तितली का दीवाना था। ����
आता है मुझे फिर याद वही गुजरा जमाना बचपन का...आहा....हर इतवार तुम्हारा पोस्ट बचपन के खुशनुमे याद में ढकेल देती है। मस्त पिंक
Very nice
ReplyDeleteइतवार का ब्लॉग भावमय कविता के साथ साथ प्यारी सी फ़ोटो के साथ बहुत ही खास बन जाता है और आज तो दो नन्हीं परियों ने चार चाँद लगा दिया
ReplyDeleteAdbhut
ReplyDeleteKuch to log kahenge..logon ka kaam ha kahna...very nice post...superb
ReplyDeleteपठनीय ब्लॉग।
ReplyDeleteVery nice post 👍👍,aaj garden me 3gulab wonderful Sunday 😘♥️
ReplyDeleteBachpan ki yaad dilati post jab Sunday ka siddat se intezaar rahta tha, sundar kavita aur photo
ReplyDeleteReally beautiful poem & beautiful family pic.
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeleteBeautiful lines
ReplyDeleteBehtareen lines Yaar😍😍
ReplyDeleteVery Nice..
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