वात, पित्त और कफ
वात
वात के रोगजोड़ों में दर्द, जोड़ों में कट कट की आवाज करना, अंगों में वायु का भरा होना, पेट फूलना, अपान वायु, डकार या हिचकी, अनियमित भूख या प्यास, मुंह का सूखना, आवाज का कर्कश होना, स्वाद कसैला होना, मल- मूत्र या पसीना कम आना, नींद ना आना, जम्हाइयां (उबासी), कब्जियत, सुस्ती, थकान, पक्षाघात, लकवा, गठिया, वायु गोला उठना, वात ज्वर होना, बहरापन, शरीर का रुखा- रुखा होना, शरीर का सूखना या दुर्बल होना, अंगों की शिथिलता, सुन्नता और शीतलता, अंगों में कठोरता और जकड़न होना, पैरों की बिवाइयां, होठों का फटना, हथेलियों का फटना, नाखून वह बालों का कड़ा होना, हाथ पैर गर्दन आदि का कांपना व फड़कना, अंगों में वह नाड़ियों में खिंचाव होना, झटका लगने, मसलने, काटने, तोड़ने या सुई चुभने जैसी पीड़ा होना और स्नायु संस्थान के रोग।
दिन के प्रथम प्रहर में वात का जोर रहता है।
पथ्य आहार (क्या खाएं)
परवल, बथुआ, लौकी, तेल में पकाए प्याज और मूली, चलाई, गाजर, सहजन की फली।
फल - अंगूर, नारंगी, फालसा, शहतूत, पके आम, मीठा अनार।
मेवा - अखरोट, बादाम, अंजीर, मुनक्का, खजूर।
औषधि - सोंठ, हींग, अजवाइन, मेथी दाना, पीपर, दालचीनी, इलायची, जायफल, सेंधा नमक, एरंड तेल, हरडे, बेल, गिलोय, अश्वगंधा, शतावरी।
अपथ्य आहार (क्या ना खाएं)
मूली, पालक, चीनी, मादक व उत्तेजक पदार्थ - जैसे चाय, कॉफी, धूम्रपान, शराब, ड्रग्स, ठंडी वस्तुएं, बासी भोजन, जौ, चने का साग, चना, मसूर, अरहर, फूल गोभी, मटर, सेम, मैदे से बनी वस्तुएं, डिब्बाबंद आहार, फास्ट फूड - पिज्जा, बर्गर, चाऊमीन आदि आइसक्रीम, शीतल पेय - पेप्सी, कोकाकोला, फ्रूटी आदि।
फल - केला, अमरूद, अनानास, करौंदा, पपीता, जामुन, तरबूज।
मेवा - अधिकतर सूखे मेवे
पित्त
पित्त के रोगपीलिया, पित्त ज्वर, रक्त स्राव होना, नींद कम आना, नेत्र विकार, पित्ती उछलना, शरीर में जलन, आंखों में लालीमा और जलन, ह्रदय व पेट में जलन, गर्मी ज्यादा लगना, त्वचा गर्म रहना, फोड़े - फुंसी निकालना, त्वचा, मूत्र व नेत्र का पीला होना, कंठ सूखना व कंठ में जलन होना, मुंह का स्वाद कड़वा या खट्टा होना, अम्लता बढ़ना, खट्टी डकारें, उल्टी जैसा अनुभव होना, पतले दस्त होना, थोड़ी सी मेहनत में पसीना आ जाना।
दिन के दूसरे प्रहर में पित्त का जोर रहता है।
पथ्य आहार (क्या खाएं)
पुराने चावल, जौ, गेहूं, ज्वार, मसूर, मूंग, अरहर, सत्तू, दलिया, परवल, बथुआ, टिंडे, तुरई, ककड़ी, सेम, हरा धनिया, पुदीना, खीरा, प्याज, नींबू, गाय का दूध, मलाई, पनीर, घी, मक्खन, दही, मीठा खीर, मिश्री, देसी खांड।
फल - हरा आंवला, केला, तरबूज, पानी वाला नारियल, फालसा, शहतूत, सेव, आलू बुखारा।
मेवा - बुखारा, गुलकंद, पेठा, अंजीर, मुनक्का।
औषधि - केवड़े का शरबत, नींबू की शिकंजी, सब्जियों का सूप, दोपहर से पहले छाछ का सेवन।
अपथ्य आहार (क्या ना खाएं)
उड़द, सरसों, दही, नया गुड, लहसुन, मेथी, हींग, शराब, मांस, मछली, अंडे, गर्म तासीर वाले पदार्थ, कॉफी, सिगरेट, कुएं का पानी, मैदे से बनी वस्तुएं, डिब्बे बंदा फास्ट फूड - पिज्जा, बर्गर, चाऊमीन आदि, आइसक्रीम, शीतल पेय - पेप्सी, कोकाकोला, फ्रूटी आदि।
फल - खट्टे फल (अनार को छोड़कर)
मेवा - काजू
कफ
कफ के रोगजुकाम, बलगम अधिक निकलना, कफ अधिक बढ़ जाना, कच्चा मल(आंव ) आना, मल में चिकनापन, नींद अधिक आना, मल - मूत्र, नेत्र और सारे शरीर का सफेद पड़ जाना, मंदाग्नि, भूख कम लगना, खाने में अरुचि, अंगों में शिथिलता, थकावट का अनुभव होना, आलस्य होना, ठंड अधिक लगना, त्वचा चिकनी व भीगी होना, मुंह से लार निकलना।
रात्रि में कफ का जोर रहता है।
पथ्य आहार (क्या खाएं)
पुराना गेहूं, जौ , मूंग, मसूर, चना, कुलथी, सरसों का तेल, नया शहद, छाछ, बथुआ , टिंडे, करेला, गाजर, खीरा, ककड़ी, लहसुन, प्याज, अदरक, मूली, सरसों का साग, बकरी का दूध।
फल - अनार, सेब, तरबूज, बेल।
मेवा - काजू को छोड़कर सूखे मेवे।
औषधि - सोंठ, पीपर, काली मिर्च, हल्दी, लौंग, दालचीनी, मेथी दाना, अजवाइन, सौंफ, जायफल, तुलसी, नीम।
अपथ्य आहार (क्या ना खाएं)
भैंस का दूध, मक्खन, घी, दही, दूध से बनी मिठाइयां, चावल, उड़द, तिल, जैतून तेल, अधिक मीठा, चिकना - ठंडा बासी भोजन, विरुद्ध आहार, गन्ने का रस, चीनी, आलू, अरबी, बैगन, लौकी, तुरई, पालक, मटर, चने का साग, ठंडा पानी, शराब, मांस, मदिरा, अंडे, कॉफी, सिगरेट, मैदे से बनी वस्तुएं, फास्ट फूड, आइसक्रीम, शीतल पेय।
फल - केला, अमरूद और मीठा फल।
मेवा * सिंघाड़ा, बादाम, काजू।
कुछ लोगों के परामर्श से यह आज की पोस्ट डाली गई है। जो चाहते थे कि वात पित्त और कफ को अलग-अलग कैटिगराइज करके डाला जाए। उम्मीद है आपको आज की पोस्ट अच्छी लगेगी और इससे आपको कुछ जानकारी मिलेगी जो आप चाहते थे। 🙏
ReplyDeleteबेहद ज्ञानवर्धक पोस्ट। इसके द्वारा अपनी प्रकृति को पहचान कर पथ्य और अपथ्य का सेवन करना चाहिए। इसे पढंकर में बहुत लाभान्वित हुआ।
ReplyDeleteBest knowledge
ReplyDeleteVery very useful post..
ReplyDeleteदोष के आधार पर आहार की बहुत उपयोगी और ज्ञानवर्धक जानकारी
ReplyDeleteVery nice post
ReplyDeleteबढिय़ा जानकारी
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteUseful information
ReplyDeleteVery useful post 👍👍
ReplyDeleteUseful information #thanks
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteGood info
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteUseful..
ReplyDeleteवात पित और कफ अनियमित होने से कौन कौन सी बीमारी होती है तथा इसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है । क्या क्या खानी चाहिये और क्या नही खानी चाहिये इन सारी बातों को सही तरीके से बतलाने के लिये हृदय से आपको आभार🙏
ReplyDelete👏👌👌👌वात, पित, कफ पर अत्यंत उपयोगी ज्ञानवर्धक लेख🙏
ReplyDelete🙏🙏🙏आप का बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐
🚩जय श्री राम 🚩