Viruddh Aahar (विरुद्ध आहार)..Incompatible food
विरुद्ध आहारः किसके साथ क्या खाएं और क्या ना खाएं
आयुर्वेद के अनुसार विरुद्ध आहार बहुत सी बीमारियों का कारण है। आज कितनी नई बीमारियां लोगों को कष्ट दे रही हैं, जो किस वजह से हो रही कारण का पता नहीं चल पाता है। ऐसी बीमारियों के मूल में कहीं ना कहीं विरुद्ध आहार भी है।
कुछ खाद्य-पदार्थ तो स्वभाव से ही हानिकारक होते हैं। जबकि कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जो अकेले तो बहुत गुणकारी और स्वास्थ्य-वर्धक होते हैं, लेकिन जब इन्हीं पदार्थों को किसी अन्य खाद्य-पदार्थ के साथ लिया जाए तो ये फायदे की बजाय सेहत को नुकसान पहुँचाते हैं। ये ही विरुद्धाहार कहलाते हैं। विरुद्ध आहार का सेवन करने से कई तरह के रोग होने का खतरा रहता है। क्योंकि ये रस, रक्त आदि धातुओं को दूषित करते हैं, दोषों को बढ़ाते हैं।
भोजन 17 प्रकार से विरुद्ध हो सकता है:-
देश विरुद्ध: सूखे या तीखे पदार्थों का सेवन सूखे स्थान पर करना अथवा दलदली जगह में चिकनाई -युक्त भोजन का सेवन करना।
काल विरुद्ध: ठंड में सूखी और ठंडी वस्तुएँ खाना और गर्मी के दिनों में तीखी कशाय भोजन का सेवन।
अग्नि विरुद्ध: यदि जठराग्नि मध्यम हो और व्यक्ति गरिष्ठ भोजन खाए तो इसे अग्नि विरुद्ध आहार कहा जाता है।
मात्रा विरुद्ध: यदि घी और शहद बराबर मात्रा में लिया जाए तो ये हानिकारक होता है।
सात्मय विरुद्ध: नमकीन भोजन खाने की प्रवृत्ति रखने वाले मनुष्य को मीठा रसीले पदार्थ खाने पड़ें।
दोष विरुद्ध: वो औषधि , भोजन का प्रयोग करना जो व्यक्ति के दोष के को बढ़ाने वाला हो और उनकी प्रकृति के विरुद्ध हो।
संस्कार विरुद्ध: कई प्रकार के भोजन को अनुचित ढंग से पकाया जाए तो वह विषमई बन जाता है. दही अथवा शहद को अगर गर्म कर लिया जाए तो ये पुष्टि दायक होने की जगह घातक विषैले बन जाते हैं।
कोष्ठ विरुद्ध: जिस व्यक्ति को कोष्ठबद्धता हो, यदि उसे हल्का, थोड़ी मात्रा में और कम मल बनाने वाला भोजन दिया जाए या इसके विपरीत शिथिल गुदा वाले व्यक्ति को अधिक गरिष्ठ और ज़्यादा मल बनाने वाला भोजन देना कोष्ठ-विरुद्ध आहार है।
अवस्था विरुद्ध: थकावट के बाद वात बढ़ने वाला भोजन लेना अवस्था विरुद्ध आहार है।
क्रम विरुद्ध: यदि व्यक्ति भोजन का सेवन पेट सॉफ होने से पहले करे अथवा जब उसे भूख ना लगी हो अथवा जब अत्यधिक भूख लगने से भूख मर गई हो।
परिहार विरुद्ध: जो चीज़ें व्यक्ति को वैद्य के अनुसार नही खानी चाहिए, उन्हें खाना-जैसे कि जिन लोगों को दूध ना पचता हो, वे दूध से निर्मित पदार्थों का सेवन करें।
उपचार विरुद्ध: किसी विशिष्ट उपचार- विधि में अपथ्य (ना खाने योग्य) का सेवन करना. जैसे घी खाने के बाद ठंडी चीज़ें खाना (स्नेहन क्रिया में लिया गया घृत)।
पाक विरुद्ध: यदि भोजन पकाने वाली अग्नि बहुत कम ईंधन से बनाई जाए जिस से खाना अधपका रह जाए अथवा या कहीं कहीं से जल जाए।
संयोग विरुद्ध: दूध के साथ अम्लीय पदार्थों का सेवन।
हृदय विरुद्ध: जो भोजन रुचिकार ना लगे उसे खाना।
समपद विरुद्ध: यदि अधिक विशुद्ध भोजन को खाया जाए तो यह समपाद विरुद्ध आहार है. इस प्रकार के भोजन से पौष्टिकता विलुप्त हो जाती है. शुद्धीकरण या रेफाइनिंग (refined or matured foods) करने की प्रक्रिया में पोशाक गुण भी निकल जाते हैं।
विधि विरुद्ध: सार्वजनिक स्थान पर बैठकर भोजन खाना।
विरुद्ध आहार के कुछ उदाहरण :-
*- दूध और दही साथ में नहीं खा सकते हैं।दूध तथा दूध
से बने पदार्थ (जैसे खीर, हलवा) के साथ कभी भी दही और दही से बने भोज्य पदार्थ का सेवन
नहीं करना चाहिए।
*- प्याज और दूध कभी
एक साथ न खाये ।
इसको खाने से सबसे
ज्यादा चमड़ी के रोग
होते हैं, खाज ,खुजली,एगसिमा
,सोराईसिस,आदि ।
*- ऐसे ही कटहल
(jack fruit )और दूध कभी न खाये । ये भी जानी दुश्मन हैं ।
*- खट्टे फ़ल जिनमे सिट्रिक ऐसिड होता है कभी दूध
के साथ न खायें । जैसे संतरा, नींबू, अंगूर, मौसंमी।
*- आयुर्वेद के अनुसार
अगर कोई खट्टा फ़ल दूध के साथ खाने वाला है वो एक ही है आंवला । आंवला दूध के साथ
जरुर खाये ।
*- इसी तरह शहद और
घी कभी भी एक साथ न खायें
*- आम की दोस्ती दूध
से जबरद्स्त हैं, लेकिन खट्टे आम की नहीं |इसलिये मैग़ो शेक पी रहे है तो ध्यान रखे
आम खट्टा ना हो।
*- ऐसे ही उरद की दाल
और दही एक साथ नहीं खाएं।
*- कच्चे अंकुरित धान्य
के साथ पका हुआ भोजन नहीं करना चाहिए।
दो विरुद्ध आहार के
बीच कम से कम डेढ़ से दो घंटे का अंतर होना चाहिए।
विरुद्ध आहार से होने वाले रोग :-
जो लोग ऊपर लिखित विरुद्ध
आहारों का सेवन करते रहते हैं, उनके धातु, दोष व मल आदि विकृत हो जाते हैं। वे निम्नलिखित
अनेक प्रकार के रोगों का शिकार हो सकते हैं :
चर्मरोग
फूड पॉयजनिंग
नपुंसकता
पेट में पानी भरना
बड़े फोड़े
भगन्दर
डायबिटीज
पेट से जुड़ी बीमारियां
बवासीर
कुष्ठ,सफेद दाग
टीबी
जुकाम
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Incompatible food
According to Ayurveda, against diet, it is the cause of many diseases. Today, how many new diseases are causing trouble to people, due to which reason the cause is not known. At the root of such diseases is some kind of diet as well.
Some foods are harmful by nature. While there are some foods that are very beneficial and health-enhancing alone, when taken with other foods, they harm health rather than benefits. These are called antidote. There is a risk of many diseases due to taking diet against it. Because these juices, blood etc. contaminate the metals, increasing the defects.
17 types of Incompatible food : -
According to the country: Consumption of dry or pungent substances in a dry place or a greasy food in marshland.
According to Age: Eating dry and cold items in the cold and hot bitter food during summer.
According to intestinal health: If the gastrointestinal is moderate and the person eats the senior food, it is called the food against Agni.
According to quantity: If equal amounts of ghee and honey are taken, it is harmful.
According to truth: A person who has a tendency to eat salty food has to eat sweet juicy foods.
According to defects: Using medicine, food that enhances the person's defects and is against their nature.
According to Sanskar: If many types of food are cooked improperly, it becomes odd. If curd or honey is heated, instead of being confirmed, they become deadly poisonous.
According to the leprosy: If a person who has leprosy, is given a light, small amount and less stool-feeding food, or conversely, giving a person who has a loose anus more food and more stool-making is a leprosy diet.
According to State: Taking food that increases vata after exhaustion is a diet against stage.
According to the order: If the person consumes food before the stomach becomes clean or when he is not hungry or when he has died of hunger due to excessive hunger.
According to Parihara: Things that a person should not eat according to Vaidya, eat them - such as those who do not digest milk, they should consume the milk-made substances.
According to treatment: Consuming inappropriate (non-edible) in a specific treatment method. Like eating cold things after eating ghee (melted butter in lubrication).
According to Pak: If the cooking fire is made with very little fuel, which will cause the food to be half-burnt or burn somewhere else.
According to coincidence: Consumption of acidic substances with milk.
According to the heart: eat food that does not taste interesting.
According to the community: If more pure food is eaten, then it is a food against the community. Nutrition disappears with this type of food. In the process of refined or matured foods, the dress properties are also removed.
Lawless: Sitting in a public place and eating food.
Some examples of Incompatible Food : -
* - Milk and curd cannot be eaten together. With milk and milk products (like kheer, pudding), one should never consume food items made of curd and curd.
* - Never eat onion and milk together.
Most skin diseases by eating it
There are scabies, itching, agsima, psoriasis, etc.
* - Never eat jack fruit and milk like this. They are also known enemies.
* - Sour fruits that contain citric acid, never eat with milk. Such as oranges, lemons, grapes, seasonal.
* - According to Ayurveda, if a khatta fruit is eaten with milk, it is the same Amla. Amla must be eaten with milk.
* - Likewise, never eat honey and ghee together.
* - Friendships of mangoes are strong with milk, but not of sour mangoes. So if you are drinking mago shake, then keep in mind that mangoes are not sour.
* - Do not eat Urad dal and curd together.
* - Cooked food with raw sprouts should not be eaten.
There should be a difference of at least one to one and a half to two hours between the two opposed diets.
Diseases caused by Incompatible Food : -
Those who keep on eating the diet against the above, their metals, defects and feces etc. get distorted. They can be victims of many of the following diseases:
Dermatitis
Food poisoning
Impotence
Stomach Water
Big boils
Bhagandar
Diabetes
Stomach disorders
Piles
Leprosy, White Stain
TB
common cold
ज्ञानवर्धक जानकारी👌
ReplyDeleteधन्यवाद।
आहार का सही तरीका और जानकारी बहुत आवश्यक है खास तौर पर आज के परिवेश में, बहुत ही महत्त्वपूर्ण जानकारी
ReplyDeleteThanks for such a big knowledgeable things to give us...
ReplyDeleteGood knowledge gain
ReplyDeleteNice tips
ReplyDeleteबढ़िया ज्ञानवर्धक लेख
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteज्ञान वर्धक बाते
ReplyDeleteलॉकडाउन में यह बातें काफी काम आएंगी बुआ
ReplyDeleteQuite informative
ReplyDeletehighly informative and essential content.... must be shared as much as possible.#thanks
ReplyDeleteबहुत अच्छी जानकारी, कुछ चीजों के बारे में तो लोग जानते हैं कि मांस मछली के साथ दूध, दूध के साथ दही नहीं खाया जाता है परंतु इतनी बातों की जानकारी कुछ ही लोगों को होगी।
ReplyDeleteUseful..
ReplyDeleteUseful..
ReplyDeleteबहुत उत्तम और उपयोगी जानकारी मिली.
ReplyDeleteThis information of incompatible food is of great knowledge.your information related to compatible will be of more informative and help to all
ReplyDeleteThank u sir..
Deleteबहुत हीं स्वास्थ्य वर्धक जानकारी 🙏 सही तरीके से विरुद्ध आहार नही लेकर हमलोग अपने आप
ReplyDeleteको बहुत बीमारियों से बचा सकते हैं। ऐसे स्वस्थ्यवर्धक जानकारी प्रदान करने के लिए
आपका आभार।
🙏जय माँ🙏
स्वास्थ्य सेवा में समर्पित एक लाभप्रद जानकारी
ReplyDeleteकितनी उत्तम और स्वास्थ्यवर्धक जानकारी प्रदान की हैं । कब कहाँ और कैसे कौन सा खाद्य पदार्थ खानी चाहिए और किसके साथ क्या नही खानी चाहिये। विधि के विरुद्ध,देश के विरुद्ध,अग्नि के विरुद्ध,संस्कार के विरुद्ध,काल ,क्रम, संयोग और ह्रदय के विरुद्ध कौन कौन से खाद्य पदार्थ है । कितनी सरल तरीके से अपने बतला दिए इसके लिये मैं आपका ह्रदय से आभारी हूँ।
ReplyDelete🙏🙏🙏🙏🙏
क्या बात है लाजबाब अद्धभुत लाभदायक 👌👌
ReplyDeleteसुन्दर जानकारी
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