प्यार शब्दों का मोहताज होता नहीं
ज़िंदगी तेज़ बहुत तेज़ चली हो जैसे... ❣️❣️"
प्यार शब्दों का मोहताज होता नहीं,
इसका लफ़्ज़ों से आग़ाज़ होता नहीं..
दोस्त सच्चा उसे ही समझना सदा,
भूलकर भी जो नाराज़ होता नहीं..
बात सारे जहाँ में ये सब जानते,
जो दग़ा दे वो हमराज़ होता नहीं..
इस जहाँ में मुहब्बत के दो लफ़्ज़ से,
प्यारा कोई भी अल्फ़ाज़ होता नहीं..
आसमां पे न ख़ुर्शीद जबतक दिखे,
दिन निकलने का आग़ाज़ होता नहीं..
आजकल की मोहब्बत में जाने ख़ुदा,
क्यूँ वो पहले सा अन्दाज़ होता नहीं..
छिपाते न उल्फ़त को "आशिक़" कभी,
ज़ब्त हमसे कोई राज़ होता नहीं..
"हर रोज गिरकर भी मुकम्मल खड़े हैं ,
ऐ जिंदगी देख मेरे हौसले तुझ से भी बड़े है....❣️❣️"
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 07 अक्टूबर 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
ReplyDelete"पांच लिंकों के आनन्द में" इस रचना को शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार।
Deleteबहुत सुंदर लेखन ✍️👌👌
ReplyDeleteउसे भी पता है कि रवि का चांद बहुत सुंदर है खूबसूरत है
ReplyDeleteयह चांद सा रोशन चेहरा जुल्फों का रंग सुनहरा
ये झील सी नीली आंखें कोई राज है इनमें गहरा
Awesome 🌹
ReplyDeleteWahhhhhh kya bat h...
ReplyDeleteVery nice dear
Wahhhhhh kya bat h...
ReplyDeleteVery nice dear
वाह क्या बात है रूपा जी 👌🏻 very Nice 😊😊
ReplyDeleteVery Nice, Happy Sunday
ReplyDeleteVery Nice, Happy Sunday
ReplyDeleteक्या बात है
ReplyDeleteVery nice...
ReplyDeleteVery nice happy Sunday
ReplyDelete🙏🙏💐💐
ReplyDelete🕉️शुभप्रभात 🕉️☕️☕️
🚩🚩ॐ नमः शिवाय 🚩🚩
🚩🚩जय माँ अम्बे दुर्गा भवानी 🚩🚩
🚩🚩जय माँ भगवती 🚩🚩
🙏माँ व महादेव का आशीर्वाद आप और आपके परिवार पर हमेशा बना रहे 🙏
👌👌👌बहुत खूब 🙏
🙏आपका बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐
ताज़ी हवा का झोंका ..
ReplyDeleteसाहिर लुधियानवी जी का यह अमरजीत यह गीत उन्होंने अपनी प्रेमिका अमृता प्रीतम के लिए लिखा था समय के चलते मगर यह फिल्ममें आ गया
ReplyDeleteरवि/चौदहवीं का चांद हो या आफताब हो
जो भी हो तुम खुद की कसम
रफी साहब की लाजवाब आवाज यह रफी का सबसे ज्यादा लोकप्रिय गीत