मध्यप्रदेश का राज्य पशु "दलदली हिरण/ बारासिंघा"
वैज्ञानिक नाम: रुसेर्वस डुवौसीली
बारहसिंगा मध्य प्रदेश का राज्य पशु है। इसे 'दलदल के मृग' के नाम से जाना जाता है। यह हिरण की एक दुर्लभ प्रजाति है। यह गंगा के मैदानों में बहुतायत में पाए जाते हैं। वे दलदली भूमि और कई प्रकार के जंगलों में पाए जा सकते हैं, शुष्क पर्णपाती से लेकर नम पर्णपाती से लेकर सदाबहार तक। वे घास के मैदानों, वन आवासों और चमकदार बाढ़ के मैदानों में जल निकायों के पास भी पाए जा सकते हैं। यह राज्य के 'कान्हा किसली राष्ट्रीय पार्क' में पायी जाती है। देश में यह उत्तर भारत और मध्य भारत के अतिरिक्त दक्षिण- पश्चिमी नेपाल में पाया जाता है। बारहसिंगा की प्रजाति पाकिस्तान और बांग्लादेश से विलुप्त हो चुकी है। इस जानवर को घने घास वाले विशाल क्षेत्र पसंद हैं।
बारहसिंगा से तात्पर्य 12 सींगों से नहीं है। दरअसल इसके सींग विकसित होकर एक से दो शाखा में बढ़ते रहते हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से नर में इनकी अधिकतम 10-14 शाखाएं हो जाती हैं। हालांकि कुछ में तो इनकी संख्या 20 तक पहुँच जाती है। वयस्क नर की लम्बाई अधिकतम चार फीस से कुछ अधिक हो सकती है। नर बारहसिंगा का वजन 150 से 280 किलोग्राम के बीच होता है, जबकि मादा का वजन 120 से 170 किलोग्राम के बीच होता है।इसके सींगों की अधिकतम लम्बाई 104.1 सेमी. रिकार्ड की गई है।
सिर के ऊपर और शरीर के निचले हिस्से के बीच की दूरी 160 से 185 सेमी के बीच होती है। उनका शरीर चमकीले नारंगी से गहरे भूरे रंग का होता है, पैरों के अंदर, दुम और पूंछ के नीचे का हिस्सा गंदा सफेद या सफेद होता है, जो किनारों और पेट पर हल्के भूरे रंग का हो जाता है। उनके कान लंबे और चौड़े होते हैं, और खोपड़ी छोटी और मांसल होती है। बारहसिंगा के जानवरों के पैर लंबे और शक्तिशाली होते हैं। उनके खुर लंबे और चौड़े होते हैं, जबकि उनके नीचे का हिस्सा सफेद या गंदे सफेद रंग का होता है।
नर मादाओं की तुलना में एक या दो शेड गहरे होते हैं। उनकी गर्दन लंबे बालों से ढकी होती है। ऊपर के बाल रोएँदार और नारंगी-भूरे रंग के होते हैं, जबकि नीचे के बाल सफ़ेद होते हैं और रीढ़ की हड्डी के नीचे सफ़ेद बिंदु होते हैं। मादा का रंग नर की अपेक्षा थोड़ा हल्का होता है। इन जानवरों की पीठ पर एक काली पट्टी होती है जिसके दोनों तरफ़ सफ़ेद बिंदुओं की एक पंक्ति होती है। उनका प्रजनन काल सितंबर से अप्रैल तक रहता है।
नर बारहसिंगा के सींग हर साल गर्मियों में झड़ जाते है। इसके बाद नवम्बर माह तक पुनः विकसित हो जाते हैं। बाघ, तेंदुआ और जंगली कुत्ते बारहसिंगा के प्राकृतिक शिकारियों की श्रेणी में आते हैं। पहले इनकी संख्या सिंध से लेकर ब्रह्मपुत्र तक संपूर्ण क्षेत्र में थी। परंतु अब ये कुछ ही क्षेत्रों में बचे हैं। प्राकृतिक आवासों का घटना व शिकार इनकी कमी का मुख्य कारण बन रहा है।
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State Animal of Madhya Pradesh "Swamp Deer/ Barasingha"
Scientific Name: Rucervus duvauceli
Barasingha is the state animal of Madhya Pradesh. It is known as 'Swamp Deer'. It is a rare species of deer. It is found in abundance in the Gangetic plains. They can be found in marshlands and many types of forests, from dry deciduous to moist deciduous to evergreen. They can also be found near water bodies in grasslands, forest habitats and bright floodplains. It is found in the 'Kanha Kisli National Park' of the state. In the country, it is found in North India and Central India as well as in South-Western Nepal. The species of Barasingha has become extinct from Pakistan and Bangladesh. This animal likes vast areas with dense grass.
Barasingha does not mean 12 horns. Actually its horns develop and keep growing in one to two branches. Through this process, males develop a maximum of 10-14 branches. However, in some, their number reaches 20. The length of an adult male can be a little more than four feet. The weight of a male reindeer is between 150 and 280 kg, while the weight of a female is between 120 and 170 kg. The maximum length of its horns has been recorded as 104.1 cm.
The distance between the top of the head and the bottom of the body is between 160 and 185 cm. Their body is bright orange to dark brown, the inside of the legs, rump and the underside of the tail is dirty white or white, which becomes light brown on the sides and belly. Their ears are long and wide, and the skull is small and muscular. The legs of reindeer animals are long and powerful. Their hooves are long and wide, while the underside of them is white or dirty white.
The males are one or two shades darker than the females. Their neck is covered with long hair. The hair on top is hairy and orange-brown in colour, while the hair below is white and there are white dots below the spine. The female is slightly lighter in colour than the males. These animals have a black stripe on their back with a row of white dots on either side. Their breeding season lasts from September to April.
The horns of the male barasingha fall off every year in summer. After this, they grow again by the month of November. Tigers, leopards and wild dogs are the natural predators of barasingha. Earlier, their number was in the entire area from Sindh to Brahmaputra. But now they are left in only a few areas. The loss of natural habitats and hunting are becoming the main reason for their decline.
भारतीय राज्य के राजकीय पशुओं की सूची || List of State Animals of India ||
Good Information
ReplyDeleteInteresting news.
ReplyDeleteअच्छी जानकारी
ReplyDeleteVery Nice Information 👌🏻👍
ReplyDelete🙏🙏💐💐शुभरात्रि 🕉
ReplyDelete🚩🚩जय जय सियाराम 🚩🚩
👍👍👍बहुत अच्छी जानकारी 🙏
🙏आप का बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐
Nice information
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