अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली
दिल्ली में यमुना नदी के किनारे स्थित स्वामीनारायण मंदिर, जिसको अक्षरधाम मंदिर कहते हैं, जो विश्व का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है। अपनी वास्तुकला और भव्यता के लिए दुनियाभर में मशहूर है। यह भारत में सबसे लोकप्रिय हिंदू मंदिरों में से एक है। करीब 100 एकड़ में फैला, 141 फीट ऊंचा 316 फीट चौड़ा और 356 फीट लंबा खूबसूरती से बना अक्षरधाम मंदिर दुनिया के सबसे बड़े मंदिर परिसर के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल है। 17 दिसंबर 2007 को, अक्षरधाम मंदिर को दुनिया में सबसे बड़ा व्यापक हिंदू मंदिर होने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान मिला। अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Temple, Delhi) न केवल दिल्ली बल्कि दुनिया के सबसे खूबसूरत जगहों में आता है।
यहां हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। इस मंदिर को बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) की ओर से बनाया गया है। इसे आम भक्तों- श्रद्धालुओं के लिए 6 नवंबर, 2005 को खोला गया था। विशाल मंदिर परिसर के ठीक बीच में मुख्य मंदिर बना हुआ है। 141.3 फीट ऊंचा यह मंदिर 316 फीच चौड़ा और 356 फीट लंबाई में फैला हुआ है। मुख्य मंदिर में 234 नक्काशीदार खंभे, 9 अलंकृत गुंबदों, 20 शिखर के साथ हिंदू धर्म से संबंधित 20,000 मूर्तियां हैं। इनमें वनस्पतियों और अन्य जीवो के साथ देवताओं, ऋषियों, भक्तों और संतों की प्रतिमाएं शामिल हैं।
स्वामीनारायण मंदिर परिसर 5 प्रमुख भागों में विभाजित है-गर्भगृह, मंडपम, मंडोवर, नारायण पीठ और गजेन्द्र पीठ। मंदिर में प्रवेश के दस द्वार हैं, जिसे दशद्वार कहते हैं और यह दस दिशाओं को दर्शाते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि गुलाबी बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बने इस मंदिर में कहीं भी लोहे, स्टील या कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया गया है। 86342 वर्ग फुट में फैले इस विशाल भव्य मंदिर को बनाने में 11 हजार से ज्यादा कारीगरों को करीब 5 साल का समय लगा।
केंद्रीय गर्भगृह में भगवान स्वामीनारायण की एक भव्य, सुंदर और आकर्षक प्रतिमा है। यह अक्षरधाम मंदिर भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है। भगवान स्वामीनारायण के साथ गुणितानंद स्वामी, भगतजी महाराज, शास्त्रीजी महाराज, योगीजी महाराज और प्रमुख स्वामी महाराज की प्रतिमाए भी हैं। इसके साथ ही गर्भगृह के चारों ओर भगवान सीताराम, राधाकृष्ण, लक्ष्मीनारायण और शिवपार्वती की मूर्तियां हैं। सुबह 10 बजे और शाम 6 बजे हम भी यहां आरती में शामिल हो सकते हैं।
अक्षरधाम मंदिर के बारे में एक और आकर्षक तथ्य यह है कि यह 10 द्वारों यानी गेट से घिरा हुआ है जो वैदिक साहित्य के अनुसार 10 दिशाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके अलावा, ये 10 द्वार बताते हैं कि सभी दिशाओं से अच्छे आती रहेगी।
इस मंदिर को बनाने में किसी स्टील और कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया गया है। पूरा मंदिर शुद्ध पत्थर और इतालवी संगमरमर से बना हुआ है। हैरत की बात तो ये है कि बिना स्टील और कंक्रीट के ये इमारत हजारों सालों तक टिके रहने की क्षमता रखती है।
नीलकंठ दर्शन में भगवान स्वामीनारायण के जीवन से जुड़ी घटनाओं को दिखाया जाता है। यहां के 76 फीट चौड़ी और 57 फीट लंबी स्क्रीन और 15.1 चैनलों के ध्वनि वाले अद्वितीय विशाल स्क्रीन थियेटर में भगवान के हिमालय के ऊंचे पहाड़ों से लेकर गहरे समुद्र तक और असम के वर्षा वनों से लेकर रामेश्वरम मंदिर तक की यात्रा का अद्भुत फिल्म देखने को मिलता है। साथ ही इसमें नाव की सवारी के साथ प्राचीन भारतीय इतिहास के हजारों वर्षों की जीवन शैली का अनुभव सिर्फ 12 मिनट में कर सकते हैं।
मंदिर में यज्ञपुरुष कुंड है, जो दुनिया के सबसे बड़े कुंड में आता है। इसमें 108 छोटे तीर्थ हैं, और कुंड की ओर 2870 सीढ़ियां बनी हुई हैं।
अक्षरधाम मंदिर में घूमने लायक खूबसूरत जगहों में से एक लोटस गार्डन है। बगीचे का निर्माण बड़े पत्थरों और कमल के आकार में किया गया है। ये गार्डन अक्षरधाम मंदिर की खूबसूरती को और बढ़ा देता है।
अक्षरधाम मंदिर नारायण सरोवर नाम की झील से घिरा हुआ है। इस झील में पुष्कर सरोवर, इंद्रद्युम्न सरोवर, मानसरोवर, गंगा, यमुना, और कई अन्य सहित 151 नदियों और झीलों का पवित्र जल है। इसके अलावा, सरोवर के साथ, 108 गौमुखों का एक समूह है जो 108 देवताओं का प्रतिनिधत्व करते हैं। साथ ही अक्षरधाम मंदिर के अंदर 'प्रेमवती अहरगृह' नाम का वेजिटेरियन खाना मिलने वाला एक फूड कोर्ट है। इसे महाराष्ट्र की अजंता और एलोरा गुफाओं की थीम पर बनाया गया है।
मंदिर प्रागंण में बने यज्ञपुरुष कुंड में हर शाम सहज आनंद वाटर शो का आयोजन किया जाता है। सिर्फ 24 मिनट के सहज आनंद वाटर शो में आपके सामने मल्टी-कलर लेजर शो, वीडियो प्रोजेक्शन्स, वाटर जेट, पानी की लहरों और रोशनी के साथ सिम्फनी सराउंड साउंड से एक ऐसा सुंदर कार्यक्रम पेश किया जाता है कि आप खुद को एक अलग ही दुनिया में पाते हैं।
मंदिर के खुलने के समय सुबह 9.30 बजे से शाम 8.00 बजे तक का है, लेकिन मंदिर में प्रवेश शाम 6.30 बजे तक ही मिलेगा। मंदिर हर सोमवार को बंद रहता है।
अक्षरधाम मंदिर में प्रवेश फ्री है। आपको मंदिर के साथ गजेन्द्र पीठ, नारायण सरोवर, भारत उपवन और योगी हृदय कमल देखने के लिए कोई टिकट लेने की जरूरत नहीं है। लेकिन प्रदर्शनी, वाटर शो और अभिषेक के लिए टिकट लेने होंगे।
मंदिर के अंदर हम किसी भी प्रकार की फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी नहीं कर सकते हैं क्योंकि सारे इलेक्ट्रॉनिक्स सामान मोबाइल, कैमरा यहां काउंटर पर जमा करने होते हैं। मंदिर परिसर में क्लॉक रूम की सुविधा उपलब्ध है।
ॐ नमो नारायणय नमः
ReplyDelete🙏🙏💐💐शुभरात्रि 🕉️
ReplyDelete🚩🚩ॐ नमो नारायणय नमः 🚩🚩
🚩🚩जय श्री हरि 🚩🚩
👍👍👍बहुत बढ़िया जानकारी शेयर करने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐
Jay Swaminarayan 🙏🏻🙏🏻
ReplyDeleteJai Ho
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