कारगिल विजय दिवस
आज ही के दिन 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच लगभग 60 दिनों तक चल रहे युद्ध का अंत हुआ था। यह वह दिन है जब भारत के वीर सपूतों ने जम्मू कश्मीर के कारगिल की चोटियों से पाकिस्तानी फौज को बाहर निकाल दिया था और "ऑपरेशन विजय" को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। भारत के वीर सपूतों के इस साहसिक कार्य के लिए प्रतिवर्ष 26 जुलाई के दिन "कारगिल विजय दिवस" मनाया जाता है। इ्स साल भारत 25वां कारगिल विजय दिवस मनाने जा रहा है।
भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद कश्मीर को लेकर दोनों देशों में संघर्ष हमेशा जारी रहा। इसी संघर्ष के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच कई युद्ध हुए। इस विवाद को शांत करने के लिए फरवरी 1999 में शांतिपूर्ण समाधान का वादा करते हुए हस्ताक्षर किए गए और कश्मीर भारत के हिस्से में ही रहा। इसके बाद भी पाकिस्तानी फौजियों की घुसपैठ जारी रही।
3 मई 1999 को भारतीय सेना को जानकारी मिली कि कुछ लोग कारगिल में कुछ हरकत कर रहे हैं। यह जानकारी ताशी नामग्याल नामक एक स्थानीय चरवाहे ने दी थी। दरअसल ताशी कारगिल के बाल्टिक सेक्टर में अपने नए याक को खोज रहा था। तभी उसे वहां संदिग्ध पाकिस्तानी सैनिक नजर आए थे। इसके बाद 5 मई के दिन भारतीय सेवा गश्त पर गई। इस दौरान भारतीय सेना के पांच जवानों को बंधक बनाकर यातनाएं देकर मार दिया गया। पाकिस्तानी सेना भारत की सीमा पर घुसपैठ करते हुए LOC का कुछ हिस्सा अपने कब्जे में कर चुकी थी।
8 मई 1999 के दिन पाकिस्तानी सैनिकों और कश्मीरी आतंकियों को कारगिल की चोटी पर देखा गया था, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध शुरू हो गया। इस युद्ध में दो लाख भारतीय सैनिकों ने हिस्सा लिया था और यह युद्ध 60 दिनों तक चला। 9 जून को भारतीय सैनिकों ने बाल्टिक क्षेत्र की दो चौकियों पर कब्जा किया और 13 जून को द्रास सेक्टर में तोलोलिंग पर परचम लहराया और इसके बाद 29 जून को भारतीय सेवा ने दो और महत्वपूर्ण चौकी पॉइंट 5060 और पॉइंट 5100 पर कब्जा कर लिया।
2 जुलाई के दिन पाकिस्तानी फौज ने कारगिल में हमला बोल दिया गया, जिसके जवाब में 4 जुलाई को भारतीय सेवा ने टाइगर हिल पर कब्जा कर लिया। 5 जुलाई के दिन द्रास पर कब्जा किया और 7 जुलाई के दिन जुबार चोटी पर परचम लहराया। 11 जुलाई के दिन बटालिक की प्रमुख चोटियों पर ही भारत का तिरंगा लहराया।
इसके बाद 26 जुलाई 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई ने कारगिल को घुसपैठियों से मुक्त करने के लिए चल रहे ऑपरेशन विजय की सफलता की घोषणा कर दी। 26 जुलाई 1999 के दिन आधिकारिक रूप से कारगिल युद्ध समाप्त हुआ और भारत की जीत पक्की हुई।
भारत के जीत की विजय गाथा गाई गई, पर यह दुखद रहा कि इस कारगिल युद्ध में 527 भारतीय सैनिक भी शहीद हुए थे, जिनमें से एक कैप्टन विक्रम बत्रा भी थे।
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Kargil Vijay Diwas
On this day in 1999, the war between India and Pakistan, which was going on for about 60 days, came to an end. This is the day when the brave sons of India drove out the Pakistani army from the peaks of Kargil in Jammu and Kashmir and successfully carried out "Operation Vijay". "Kargil Vijay Diwas" is celebrated every year on 26 July for this courageous act of the brave sons of India. This year India is going to celebrate the 25th Kargil Vijay Diwas.
After the partition of India and Pakistan, the conflict between the two countries regarding Kashmir always continued. Due to this conflict, many wars took place between India and Pakistan. To calm this dispute, a promise of a peaceful solution was signed in February 1999 and Kashmir remained a part of India. Even after this, the infiltration of Pakistani soldiers continued.
On May 3, 1999, the Indian Army got information that some people were doing some activity in Kargil. This information was given by a local shepherd named Tashi Namgyal. Actually Tashi was searching for his new yak in the Baltic sector of Kargil. Then he saw suspicious Pakistani soldiers there. After this, the Indian Army went on patrol on 5 May. During this time five soldiers of the Indian Army were taken hostage and killed after being tortured. The Pakistani Army had infiltrated the Indian border and captured some part of the LOC.
On 8 May 1999, Pakistani soldiers and Kashmiri terrorists were seen on the peak of Kargil, after which the Kargil war started between India and Pakistan. Two lakh Indian soldiers took part in this war and this war lasted for 60 days. On 9 June, Indian soldiers captured two posts in the Baltic sector and on 13 June, hoisted the flag on Tololing in Dras sector and after this on 29 June, the Indian Army captured two more important posts, Point 5060 and Point 5100.
On 2 July, the Pakistani army attacked Kargil, in response to which the Indian Army captured Tiger Hill on 4 July. On 5 July, Dras was captured and on 7 July, the flag was hoisted on Jubar Peak. On 11 July, the Indian tricolor was hoisted on the main peaks of Batalik.
After this, on 26 July 1999, the then Prime Minister Shri Atal Bihari Vajpayee declared the success of Operation Vijay to free Kargil from intruders. On 26 July 1999, the Kargil war officially ended and India's victory was confirmed.
The victory saga of India's victory was sung, but it was sad that 527 Indian soldiers were also martyred in this Kargil war, one of whom was Captain Vikram Batra.
कारगिल विजय दिवस पर सभी शहीदों को शत शत नमन
ReplyDeleteJai Hind Jai Bharat 🇮🇳
ReplyDeleteShahidon ko shradhanjali 🙏
🙏🙏कोटि कोटि नमन 🙏🙏
ReplyDelete🙏🙏सभी शूरवीर बलिदानीयों को विनम्र श्रद्धांजलि 🙏🙏
🙏🙏आपको कारगिल विजय दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं💐💐🇮🇳🇮🇳🇮🇳
🇮🇳जय माँ भारती 🇮🇳
🇮🇳जयहिंद 🇮🇳
🇮🇳जयहिंद की सेना 🇮🇳
🇮🇳वन्देमातरम 🇮🇳
Jai hind
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