आ गया बसंत है, छा गया बसंत है
आ गया बसंत है, छा गया बसंत है
खेल रही गौरैया सरसों की बाल से
मधुमाती गन्ध उठी अमवा की डाल से
अमृतरस घोल रही झुरमुट से बोल रही
बोल रही कोयलिया
आ गया बसंत है, छा गया बसंत है
नया-नया रंग लिए आ गया मधुमास है
आंखों से दूर है जो वह दिल के पास है
फिर से जमुना तट पर कुंज में पनघट पर
खेल रहा छलिया
आ गया बसंत है छा गया बसंत है
मस्ती का रंग भरा मौज भरा मौसम है
फूलों की दुनिया है गीतों का आलम है
आंखों में प्यार भरे स्नेहिल उदगार लिए
राधा की मचल रही पायलिया
आ गया बसन्त है छा गया बसंन्त है..
ऋतुराज वसंत की बधाई
ReplyDelete🙏🙏
ReplyDeleteBful pic...happy sunday
ReplyDeleteअति सुन्दर
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteबहुत सुंदर 🌻
ReplyDeleteHappy sunday
ReplyDeleteHappy sunday
ReplyDeleteबहुत खूब
ReplyDeleteबहुत ही शानदार रचना
ReplyDeleteVery beautiful sunday🌹🌹🌹🌹🌹
ReplyDeleteWonderful pic😘😘😘😘😘❤
ReplyDeleteWonderful pic😘😘😘😘😘❤
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeleteBahut sunder
ReplyDeleteवाह आज 💐 फूलों की 👌🏻 खूबसूरती बढ़ गई अपने उन लोगों के साथ 📷 तस्वीर जो ली क्या बात है रूपा जी 👌🏻ब्यूटी💐फुल पिक्चर 😍
ReplyDeleteयूँ ही नहीं होती हैं
ReplyDeleteज़िन्दगी में तब्दीलियाँ,
रोशन होने के लिए मोम को
भी पिघलना ही पड़ता है
Nice
ReplyDelete#पतझड़ लगता उबड़-खाबड़
ReplyDelete#सावन है सबका मनभावन
#बसंत में तो हरियाली अनंत
#बहार में खुशहाल है आंगन
ऋतुएँ प्यारी-प्यारी पूरी है चार
हर मौसम का अपना आधार
प्रकृति का है अंदाज निराला
प्रकृति से ही है ये सारा संसार
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
ये दिल जब किसी का दीवाना होता है
ReplyDeleteपतझड़ का मौसम भी सुहाना होता है
भीगा मौसम भी वो जख्म नहीं भरता
जख्म जो दिल का बड़ा पुराना होता है
ये पतझड़ ये सावन ये बसंत औ बहार
देते नहीं है इस दिल को इतना करार
चैन-सुकून कितना मिलता है दिल को
जब दिल के दरमियाँ पनपता है प्यार
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
पतझड़ में-सावन में
ReplyDeleteबसंत और बहार में
एक पागल की तरह
बैठी रही मैं तो यूँ ही
बस उसके इंतजार में
न वो आया आज तक
ना उसका खत आया
मैंने अपने इस बेताब
बेचैन दिल को बड़ी
मुश्किल से समझाया
दिल को कहा जरा-सा
अब तो तु रखना सबर
फूल-पत्तों से पूछी है
मैंने उसकी खैर-खबर
राहों की सब गलियों से
मैंने पूछा है उसका पता
इन हवाओं से कहा मैंने
क्या है आखिर मेरी खता
वो नाराज हैं क्या हमसे
या तो समय की कमी है
उसके ना आने से मेरी
सुनी आंखों में नमी है
इंतजार करते-करते कहीं
ये अश्क ना सूख जाए
उसके दीदार की चाह में
ये धड़कनें ना रुक जाए
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
🍃पतझड़ में-सावन में🍃
ReplyDelete🌾बसंत और बहार में🌾
🤔एक पागल की तरह🤔
🤦♀️बैठी रही मैं तो यूँ ही🤦♀️
👁बस उसके इंतजार में👁
👣न वो आया आज तक👣
📝ना उसका खत आया📝
❤मैंने अपने इस बेताब❤
😘बेचैन दिल को बड़ी😘
🙄मुश्किल से समझाया🙄
❤दिल को कहा जरा-सा❤
🙋♂️अब तो तु रखना सबर🙋♂️
💐फूल-पत्तों से पूछी है💐
🥰मैंने उसकी खैर-खबर🥰
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
very nice and cute pic happy sunday
ReplyDelete