मार्च : भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव शहीद दिवस
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा,
मैं रहूँ या न रहूँ पर मेरा वादा हैं तुमसे कि,
मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आएगा"
आज शहीदी दिवस के मौके पर शहीद-ए-आजम भगत सिंह, शहीद सूखदेव और शहीद राजगुरू के बलिदान को कोटिशः नमन 🙏
आज के दिन अर्थात 23 मार्च को भारत के सपूत शहीद भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु ने हंसते-हंसते फांसी की सजा को गले लगा लिया था। भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु को अंग्रेजों ने निर्धारित समय से पूर्व ही 23 मार्च 1931 को फांसी की सजा दे दी थी। भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु ने बहुत ही कम उम्र में ही देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इसीलिए 23 मार्च को प्रतिवर्ष भारत मां के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देने के लिए शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
30 जनवरी और 23 मार्च के शहीद दिवस में अंतर क्या है?
भारत देश में प्रतिवर्ष 7 शहीद दिवस मनाया जाते हैं। शहीदी दिवस शहीदों के सम्मान में मनाया जाता है। यह सात दिन 30 जनवरी, 23 मार्च, 19 मई, 21 अक्टूबर, 17 नवंबर, 19 नवंबर और 24 नवंबर है और इस मौके पर देशवासी शहीद जवानों को नमन करते हैं।
30 जनवरी के शहीद दिवस का इतिहास
30 जनवरी का शहीद दिवस महात्मा गांधी को समर्पित है। देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 30 जनवरी को पुण्यतिथि मनाई जाती है। इस दिन 1948 को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। देश को आजादी दिलाने के लिए सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले गांधी जी के निधन के बाद उनकी पुण्यतिथि को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
शहीदी दिवस पर क्रांतिकारियों को कोटिशः नमन।
ReplyDeleteसार्थक, बौद्धिक एवं ज्ञानबर्धक लेखन
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteSat sat naman 🙏🏼
ReplyDeleteजय हिंद
ReplyDeletenaman 🙏🏽
ReplyDeleteJai Bharat Jai hind
ReplyDeleteशत शत नमन है बारम्बार वीरों के चरणों में 🙏🏻
ReplyDeleteJai Hind
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