विश्व रेडियो दिवस
रेडियो का नाम सुनते ही मानस पटल पर कई सुखद स्मृतियाँ तैरने लगती हैं। आकाशवाणी के कार्यक्रम शुरू होने के पहले की वह मनभावन ट्यून,उद्घोषकों की धीर-गंभीर आवाज,विविध भारती के सदाबहार नगमे,हवा महल का चित-परिचित संगीत तथा और भी बहुत,सब कुछ अनायास ही जीवंत हो उठता है। परंतु तकनीक के आज युग मे घरों से रेडियो लगभग विलुप्त हो चुका है। FM radio और रेडियो मिर्ची ही बच्चे जानते हैं।
प्रतिवर्ष 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता है। औपचारिक रूप से पहला विश्व रेडियो दिवस 2012 में मनाया गया। आज 13वां वर्ल्ड रेडियो डे है। 13 फरवरी ही वह तारीख थी, जब 1946 में अमेरिका में पहली बार रेडियो ट्रांसमिशन से संदेश भेजा गया था और संयुक्त राष्ट्र रेडियो की शुरुआत हुई थी।
दुनिया भर में सूचना के आदान-प्रदान और लोगों को शिक्षित करने में रेडियो ने अहम भूमिका निभाई है। इसका इस्तेमाल युवाओं को उन विषयों की चर्चा में शामिल करने के लिए किया गया जो उनको प्रभावित करते हैं। इसने प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के दौरान लोगों की कीमती जानों को बचाने में मदद की। यह पत्रकारों के लिए एक प्लैटफॉर्म हुआ करता था जिसके माध्यम से वह अपनी रिपोर्ट दुनिया तक पहुंचाते थे और अपनी कहानी सुनाते थे।
रेडियो सदियों पुराना माध्यम हो गया लेकिन अब भी संचार के लिए इसका इस्तेमाल होता है। हालांकि टेलिविजन और मोबाइल जैसी चीजें आने के बाद रेडियो का पहले जैसा इस्तेमाल नहीं हो रहा है।
विश्व रेडियो दिवस का इतिहास
साल 2010 में स्पेन रेडियो अकादमी ने 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद साल 2011 में यूनेस्को के सदस्य देशों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और साल 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व रेडियो दिवस के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। तभी से हर साल 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाया जाने लगा।
13 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है विश्व रेडियो दिवस?
मानवता की सभी विविधताओं का जश्न मनाने के लिए रेडियो एक शक्तिशाली माध्यम है और लोकतांत्रिक विमर्श के लिए एक मंच का निर्माण करता है। 13 फरवरी ही वह तारीख थी जब 1946 में अमेरिका में पहली बार रेडियो ट्रांसमिशन से संदेश भेजा गया था और संयुक्त राष्ट्र रेडियो की शुरुआत हुई थी। इसलिए संयुक्त राष्ट्र रेडियो की वर्षगांठ के दिन वर्ल्ड रेडियो डे मनाया जाता है।
पुरानी यादे रेडियो टूटने पर पापा की डांट कितना कुछ याद आ गया इस छोटे से ब्लॉग से 🙏🙏
ReplyDeleteभूली बिसरी यादें ताजा हो गई
ReplyDeleteहमारे पास हमारे दादाजी के जमाने की पुरानी रेडियो अभी तक संभाल कर रखी हुई है
ReplyDeletejane kha gye wo din
ReplyDelete🙏🙏💐💐शुभरात्रि 🕉️
ReplyDelete🙏जय जय सियाराम 🚩🚩🚩
👍👍👍वाह, बहुत खूब, पुरानी यादें 😊😊ताज़ा कराने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐
🙏आप को भी रेडियो दिवस की बहुत बहुत बधाई 💐💐
Kuch kuch nahi bahut kuch yaad dilati post...
ReplyDeleteVery nice
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