आठ साल में बने विश्व चैंपियन, 12 साल में ग्रैंड मास्टर; सबसे युवा शतरंज विश्व कप उपविजेता
रमेश बाबू प्रज्ञानानंदा (Rameshbabu Praggnanandhaa) एक 18 वर्षीय लड़के ने दुनिया के नंबर 2 और 3 खिलाड़ियों को हराकर फाइनल में प्रवेश किया और दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी के खिलाफ प्रतिस्पर्धा की और 2 बार खेला और मैच को 35 चालों में ड्रा कराया। भले ही प्रगनाननंदा को शतरंज विश्व कप के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन हार के बावजूद भी यह उनकी जीत है। वह लाखों नए फैंस बनाने में कामयाब रहे हैं। वह सबसे कम उम्र के शतरंज विश्व कप उपविजेता बने हैं। 18 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को फाइनल में कांटे की टक्कर दी। कार्लसन उम्र में प्रगनाननंदा से लगभग दो गुने हैं।
प्रगनाननंदा आठ साल की उम्र में विश्व विजेता बने थे और पहली बार चर्चा में आए। 10 साल की उम्र में भी उन्होंने अपने वर्ग में खिताब जीता और 12 साल की उम्र में ग्रैंड मास्टर की उपाधि हासिल कर इतिहास रच दिया। रमेश बाबू प्रज्ञानानंदा, जिनसे आज भी बहुत कम भारतीय लोग परिचित हैं, लेकिन विश्व स्तर पर यह नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है।
22 अगस्त 2023 को इस शतरंज विश्व कप फाइनल मुकाबले का पहला मैच ड्रॉ हो गया था। Praggnanandhaa और Magnus Carlsen के बीच फाइनल का दूसरा मुकाबला बुधवार 23 अगस्त 2023 को हुआ लेकिन इस मुकाबले में भी कोई निष्कर्ष नहीं आया और ड्रा हो गया। 24 अगस्त 2023 को R Praggnanandhaa Vs Magnus Carlsen आमने सामने थे। आखिरकार R Praggnanandhaa को हराकर Magnus Carlsen FIDE Word Cup 2023 के विजेता बन गए।
लेकिन Chess World Cup 2023 का फाइनल मुकाबला हार कर भी Praggnanandhaa ने एक नया इतिहास रच दिया है और विश्व में आज तक के सबसे कम उम्र के FIDE विश्व कप उपविजेता बन गए हैं। महज 18 साल की उम्र में FIDE Chess World Cup 2023 उपविजेता का खिताब जीतना भारत और प्रज्ञानानंदा के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है और आज पूरा भारत इस उपलब्धि के लिए उनकी सराहना कर रहा है। भले ही वह इस मुकाबले में हार गए लेकिन उन्होंने करोड़ों भारतवासियों का दिल जीत लिया।
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Became World Champion in eight years, Grand Master in 12 years; Youngest Chess World Cup Runner-up
Ramesh Babu Praggnanandhaa an 18-year-old boy defeated world No. 2 and 3 players to enter the final and compete against world No. 1 player and played 2 times and drew the match in 35 moves. Even though Praggnanandhaa had to face defeat in the final of the Chess World Cup, it is a victory for him despite the defeat. He has managed to make millions of new fans. He has become the youngest Chess World Cup runner-up. At the age of 18, he defeated world number one Magnus Carlsen in the final. Carlsen is almost twice the age of Praggnanandhaa.
Praggnanandhaa became world champion at the age of eight and came into limelight for the first time. Even at the age of 10, he won the title in his class and at the age of 12, he created history by achieving the title of Grand Master. Ramesh Babu Pragyanananda, with whom very few Indian people are familiar even today, but globally this name does not need any recognition.
On 22 August 2023, the first match of this Chess World Cup final match was drawn. The second match of the final between Praggnanandhaa and Magnus Carlsen took place on Wednesday, 23 August 2023 but this match also ended in a draw. R Praggnanandhaa Vs Magnus Carlsen were face to face on 24 August 2023. Magnus Carlsen finally became the winner of the FIDE Word Cup 2023 by defeating R Praggnanandhaa.
But even after losing the final match of Chess World Cup 2023, Praggnanandhaa has created a new history and has become the youngest ever FIDE World Cup runner-up in the world. Winning the FIDE Chess World Cup 2023 runner-up title at the age of just 18 is a historic achievement for India and Praggnanandhaa and today the whole of India is applauding him for this achievement. Even though he lost in this match, he won the hearts of crores of Indians.
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We are proud of you young champion
ReplyDeleteहार कर भी जीत गया हमारा #प्रज्ञानंद.. महज 18 साल की आयु मे शतरंज जैसे दिमागी खेल के वर्ल्ड कप मे दुनिया की तीसरा रैंक के खिलाड़ी को हरा कर फाइनल में जगह बनाना, और दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी कार्लसन के साथ 3 बाजी ड्रा खेलना ही बहुत बड़ी बात है । अभिनन्दन भारत के बाल गोपाल प्रज्ञानंद गर्व है तुझ पर पूरे भारत को 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
ReplyDeleteजय हिंद जय भारत।।
प्रज्ञानंद को कोटि कोटि प्रणाम।
ReplyDeleteGenius boy..pride of india
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteCongrats beta .
ReplyDeleteगर्व है 18साल के छोटे से बच्चे पर। भविष्य के लिए ढेरों शुभकामनाएं।
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई
ReplyDeleteबहुत अद्धभुत प्रतिभाएं है भारत के कोने कोने में बस नज़र नही पड़ती
ReplyDeleteअद्भुत
ReplyDeleteभारत एक प्रतिभाशाली देश है और देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है जरूरत है सही अवसर की जो प्रज्ञानंद को मिला और उन्होंने साबित भी किया बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteबेजोड़
ReplyDeleteAmazing talent born genius
ReplyDeleteGenius baccha...
ReplyDeleteAmazing talent
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteउज्वल भविष्य कामना करते हैं 🙏🚩🐅❣️🍃🙌
ReplyDeleteCongratulations.
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