केदारनाथ से रामेश्वरम तक एक ही सीधी रेखा में बने महत्वपूर्ण शिव मंदिर
कल से सावन के पवित्र मैंने की शुरुआत हो रही है। इस बार सावन 04 जुलाई, मंगलवार से प्रारंभ है और इसका समापन 31 अगस्त को होगा। इस बार सावन 59 दिनों का है, जिसमें सावन के 08 सोमवार पड़ेंगे। यह महीना भगवानशिव के भक्तों के लिए बेहद खास माना जाता है क्योंकि पूरे भारत में सावन बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
आज हम सावन के महीने की नहीं अपितु भगवान शिव शंकर के उन मंदिरों की चर्चा करेंगे जो केदारनाथ से रामेश्वरम तक एक सीध में बनी हुई है। हमारे पूर्वजों के पास ऐसी कौन सी विज्ञान और तकनीक थी जो हम आज तक समझ नहीं पाए? भारत में केदारनाथ से रामेश्वरम तक एक ही सीधी रेखा में बने महत्वपूर्ण शिव मंदिर हैं,जिसको जोड़ने से शंख का आकार बनता है ।
हजार से भी ज्यादा साल पहले बने इन मंदिरों के बारे में ये बात आश्चर्य वाली है कि सेटेलाइट जैसी टेक्नॉलॉजी के न होते हुए भी यह एक सीधी लाइन पर बनाए गए हैं। ये मंदिर यौगिक गणना पद्धति के आधार पर बनाए गए हैं।
उत्तराखंड के केदारनाथ, तेलंगाना के कालेश्वरम, आंध्र प्रदेश के कालेश्वर, तमिलनाडु के एकम्बरेश्वर, चिदंबरम और अंत में रामेश्वरम मंदिर 79°E 41'54" रेखा की सीधी रेखा में बने हैं।
ये सभी मंदिर प्रकृति के 5 तत्वों में लैंगिक अभिव्यक्ति दिखाते हैं जिन्हें हम आम भाषा में पंचभूत कहते हैं।
पंचभूत का अर्थ है पृथ्वी, जल, अग्नि, गैस और अवकाश। इन पांच सिद्धांतों के आधार पर इन पांच शिवलिंगों की स्थापना की गई है।
आग का प्रतिनिधित्व तिरुवन्नामलाई में है,
काल्हस्ती में पवन दिखाई जाती है,
कांचीपुरम और अंत में पृथ्वी का प्रतिनिधित्व हुआ,
चिदंबरम मंदिर में अवकाश या आकाश का प्रतिनिधित्व!
वास्तुकला-विज्ञान-वेदों का अद्भुत समागम दर्शाते हैं ये पांच मंदिर भौगोलिक दृष्टि से भी खास हैं ये मंदिर इन पांच मंदिरों का निर्माण योग विज्ञान के अनुसार किया गया है और एक दूसरे के साथ एक विशेष भौगोलिक संरेखण में रखा गया है। इसके पीछे कोई विज्ञान होना चाहिए जो मानव शरीर को प्रभावित करे।
मंदिरों का निर्माण लगभग पांच हजार साल पहले हुआ था, जब उन स्थानों के अक्षांश को मापने के लिए उपग्रह तकनीक उपलब्ध नहीं थी। तो फिर पांच मंदिर इतने सटीक कैसे स्थापित हो गए? इसका जवाब भगवान ही जाने।
केदारनाथ और रामेश्वरम की दूरी
2383 किमी है।ये सभी मंदिर लगभग एक समानान्तर रेखा में हैं। आखिरकार, यह आज भी एक रहस्य ही है,किस तकनीक से इन मंदिरों का निर्माण हजारों साल पहले समानांतर रेखाओं में किया गया था।
श्रीकालहस्ती मंदिर में छिपा दीपक बताता है कि यह हवा में एक तत्व है।
तिरुवनिक्का मंदिर के अंदर पठार पर पानी के स्प्रिंग संकेत देते हैं कि वे पानी के अवयव हैं। अन्नामलाई पहाड़ी पर बड़े दीपक से पता चलता है कि यह एक अग्नि तत्व है।
कांचीपुरम की रेती आत्म तत्व पृथ्वी तत्व और चिदंबरम की असहाय अवस्था भगवान की असहायता अर्थात आकाश तत्व की ओर संकेत करती है।अब यह कोई आश्चर्य नहीं है कि दुनिया के पांच तत्वों का प्रतिनिधित्व करने वाले पांच लिंगों को सदियों पहले एक ही पंक्ति में स्थापित किया गया था।
हमें अपने पूर्वजों के ज्ञान और बुद्धिमत्ता पर गर्व होना चाहिए कि उनके पास विज्ञान और तकनीक थी जिसे आधुनिक विज्ञान भी नहीं पहचान सका।
माना जाता है कि सिर्फ ये पांच मंदिर ही नहीं बल्कि इस लाइन में कई मंदिर होंगे, जो केदारनाथ से रामेश्वरम तक सीधी लाइन में आते हैं। इस पंक्ति को 'शिवशक्ति अक्षरेखा' भी कहते हैं, शायद ये सभी मंदिर 81.3119° ई में आने वाली कैलास को देखते हुए बने हैं?
इसका जवाब सिर्फ भगवान शिव ही जानते हैं ..
आश्चर्यजनक तथ्य 'महाकाल' उज्जैन में शेष ज्योतिर्लिंग के बीच दूरी देखें।
उज्जैन से ओंकारेश्वर -111 किमी
उज्जैन से भीमाशंकर -666 किमी
उज्जैन से काशी विश्वनाथ -999 किमी
उज्जैन से मल्लिकार्जुन -999 किमी
उज्जैन से केदारनाथ -888 किमी
उज्जैन से त्र्यंबकेश्वर -555 किमी
उज्जैन से बैजनाथ -999 किमी
उज्जैन से रामेश्वरम -1999 किमी
उज्जैन से घृष्णेश्वर - 555 किमी
हिंदू धर्म में कुछ भी बिना कारण के नहीं किया जाता है। सनातन धर्म में हजारों वर्षों से माने जाने वाले उज्जैन को पृथ्वी का केंद्र माना जाता है।इसलिए उज्जैन में सूर्य और ज्योतिष की गणना के लिए लगभग 2050 वर्ष पूर्व मानव निर्मित उपकरण बनाए गए थे।
हर हर महादेव 🚩🚩
🙏🙏
ReplyDeleteरोचक जानकारी
ReplyDeleteOm namah shivay 🙏🏻
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteOm namah shivay
ReplyDeleteअदबुत जानकारी
ReplyDeleteHar Har Mahadev Jay Shiv Shankar☘️🙏🏻
ReplyDeleteहर हर महादेव अद्भुत
ReplyDeleteहमारे पूर्वज कितने बड़े वैज्ञानिक थे उसका जीता जागता ये सातों मंदिर एक उदहारण है जिसका
ReplyDeleteरहस्य आज तक हमलोग समझ नही पा रहे हैं।
🌹🙏 ॐ नमः शिवाय 🙏🌹
अच्छी जानकारी
ReplyDeleteसनातन ही विज्ञान है 🙏🏻
ReplyDeleteGood information
ReplyDeleteGood information
ReplyDeleteशिव कि महिमा शिव हि जानें 🪔🌺🐾🙏🚩🔱🙌
ReplyDeletejai bhole
ReplyDeleteHar har Mahadev 🙏🙏
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