तेजपत्ता (Tej Patta)
आज बात करते हैं हर किसी के रसोई में होने वाले तेजपत्ते की। भारत के हर रसोई में खाने में फ्लेवर लाने के लिए तेज पत्ते का उपयोग किया जाता है, परंतु इसके अनगिनत गुणों से कम लोग ही वाकिफ होंगे। पूर्वजों ने हमारे खानपान की व्यवस्था ही कुछ इस प्रकार से की है कि हम उसके गुणों से अवगत हो ना हो अपने प्रतिदिन के दिनचर्या में हम उसका उपयोग कर लेते हैं। ऐसा ही एक मसाला है, तेजपत्ता। इसका उपयोग भोजन को स्वादिष्ट और सुगंधित बनाने के लिए किया जाता है। साथ ही इसके बहुत से औषधिय उपयोग भी हैं।
तेजपत्ता क्या है?
तेजपत्ते का 7 से 8 मीटर ऊंचा मध्य आकार का वृक्ष होता है। जो बाजार में तेजपत्ता उपलब्ध होते हैं, वह इसी पौधे की पत्तियों को सुखाकर मिलते हैं। यह वृक्ष वर्ष भर हरा भरा रहता है। इसके पत्ते सरल, एकांतर, 10 से 12 सेंटीमीटर लंबे तथा चौड़ाई में अंडाकार होते हैं। नए पत्ते गुलाबी रंग के होते हैं, जो बाद में हल्के भूरे रंग के हो जाते हैं।
जानते हैं तेजपत्ते के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में
भोजन और औषधि में तेज पत्ते का उपयोग लगभग 1000 वर्षों से किया जा रहा है। तेज पत्ते की 24 से 25 प्रजातियां हैं, जिसमें से अधिकतर पूर्वी एशिया, दक्षिण उत्तरी अमेरिका में पाई जाती है। तेज पत्ते में भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। इसके साथ ही इन पत्तियों में कई प्रमुख लवण जैसे कॉपर, पोटेशियम, कैल्शियम, सेलेनियम और आयरन पाया जाता है।
सर दर्द की समस्या
वर्तमान समय में तनाव और भागदौड़ भरी जिंदगी में सिर दर्द एक आम समस्या हो गई है। 10 ग्राम तेज पत्ते को जल में पीसकर कपाल पर लेप करने से ठंड या गर्मी की वजह से होने वाले सिर दर्द में आराम मिलता है।
बालों में जुएं होने पर
अगर बालों में जुएं की समस्या है, तो तेज पत्ते के 5 से 6 पत्तों को एक गिलास पानी में इतना उबालें कि पानी आधा रह जाए। इस पानी से प्रतिदिन सिर की मालिश करके नहाने से सिर के जुएं खत्म हो जाते हैं।
सर्दी जुखाम की समस्या
बदलते मौसम की वजह से सर्दी जुकाम की परेशानियां हो जाती हैं। ऐसे में चाय पत्ती की जगह तेजपत्ता के चूर्ण की चाय पीने से सर्दी, जुकाम, छींक आना, नाक बहना जैसी समस्याओं में लाभ होता है।
दांतो के लिए
यदि किसी कारण से दातों की चमक खो गई है, तो तेज पत्ते के बारीक चूर्ण से सुबह-शाम दातों की मालिश करने से चमक वापस आ जाती है।
मसूड़ों की समस्या
यदि मसूड़ों में सूजन और खून आने की समस्या है, तो तेजपत्ते के डंठल को चलाते रहने से मसूड़ों से खून आना बंद हो जाता है।
भूख ना लगने की समस्या
अगर किसी बीमारी अथवा तनाव के कारण खाने की इच्छा नहीं हो रही है, तो तेज पत्ते के काढ़े का सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है।
उल्टी की समस्या
यदि बार-बार उल्टी महसूस हो रही है या उकाई आती है, तो तेजपत्ते के 2 से 4 ग्राम चूर्ण का सेवन करने से लाभ होता है।
कोलेस्ट्रोल बढ़ने पर
अगर किसी का कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है, तो प्रतिदिन के खाने में तेजपत्ते को अवश्य शामिल करें क्योंकि रिसर्च के अनुसार तेज पत्ते का प्रयोग कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने में किया जाता है।
विभिन्न भाषाओं में तेजपत्ता का नाम
Sanskrit- पत्र, गन्धजात, पाकरञ्जन, तमालपत्र, पत्रक, तेजपत्र;
Hindi- तमालपत्र, पत्र, तेजपत्ता, बराहमी;
Kannada- पत्रक (Patraka), लवन्गदापत्ति (Lavangdapatti);
Gujrati- तमालपत्र (Tamalpatra), तज (Taj);
Tamil- कटटु-मुंकाइ (Kattu-murunkai);
Telugu- आकुपत्री (Akupatri), तालीस पत्री (Talispatri);
Bengali- तेजपत्र (Tejpatra);
Nepali- तेजपात (Tejpat)
Marathi- तमालपत्र (Tamalpatra), दाल चिन्टिटिकी (Dalchinitiki)
English- Indian cassia, Cassia cinnamon, Tamala cassia
Arbi- साज्जेहिन्दी (Sajjehindi), जर्नाब (Zarnab);
Persian- सद्रसु (Sadrasu)
तेजपत्ता में मौजूद पोषक तत्व
तेजपत्ता का नुकसान
- गर्भावस्था तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सामान्य तौर पर तेज पत्ते का उपयोग करना चाहिए।
- मधुमेह के रोगियों को तेज पत्ते का सेवन चिकित्सक के परामर्श से करना चाहिए।
- किसी भी प्रकार की सर्जरी के कम से कम 2 हफ्ते पहले तेज पत्ते का सेवन बंद कर देना चाहिए।
आयुर्वेद में तेजपत्ता अपनी विशेषता रखता है👌🏻
ReplyDeleteUseful 👍🏻
ReplyDeleteउपयोगी जानकारी
ReplyDeleteकाफी उपयोगी है
ReplyDeleteVery useful for health
ReplyDeleteHealthy tips
ReplyDeleteHealthy snd very usefull tips
ReplyDeleteHealthy tips
ReplyDeleteखाने में प्रयोग के साथ बहु उपयोगी औषधि तेज पत्ता।
ReplyDeleteUpyogi jankari
ReplyDeleteVery useful Post
ReplyDeleteUseful
ReplyDeleteVery valuable information. I send greetings.
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