जीना अभी बाकी है
जीना अभी बाकी है
गुजर रही है उम्र,
पर जीना अभी बाकी है।
जिन हालातों ने पटका है जमीन पर,
उन्हें उठकर जवाब देना अभी बाकी है।
चल रहा हूँ मन्जिल के सफर मैं,
मन्जिल को पाना अभी बाकी है,
कर लेने दो लोगों को चर्चे मेरी हार के,
कामयाबी का शोर मचाना अभी बाकी है ।
वक्त को करने दो अपनी मनमानी,
मेरा वक्त आना अभी बाकी है,
कर रहे है सवाल मुझसे जो
उन सबको जवाब देना अभी बाकी है।
निभा रहा हूँ अपना किरदार जिंदंगी के मंच पर
परदा गिरते ही तालीयाँ बजना अभी बाकी है,
बहुत कुछ गया हाथ से अभी तक,
फिर भी बहुत कुछ पाना अभी बाकी है…
है हौसला फिर गिर के उठ जाने का
ReplyDeleteमेरे हौसलों में जान अभी बाकी है
ठोकरों से कब घबराया मैं सफर जिंदगी
ठोकरों को दे कर ठोकर आगे बढ़ जाने की
जिद अभी बाकी है
बहुत खूब सकारात्मक भाव रूपा जी 👌👌
क्या बात है, बहुत खूब👌👌
Deleteगर गिर ही गए ठोकरों से तो क्या हुआ,
फिर से उठ के आगे बढ़ने का हौसला अभी बाकी है..
वो हौसला ही क्या जिसमें जिद न हो
मंजिल को पाने के लिए और थोड़ा जिद्दी होना अभी बाकी है..
वाह लाजबाब प्रतिउत्तर 👌👌
Deleteबिन जिद के कहा कुछ हासिल होता है
मंजिल से घर प्यार है कदमो को बढ़ाना भी जरूरी है
जी बिल्कुल,
Deleteठहर जाएं गर कदम तो, मंजिल तय नहीं होगी,
हर कदम को विश्वास के साथ बढ़ाना भी जरूरी है..
बहुत ही सुंदर भावपूर्ण सृजन
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार
Deleteमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है..
बहुत खूब,
ReplyDeleteअभी तो उड़ना शुरू किया है,
हौसलों की उड़ान अभी बाकी है..
👍🏻👍🏻👌👌
Deleteबेहद प्रेरणादायक,शानदार,उम्दा पंक्तियां
ReplyDeleteधन्यवाद सर🙏
Deleteचाहे अमृत चाहे गरल हो,
ReplyDeleteनिर्द्वंद्व हमें पीना है।
उठना, गिरना, गिरकर उठना,
यही तो जीवन जीना है।
अत्यंत प्रेरक भावों से परिपूर्ण कविता!!!
प्रेरणात्मक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार !!!
Deleteआसमानी परी जमीं पर
ReplyDeleteक्या लिखती है और क्या गजब लिखा है
ReplyDeleteक्या बात है गजब लिखती है आप तो 👍🥰
ReplyDeleteवाह❤️
ReplyDeleteस्वागत है आपका🌷
Deleteकठिन समय में आपको खुश करने के लिए महान शब्द। भगवान आपका भला करे धन्यवाद।
ReplyDeleteआपकी प्रतिक्रिया को हिंदी भाषा में पढ़कर अच्छा लगा।
Deleteधन्यवाद😊🌷
जिंदगी के हौसलों की उड़ान अभी बाकी है... बेहद उम्दा और प्रेरणादायक कविता 👌👌👌👌😍
ReplyDeleteबहुत खूब👌👌
ReplyDeleteजी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(२९-०८ -२०२२ ) को 'जो तुम दर्द दोगे'(चर्चा अंक -४५३६) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
नमस्ते अनीता जी 🙏
Deleteइस प्रविष्टि को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए हार्दिक आभार।
शब्द हैं अर्थ है कामना जाग जाती
ReplyDeleteराग है रंग है भावना भाव भर देती
रूप यौवन मचलता है सपने लिए,
शक्ति है मुक्ति है कल्पना की शक्ति लिए
👌👌
Deleteसुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteहार्दिक आभार
DeleteVery nice
ReplyDeleteThank you sir
Deleteजिनका हौसला बुलंद हो मंजिल भी उन्ही का इंतजार करती है, बहुत ही सुन्दर और उत्साहवर्धक पंक्तियां।
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteबहुत खूब 👍
ReplyDeleteशुक्रिया 😊
DeleteWaah....kya baat hai
ReplyDeleteThank you
DeleteKitna
ReplyDeleteबहुत ज्यादा की ख्वाइश नहीं
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