चूहे के बारे में रोचक जानकारी (Interesting facts about Rat)
गणेश जी की सवारी चूहा से कौन अनभिज्ञ होगा? सभी लोग चूहा से परिचित हैं। बहुत लोग इससे परेशान भी हुए होंगे। घरों में जहाँ छोटे छोटे चूहे देखने को मिलते हैं, वहीं रेलवे स्टेशन पर बड़े-बड़े चूहे देखने को मिलते हैं। तो आज इसी चूहे के बारे में ऐसी बातें बताते हैं, जिससे आप अनजान होंगे।
भारतवर्ष में चूहे को भगवान गणेश के वाहन के रूप में जाना जाता है। राजस्थान के बीकानेर में स्थित करणी माता मंदिर में इसकी पूजा होती है और चूहे का झूठा प्रसाद भक्तों में वितरित किया जाता है, परंतु आज तक यहां पर चूहों द्वारा कोई भी बीमारी फैलने का प्रमाण नहीं मिल पाया है।
चूहे की उम्र कितनी होती है इस बात से आप अंदाजा लगा सकते है कि ये अपना दूसरा जन्मदिन भी कभी-कभी ही मना पाते हैं। नर चूहों को ‘bucks’, मादा को ‘does’ और चूहों ने बच्चों को ‘pups’ या ‘kittens’ कहा जाता है। चूहों के समूह को ‘mischief’ कहा जाता है। चूहे का वैज्ञानिक नाम है - Rattus (रैटस)। चीनी राशि चक्र के 12 जानवरों में चूहा पहले नंबर पर आता है। चीनी लोग चूहे को रचनात्मकता, बुद्धिमानी, उदारता, ईमानदारी का प्रतीक मानते हैं। प्राचीन रोम में सफेद चूहे का रास्ता काटना शुभ और काले चूहे का रास्ता काटना अशुभ माना जाता था।
जानते हैं चूहे के विषय में रोचक तथ्य
- दुनिया में चूहों की 60 से ज्यादा प्रजातियां हैं।
- चूहा उन जानवरों में से है, जिन्हें सबसे पहले अंतरिक्ष में भेजा गया था। फ्रांस द्वारा 1961 में सबसे पहले अंतरिक्ष में चूहा को भेजा गया था।
- चूहे को अच्छे से दिखाई नहीं देता है, परंतु इनकी सुनने और चखने की शक्ति बहुत ज्यादा होती है।
- अंटार्कटिका को छोड़कर दुनिया के सभी महाद्वीपों में चूहा पाया जाता है, जबकि इसकी उत्पत्ति एशिया और ऑस्ट्रेलिया में हुई थी।
- छोटा सा दिखने वाला चूहा बहुत खतरनाक होता है। यह प्लेग सहित ऐसे कई खतरनाक रोगों का वाहक है, जो मनुष्य को मौत के मुंह तक ले जा सकतें हैं।
- चूहों द्वारा 35 से भी अधिक रोग मनुष्यों में फैलते हैं।
- प्रतिवर्ष दुनिया के कृषि उत्पादों का 20% हिस्सा चूहों के द्वारा नष्ट कर दिया जाता है।
- चूहे के दांत स्टील, प्लैटिनम और कॉपर से भी अधिक कठोर तथा मजबूत होते हैं। इनके दांत इतने मजबूत होते हैं कि वे कांच, एलुमिनियम और शीशे तक को आसानी से चबा सकते हैं। इनके दांत जीवन भर बढ़ते रहते हैं। इनके सामने के दांत हर साल 5 से 6 इंच तक बढ़ जाते हैं।
- चूहों का गर्भधारण काल (gestation time) 21 से 24 दिनों तक होता है। भूरे चूहे (Brown Rat) वर्ष भर में लगभग 2000 बच्चे पैदा कर सकते हैं.
- चूहा बिना पानी के ऊंट से भी ज्यादा समय तक जीवित रह सकता है।
- "कंगारू चूहा" इतने रेगिस्तानी होते हैं कि बिना पानी की एक बूंद पिए पूरा जीवन गुजार सकते हैं।
- चूहों को पसीना नहीं आता है। यह अपनी पूछ में मौजूद रक्त वाहिनी को फैलाकर और सिकोड़कर शरीर का तापमान नियंत्रित करते हैं।
- 50 फीट की ऊंचाई से कूदे जाने पर भी इसे चोट नहीं लगती है। यह दो पैरों पर खड़े होकर 2 फुट की ऊंचाई तक कूद सकते हैं।
- चूहे लगभग 1 पाउंड तक का वजन उठा सकते हैं, जो उनके शरीर के औसत वजन से अधिक है। चूहे सर्वभक्षी (omnivores) होते हैं. वे अनाज, कीड़े, जल जीव जैसे घोंघे, मछली छोटे पक्षी आदि को भी भोजन के रूप में ग्रहण करते हैं।
- चूहा एक सामाजिक और स्नेही जानवर है। घरेलू चूहे मनुष्य के साथ प्यार से रहते भी हैं। चूहे अपने समूह में घायल और बीमार चूहों की देखभाल भी करते हैं।
- चूहा लगातार तीन दिन तक पानी में तैर सकता है, 3 मिनट तक सांसे रोक सकता है और टॉयलेट फ्लश करने पर भी जिंदा रह सकता है तथा उसी रास्ते वापस भी आ सकता है, क्योंकि इनकी याददाश्त बहुत तेज होती है।
- चीन, इंडोनेशिया, थाईलैंड, कंबोडिया, म्यांमार, फिलीपींस, घाना और वियतनाम के कुछ हिस्सों में चूहों का मांस बड़े चाव से खाया जाता है।
- सामान्यतः चूहे का आकार 5 इंच या उससे अधिक होता है।
- चूहों की सबसे बड़ी प्रजाति "बोसावी वूली चूहा (Bosavi woolly rat)" है, जिसे 2009 में पापुआ न्यू गिनी के वर्षावन में खोजा गया था। चूहे की यह प्रजाति लगभग बिल्ली के आकार की होती है। इसकी नाक से पूछ तक की लंबाई 32.2 इंच होती है और वजन लगभग 3.3 पाउंड होता है।
- सबसे छोटी प्रजाति वियतनाम के पास "ऑसगूड चूहा (Osgood’s Rat)" है। यह आमतौर पर 5 से 7 इंच तक लंबा होता है।
- चूहों मैं पित्ताशय की थैली नहीं पाई जाती है, परंतु इनमें नाभी पाया जाता है। चूहों में प्राकृतिक रूप से पाचन तंत्र बहुत अधिक विकसित नहीं होता।
- बिना भोजन के चूहे 4 दिन से अधिक जीवित नहीं रह सकते हैं।
- "फैंसी रैट (Fancy rat)" नामक चूहा पालतू चूहा के रूप में पाला जाने वाला सबसे आम चूहा है।
- अमेरिका की रिपोर्ट के अनुसार वहां पर साल भर में 15000 इंसानों पर चूहों द्वारा हमला होता है।
- चूहों को लुकाछिपी का खेल खेलना बहुत पसंद है। अपने साथी के बिना चूहे उदास भी हो जाते हैं। समूह में खुशी होने पर चूहे हंसी के समान आवाज निकालते हैं।
- इंसानों की तरह चूहों को भी गुदगुदी महसूस होती है।
- अगर चूहों को सिखाया जाए तो वह अपना नाम याद रख सकते हैं और जमीन में दबी माइंस को सुनकर खोज सकते हैं।
- 1 चूहे का दिल 1 मिनट में औसतन 632 बार धड़कता है, जबकि मनुष्यों का प्रति मिनट सिर्फ 60 से 100 बार।
- चूहे ध्वनि की गति से भी तेज अल्ट्रॉनिक तरंगें पैदा करते हैं, जिनकी तीव्रता 50 से 100 किलोहर्ट्ज के बीच होती है। इंसानों के कान इस तीव्रता की ध्वनि तरंगे नहीं सुन सकते।
- 2011 के प्रयोग में चूहे के सामने चॉकलेट, चिप्स और पिंजरे में बंद एक और चूहा पेश किया गया था। परिणाम यह हुआ था कि चूहे ने पहले पिंजरे में बंद चूहे को आजाद कराया और फिर खाना भी साझा किया।
कभी आपने सोचा है कि अगर दुनिया से सभी चूहे मर जाएं तो क्या होगा?
जब हम घरों में चूहों से परेशान हो जाते हैं, तो एक बार जरूर बोलते हैं कि भगवान ने चूहों को क्यों बना दिया और हम यह बात नहीं सोचते कि अगर चूहे दुनिया से खत्म हो जाए तो इसका क्या प्रभाव पड़ेगा? चूहे खत्म होना संभव तो नहीं है, परंतु अगर संभव हो भी जाता है तो ऐसा करने से सबसे ज्यादा दिक्कत वैज्ञानिकों को नए प्रयोग करने में आएगी। खास करके ड्रग्स और दवाओं का प्रयोग, क्योंकि इन सब का प्रयोग पहले चूहों पर ही किया जाता है। ऐसे जानवर जिनका मुख्य भोजन चूहा ही हैं, वह धीरे-धीरे विलुप्त हो जाएंगे और कई ऐसे कचरे जिनको चूहे खत्म करते हैं, वह नहीं हो पाएगा और इस तरह पर्यावरण का संतुलन बिगड़ सकता है।
क्या कभी सोचा है की चूहे जिन पदार्थ को नहीं खाते उनको भी दांत से क्यों कुतरते रहते हैं?
इसकी वजह यह है कि चूहों की दाँत जीवन पर्यंत बढ़ती रहती है और हर साल 4 से 5 इंच बढ़ जाती है। इन्हीं को नियंत्रित करने के लिए चूहे अपने दांतो को घिसते रहते हैं और चीजों को कुतरते रहते हैं। यह तार, सीमेंट, लकड़ी, कपड़े, शीशे से लेकर एल्युमिनियम तक को कुतर सकते हैं। अगर वह ऐसा नहीं करेंगे, तो उनकी दांत उनके जबड़े से बाहर आ जाएगी और फिर यह ना अपना मुंह बंद कर पाएंगे और ना ही कुछ खा पाएंगे और इनका अंत हो जाएगा।
वैज्ञानिक हमेशा चूहे पर ही अपना प्रयोग क्यों करते हैं?
वैज्ञानिक रिसर्च में सबसे अधिक प्रयोग चूहों पर करने की यह वजह है कि चूहे किसी भी जगह के अनुसार खुद को बहुत जल्दी ढाल लेते हैं और इनके दिमाग की बनावट और काम करने का ढंग बिल्कुल इंसानों की तरह होता है। इसीलिए जब भी किसी ड्रग या दवा आदि का असर देखना होता है, तो इसका प्रयोग इंसानों से पहले चूहों पर देख लिया जाता है। पहली बार रिसर्च में चूहे का इस्तेमाल 200 से अधिक साल पहले भोजन और ऑक्सीजन की कमी के कारण मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव के अध्ययन के लिए किया गया था। 30 नोबेल प्राइज विजेता भी लैब में चूहों का प्रयोग कर चुके हैं।
Wow amazing information 👌 hai
ReplyDeleteछोटे से चूहे के बारे में आपने बहुत जबरदस्त जानकारी दी
ReplyDelete🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣
ReplyDeleteहमें तो सिर्फ इतना मालूम था चूहे के बारे में कि यहां गणेश जी की सवारी है इतनी जानकारी नहीं थी हमको
ReplyDeleteबेहद रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी ✌🏻
ReplyDeleteVery informative.
ReplyDeleteरोचक जानकारी
ReplyDeleteवास्तव में, घर में चूहे दिख जाए तो गुस्सा तो बहुत आता है,पर पारिस्थितिकी तंत्र और परीक्षण के लिए ये चूहे आवश्यक हैं,ये जानकार अच्छा लगा
ReplyDeleteGood info
अच्छी जानकारी
ReplyDeleteजी हां रूपा जी बहुत ही अच्छा मंदिर है मैं गया हूं वहां पर
ReplyDeleteबहुत सारे चूहे होते हैं मंदिर के अंदर
वाह रूपा जी क्या बात है चूहों के बारे में
ReplyDeleteबहुत सारी नई जानकारी मिली है🥰🙌🙏
इन 30 रोचक जानकारी में से 10-12
जानकारी तो मुझे पहले से थी
क्योंकि मुझे पढ़ने का बहुत शौक है
मैंने यह जानकारी किसी किताब में पढ़ी थी
पर आज आपने विस्तार से इतने रोचक तथ्य
अपने ब्लॉग के माध्यम से बताए हैं
पढ़कर बहुत अच्छा लगा
🙏धन्यवाद एवं आभार आपका🙏
चूहों के बारे में इतनी जानकारी
ReplyDeleteआखिर हम सब कहाँ पढ़ पाते
रूपा जी आप अपने ब्लॉग पर
ये जानकारीयॉं हमें नहीं बताते
क्या-क्या काट सकता है चूहा
कितने दिन भूखे रह सकता है
उम्र कितनी होती इन चूहों की
जल बिन कितना जी सकता है
कितने बच्चे पैदा करता है चूहा
कितना कर सकता है नुकसान
कितनी बीमारियां फैलाता है ये
जीवन इसका है कितना महान
कितनी दवाईयों के प्रयोग को
छोटा-सा चूहा करता है आसान
मानव मात्र के लिए ये चूहा तो
शैतान भी है और है ये वरदान
पढ़ लो आप सब ये जानकारी
चूहे के बारे में ना रहो अनजान
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
क्या बात है नरेश जी, लाजवाब👌👌
Delete🙏🥰🦚🥰🙏
Deleteचूहे लाभदायक अधिक हानिकारक कम हैं।
ReplyDeleteरोचक जानकारी, गणेश जी की सवारी घरों में नुकसान बहुत करती है
ReplyDeleteसाल भर पाला है... 😜 Research अच्छी है 😂
ReplyDelete👍🏻👍🏻😄😄
DeleteInteresting information
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