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विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 28 july || World Nature Conservation Day 2022 ||

 विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 28 july

प्रकृति ईश्वर से प्राप्त सर्वोत्तम आश्चर्य उपहार है।

प्रकृति, प्राकृतिक रूप से मानव की किसी भी प्रकार की सहायता के बिना बनते हैं। इनमें जल,वायु,सूर्य का प्रकाश, भूमि, वन, खनिज, पौधे और साथ ही पशु शामिल हैं। ये सभी प्राकृतिक संसाधन मिलकर पृथ्वी पर जीवन जीने लायक बनाते हैं। इन सभी संसाधनों के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं होगा।

विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 28 july || World Nature Conservation Day 2022 ||

प्रकृति का संरक्षण एक ऐसा विषय है जिस पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है प्रकृति के अधिकांश संसाधन तेजी से घट रहे हैं ऐसा इसलिए है क्योंकि इन संसाधनों की मांग अधिक तेजी से बढ़ी है,या दोहन हुआ है,जबकि उनके गठन की दर अपेक्षाकृत काफी कम है।हालांकि यह समझने की जरूरत है कि प्रकृति ने हमें उन सभी चीजों को बहुतायत दी है जिसकी हमें आवश्यकता है। हमें उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का बुद्धिमानी से उपयोग करने की आवश्यकता है।पृथ्वी पर मौजूद प्राकृतिक संसाधनों और उनके संरक्षण के तरीकों पर एक संक्षिप्त नजर इस प्रकार है-

विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 28 july || World Nature Conservation Day 2022 ||

नियंत्रित उपयोग- पानी और बिजली दो चीजें हैं जो सबसे ज्यादा बर्बाद हो रही हैं। इन दोनों को बचाने के महत्व को समझना आवश्यक है। केवल उतना ही पानी इस्तेमाल करें जितनी आवश्यकता है।यही बात बिजली पर भी लागू होती है। बिजली के उपकरण और बिजली को बुद्धिमानी से उपयोग करें जब उपयोग ना हो तो उन्हें बंद कर दें।इसी तरह अन्य संसाधनों जैसे कागज, पेट्रोलियम और गैसों का उपयोग प्रतिबंधित होना चाहिए।री-साइकिल कागज, कार्डबोर्ड, धातु, टीन, एलुमिनियम, कांच की बोतलें, प्लास्टिक के कंटेनर के साथ-साथ पानी को री साइकिल कर उन्हें पुनः उपयोग किया जा सकता है। सरकार इन चीजों को कचरे से लेने के लिए उन्हें भी साइकिल करने के लिए उपयोग कर रही है, पर जिस हिसाब से यह हमारे पर्यावरण और प्रकृति को दूषित कर रहीं हैं, उस दर से री- साइकिल की संख्या बहुत कम है।

विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 28 july || World Nature Conservation Day 2022 ||

बड़े-बड़े मांल, बड़े-बड़े बिल्डिंग का निर्माण और विकास के नाम पर हम धड़ाधड़ वनों की कटाई करते जा रहे हैं, जो हमारे भविष्य को गर्त की ओर ले जा रहा। हमें वनों की कटाई को नियंत्रित करना चाहिए।

पानी के पुनः उपयोग के लिए वर्षा जल संचयन प्रणाली को नियोजित करके भी हम जल प्रदूषण और सूखे की समस्या से निपट सकते हैं।आवश्यकता इस बात की है कि सरकार के साथ-साथ हर इंसान को जागरूक होना पड़ेगा, तभी हम अपने आने वाली पीढ़ी को एक सुंदर भविष्य दे सकेंगे।

संतुलित पर्यावरण सुनिश्चित करने के लिए प्रकृति का संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है। हालांकि, दुख की बात यह है कि कई प्राकृतिक संसाधन तेजी से घट रहे हैं। प्रत्येक व्यक्ति को उपयुक्त विधियों को नियोजित करके प्रकृति के संरक्षण में हमें अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए।

विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 28 july || World Nature Conservation Day 2022 ||

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world nature conservation day 28 july

Nature is the best wonder gift received from God.

Nature, are formed naturally without any kind of help from human beings. These include water, air, sunlight, land, forests, minerals, plants as well as animals. All these natural resources together make life worth living on earth. Without all these resources life on earth would not be possible.
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 28 july || World Nature Conservation Day 2022 ||
Conservation of nature is a subject that needs serious attention. Most of nature's resources are rapidly depleting. This is because the demand for these resources has increased, or exploited, while the rate of their formation is relatively high. However, it needs to be understood that nature has given us abundance of everything that we need. We need to use the available natural resources wisely. A brief look at the natural resources present on the earth and the ways of their conservation are as follows-

Controlled use- Water and electricity are the two things that are being wasted the most. It is necessary to understand the importance of saving both of them. Use only as much water as is needed. The same applies to electricity. Use electrical equipment and electricity wisely, turn them off when not in use. Similarly, the use of other resources such as paper, petroleum and gases should be restricted. Recycle paper, cardboard, metal, tin, aluminum, glass Bottles, plastic containers as well as water can be recycled and reused. The government is also using these things to cycle to take them from the waste, but the rate at which they are contaminating our environment and nature, the number of cycles is very less.
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 28 july || World Nature Conservation Day 2022 ||
In the name of development and construction of big buildings, big buildings, we are deforestation, which is taking our future towards the trough. We should control deforestation.

We can also tackle the problem of water pollution and drought by employing rainwater harvesting system for re-use of water. The need is that along with the government, every human being has to be aware, only then we can make our future generation. can give you a beautiful future.

Conservation of nature is of utmost importance to ensure a balanced environment. However, the sad part is that many natural resources are rapidly depleting. We should make a significant contribution to the conservation of nature by employing suitable methods.

19 comments:

  1. Prakriti ke lie jagrukta, bhut hi acche vichar hain.

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  2. प्रकृति की खूबसूरती अपने अंदाज में लाजवाब

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  3. ये एक ऐसा विषय है जिसके लिए हर इंसान को जागरूक होना होगा और अपने स्तर पर प्रयास करना होगा।

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  4. प्रकृति ही ईश्वर का दूसरा नाम भी है, जिसके बिना जीवन की कल्पना मात्र तक संभव नहीं🙏🏻

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  5. पावन माह सावन का आया प्रमुख दिवस
    प्राकृतिक सुंदरता की हरियाली अमावस
    खिलखिलाने लगे हैं ताल-तलैया-सरोवर
    अमृत की बूंदे लेकर यह ऋतु आई पावस
    पेड़-पौधे व फूल-पत्ते देखो इतराने लगे हैं
    किसानों के चेहरे भी देखो मुस्कुराने लगे हैं
    वादियाँ ये सारी देखो होने लगी है हरि-हर
    पहाड़ों से झरने देखो बहने लगे हैं झर-झर
    काली-घनी घटाओं से ढकने लगा है अंबर
    उमड़-घुमड़कर बादल बरसने लगे तर-तर
    चारों तरफ हरियाली जिधर भी जाए नजर
    फूलों पर मंडराने लगे काले मतवाले भ्रमर
    ऐसे सुहाने मौसम की बात ही कुछ निराली
    नाचने लगे देखो मयूर गा रही कोयल काली
    🦚🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏🦚

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  6. #पतझड़ लगता उबड़-खाबड़
    #सावन है सबका मनभावन
    #बसंत में तो हरियाली अनंत
    #बहार में खुशहाल है आंगन
    ऋतुएँ प्यारी-प्यारी पूरी है चार
    हर मौसम का अपना आधार
    प्रकृति का है अंदाज निराला
    प्रकृति से ही है ये सारा संसार
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  7. धरती माता का श्रृंगार
    करती है सारी प्रकृति
    प्रकृति ही तो है हमारी
    इस धरती का आभूषण
    इस प्यारी-सी प्रकृति को
    नष्ट करके हम सब रोज
    फैला रहे तरह-तरह का
    धीमा जहरीला प्रदूषण
    अपने मतलब के लिए
    बन रहे हो खरदूषण
    सुनहरे भविष्य निर्माण
    का कर रहे हो शोषण
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  8. पेड़ काटने आए आज
    कुछ लोग मेरे गांव में
    धूप तेज है कहकर
    बैठे उसी की छाँव में
    शाम तक काट डालेंगे
    हम मिलकर सारे पेड़
    ना कचरा होगा ना ही
    फिर कांटे चुभेंगे पांव में
    हरियाली नहीं होगी तो
    हम जी लेंगे अभाव में
    नदी की सैर करेंगे हम
    उस लकड़ी की नाव में
    हम तो कभी ना आएंगे
    इसके किसी कुप्रभाव में
    आने वाली नस्लें जिऐगी
    उस घुटन और दबाव में
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  9. चिड़ियाँ-चींटी-कबूतर
    कौआ-कोयल-गिलहरी
    घूमते रहते हैं वो बेबस
    बेजुबान भरी दोपहरी
    गांव की छांव में मिल
    जाते हैं सारे सब सुखी
    नहीं जमता थोड़ा भी
    जो माहौल है शहरी
    उनके कलरव शौर से
    तो प्रकृति में है जान
    नहीं करते हैं वो तो
    कभी भी हमें परेशान
    क्यों ना हम मिलकर
    हम रखे उनका ध्यान
    वो भी हम पर होते
    आए हैं सदा मेहरबान
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  10. प्रकृति प्यारी होनी चाहिए सबको
    इसके लिए दो धन्यवाद तो रब को
    ईश्वर की ये अप्रतिम अद्भुत लीला
    सब कुछ तो हमें प्रकृति से मिला
    प्रकृति प्रदत हमारा भरपूर पोषण
    फिर क्यों करें प्रकृति का शोषण
    सारे जीव-जंतु प्रकृति की देन है
    प्रकृति से हमारा सुकून है-चैन है
    प्रकृति का संतुलन जो बिगाड़ दोगे
    फिर अपना जीवन भी उजाड़ दोगे
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  11. लफ्जों को तोड़-मरोड़कर
    दिल के सांचे में सजाता हूं
    दिल की गहराइयों से रोज
    अनगिनत कविताएं बनाता हूं
    जहां भी मैं जाता-देखता हूं
    प्रकृति के सारे हसीन नजारे
    घर आकर चैन-सुकून से मैं तो
    उकेरता कलम से वो लम्हें सारे
    टूटकर बिखर न जाए वो शब्द
    मोती समझकर उन्हें जोड़ता हूं
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  12. दुनिया मे जितनी अहमियत पानी की हैं उतनी आग की भी है। जितनी रोशनी की हैं उतनी ही अंधेरे की भी हैं।
    जितनी इंसान की हैं उतनी हर जीव की है
    ओर इस प्रकृति पर जितना हक इंसान का हैं उतना हर जीव का हैं लेकिन इंसान सब प अपने अधिकार समझ बैठा हैं।
    परिणाम: प्राकृतिक असंतुलन,गलोबल वारमिंग

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  13. प्रकृति संरक्षण दिवस मनाने का अभिप्राय यही है कि हम प्रकृति की रक्षा के प्रति जागरूक हों।

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  14. Replies
    1. https://www.facebook.com/photo/?fbid=5504617559601945&set=a.465903950140023

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