Cricket News: Latest Cricket News, Live Scores, Results, Upcoming match Schedules | Times of India

Sportstar - IPL

भद्रकाली मंदिर (कुरुक्षेत्र, हरियाणा) || Bhadrakali Temple (Kurukshetra Haryana) ||

भद्रकाली मंदिर ( कुरुक्षेत्र, हरियाणा)

51 शक्तिपीठों में से एक कुरुक्षेत्र का मां भद्रकाली मंदिर, मन्नत के लिए चढ़ाए जाते हैं घोड़े51 शक्तिपीठों में से एक कुरुक्षेत्र का मां भद्रकाली मंदिर, मन्नत के लिए चढ़ाए जाते हैं घोड़े..

भद्रकाली मंदिर (कुरुक्षेत्र, हरियाणा) || Bhadrakali Temple (Kurukshetra Haryana) ||

शक्तिपीठ श्री देविकूप भद्रकाली मंदिर को “सावित्री पीठ”, “देवी पीठ”, “कालिका पीठ” या “आदी पीठ” भी कहा जाता है। भद्रकाली मंदिर थानेश्वर जिला, कुरुक्षेत्र हरियाणा में स्थित है। भद्रकाली मंदिर को श्री देवीकूप के नाम से भी जाना जाता है। भद्रकाली मंदिर देवी के 51 शक्तिपीठ में से एक है। भद्रकाली मंदिर सावित्री शक्तिपीठ के नाम से प्रसिद्ध है और यह मंदिर देवी काली को समर्पित है जोकि देवी के नौ रूप में से एक है। इस मंदिर में देवी काली की प्रतिमा स्थापित है, तथा मंदिर में प्रवेश करते ही बड़ा कमल का फूल बनाया गया है, जिसमें मां सती के दाएं पैर का टखना स्थापित है, जो कि संगमरमर से बना है।

 पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी सती ने उनके पिता दक्षेस्वर द्वारा किये यज्ञ कुण्ड में अपने प्राण त्याग दिये थे, तब भगवान शंकर देवी सती के मृत शरीर को लेकर पूरे ब्रह्माण चक्कर लगा रहे थे इसी दौरान भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को 51 भागों में विभाजित कर दिया था, जिसमें से सती का दायें टखना इस स्थान पर गिर था। सती का दायें टखना इस मंदिर के कूप (कुंआ) में गिरा था इसलिए इसे मंदिर को श्री देवीकूप मंदिर भी कहा जाता है।

भद्रकाली मंदिर (कुरुक्षेत्र, हरियाणा) || Bhadrakali Temple (Kurukshetra Haryana) ||

ऐसा माना जाता है कि महाभारत काल में पांडवो ने भगवान श्रीकृष्ण के साथ इस मंदिर में मां दुर्गा की पूजा कर विजय का आर्शीवाद लिया था और महाभारत युद्ध में विजय प्राप्त करने के पश्चात् पांडवें ने इस मंदिर में आकर घोडे दान किये थे तब से यही प्रथा चलती आ रही है।

ऐसा भी माना जाता है भगवान श्रीकृष्ण और बलराम का ‘मुंडन’ (बाल हटाने की प्रथा) इसी स्थान पर किया गया था। इसलिए यह पर लोग अपने बच्चों के मुंडन कराते है।

भद्रकाली मंदिर में सभी त्यौहार मनाये जाते है विशेष कर दुर्गा पूजा व नवरात्र के त्यौहार पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दिन मंदिर को फूलो व लाईट से सजाया जाता है। मंदिर का आध्यात्मिक वातावरण श्रद्धालुओं के दिल और दिमाग को शांति प्रदान करता है।

भद्रकाली मंदिर (कुरुक्षेत्र, हरियाणा) || Bhadrakali Temple (Kurukshetra Haryana) ||

English Translate

Bhadrakali Temple (Kurukshetra Haryana)

Maa Bhadrakali Temple of Kurukshetra, one of the 51 Shaktipeeths, horses are offered for vows.

Shaktipeeth Shri Devikup Bhadrakali Temple is also known as “Savitri Peeth”, “Devi Peeth”, “Kalika Peeth” or “Aadi Peeth”. Bhadrakali Temple is located in Thaneshwar District, Kurukshetra Haryana. Bhadrakali Temple is also known as Sri Devikoop. Bhadrakali Temple is one of the 51 Shaktipeeths of the Goddess. Bhadrakali Temple is popularly known as Savitri Shaktipeeth and this temple is dedicated to Goddess Kali who is one of the nine forms of Goddess. The idol of Goddess Kali is installed in this temple, and as soon as one enters the temple, a big lotus flower has been made, in which the ankle of the right foot of Mother Sati is installed, which is made of marble.

भद्रकाली मंदिर (कुरुक्षेत्र, हरियाणा) || Bhadrakali Temple (Kurukshetra Haryana) ||

 According to mythology, Goddess Sati gave up her life in the Yagya Kund performed by her father Daksheshwar, when Lord Shankar was circling the whole universe carrying the dead body of Goddess Sati. was divided into 51 parts, out of which the right ankle of Sati had fallen at this place. The right ankle of Sati had fallen in the well (well) of this temple, hence this temple is also called Shri Devikoop temple.

It is believed that in the Mahabharata period, Pandavas along with Lord Krishna had taken blessings of victory by worshiping Goddess Durga in this temple and after winning the Mahabharata war, Pandavas came to this temple and donated horses. is going on.

भद्रकाली मंदिर (कुरुक्षेत्र, हरियाणा) || Bhadrakali Temple (Kurukshetra Haryana) ||

It is also believed that 'Mundan' (hair removal) of Lord Krishna and Balarama was done at this place. That's why people get their children shaved here.

All festivals are celebrated in Bhadrakali temple, especially on the festival of Durga Puja and Navratri, special puja is organized. On this day the temple is decorated with flowers and lights. The spiritual atmosphere of the temple provides peace to the hearts and minds of the devotees.


22 comments:

  1. माँ भद्र काली की जय।
    51 शक्ति पीठों में से एक माँ भद्र काली के मंदिर के बारे में अच्छी जानकारी।

    ReplyDelete
  2. जय माँ भद्रकाली 🙏🌹
    अदभुद जानकारी 👌👌

    ReplyDelete
  3. जय माँ भद्रकाली 🙏🌹
    अदभुद जानकारी आप सदैव बेहतर से बेहतर जानकारियां उपलभ्ध कराती है शूक्रिया

    ReplyDelete
  4. जय हो मां भद्रकाली कपालिनी नमामि अम्बे गौरी मैया जय हो।। शुभ दोपहर

    ReplyDelete
  5. जय हो मां भद्रकाली कपालिनी नमामि अम्बे गौरी मैया जय हो।। शुभ दोपहर

    ReplyDelete
  6. Jai maa bhadrakaali.

    ReplyDelete
  7. मां भद्रकाली मंदिर हरियाणा राज्य में स्थित कुरुक्षेत्र के थानेश्वर में है।यह देवी की 51शक्तिपीठों में से एक है। जय माता भद्रकाली जी की।

    ReplyDelete
  8. जय मां भद्रकाली

    ReplyDelete
  9. 🙏🏻🙏🏻 जाई माता दी 🙏🏻🙏🏻

    ReplyDelete
  10. जय माता दी
    अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखना मां

    ReplyDelete
  11. जय मां भद्रकाली

    ReplyDelete
  12. Your posts are very interesting. They broaden human horizons.

    ReplyDelete
  13. Jai maabhadrakaali.

    ReplyDelete
  14. Jai maabhadrakaali.

    ReplyDelete
  15. Maa Bhadrakali Temple Treasure of India is located in Thaneshwar, Kurukshetra in the state of Haryana. It is one of the 51 Shaktipeeths of the Goddess. Jai Mata Bhadrakali ji.

    ReplyDelete