चंपा (Plumeria)
चंपा (Champa) फूल से तो शायद ही कोई व्यक्ति ऐसा होगा जो अपरिचित होगा। चंपा (Champa) के वृक्ष बड़े और बहुत ही सुंदर होते हैं, जिन पर सुगंधित सफेद, पीले और लाल रंग के फूल लगते हैं। यह आमतौर पर बाग बागीचों में देखने को मिल जाता है। चंपा (Champa) मुख्यता पांच प्रकार की होती है। 1. सोन चंपा 2. नाग चंपा 3. कनक चंपा 4. सुल्तान चंपा और 5.कटहरी चंपा। सभी तरह की चंपा एक से एक अद्भुत और सुंदर होती हैं और साथ ही सुगंधित भी होती हैं। चंपा के फूल में पराग नहीं होता है, इसलिए इसके पुष्प पर मधुमक्खियां कभी भी नहीं बैठती हैं।
चंपा क्या है?
चंपा फूल का एक वृक्ष है, जो लगभग 6 से 8 मीटर ऊंचा होता है। यह वृक्ष हमेशा हरा भरा रहता है। वृक्ष के तने सीधे, बेलनाकार, गहरे भूरे रंग के होते हैं। इसके पत्ते सीधे, चौड़े, नुकीले, चिकने और चमकीले होते हैं। चंपा के फूल सुंदर और बहुत ही सुगंधित होते हैं। चंपा के बीज गोलाकार, चमकीले होते हैं, जो पक जाने पर गुलाबी या गहरे लाल रंग के हो जाते हैं। चंपा का फूल अप्रैल से सितंबर तक खिलता है और फल दिसंबर से फरवरी तक होते हैं।
जानते हैं चंपा के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में
चंपा का फूल देखने में जितना सुंदर है, सुगंधित है, उतना ही औषधीय गुणों से भी परिपूर्ण है। यह एक जड़ी - बूटी भी है।
सिर दर्द में
चंपा के फूल के तेल को सर पर लगाने से सर दर्द ठीक होता है।
कान दर्द में
चंपा के फूल के रस को हल्का गुनगुना कर एक से दो बूंद कान में डालने से कान का दर्द ठीक होता है।
सूखी खांसी में
चंपा की छाल का 1 से 2 ग्राम चूर्ण बना लें। इसमें शहद मिलाकर चाटने से सूखी खांसी में आराम मिलता है।
सफेद दाग होने पर
- चंपा के फूल में तिल का तेल मिलाकर सफेद दाग पर लगाने से लाभ होता है।
- चंपा के फलों और फूलों को पीसकर सफेद दाग पर लगाने से लाभ होता है।
मूत्र रोग में
चंपा के 5 से 10 फूलों को पीसकर ठंडाई की तरह पीने से मूत्र रोग जैसे पेशाब में दर्द होना, रुक रुक कर पेशाब होने आदि में फायदा मिलता है।
पेट दर्द होने पर
- 5 मिलीलीटर चंपा के पत्ते के रस में मधु मिलाकर सेवन करने से पेट का दर्द ठीक होता है।
- चंपा के फूलों का काढ़ा बनाकर 10 से 20 मिलीलीटर की मात्रा में पीने से भी पेट दर्द ठीक होता है।
गैस की समस्या
चंपा के बीजों से निकले तेल को पेट पर मालिश करने से पेट फूलने या गैस की समस्या में लाभ होता है।
पेट में कीड़े होने पर
चंपा के ताजे पत्तों को पीसकर 5 से 10 मिलीलीटर रस निकाल लें। इसमें मधु मिलाकर पिलाने से पेट के कीड़े निकल जाते हैं।
दर्द और सूजन होने पर
शरीर के किसी भी अंग में दर्द या सूजन होने पर चंपा की छाल को पीसकर गुनगुना कर प्रभावित अंग पर लगाने से दर्द और सूजन ठीक होती है।
घाव होने पर
घाव होने पर चंपा की जड़ और छाल को पीसकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है।
एड़ी फटने की समस्या
एड़ी फटना, जिसको बिवाई फटना भी कहते हैं, होने पर चंपा के तेल में तिल का तेल मिलाकर एड़ी पर लगाने से लाभ होता है।
चंपा के फल और फूलों को पीसकर पैरों की त्वचा पर लगाने पर एड़ी का फटना ठीक होता है।
बुखार होने पर
चंपा की छाल का काढ़ा 10 से 15 मिलीलीटर की मात्रा में पीने से बुखार ठीक होता है।
चेहरे पर झाई की समस्या
चेहरे पर झाई हो जाने पर चंपा के फूलों को पीसकर इसमें एक दो बूंद नींबू का रस मिलाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से झाई ठीक होती है।
विभिन्न भाषाओं में चंपा के नाम
English- प्लूमेरिया (Plumeria),Golden Champa (गोल्डन चम्पा), येल्लो चम्पा (Yellow Champa)
Assamese- तीतासोप्पा (Titasoppa)
Oriya- चोम्पा (Chompa), चोम्पोको (Chompoko), कंचन (Kanchan)
Kannada- सपींगे (Sapinge)
Gujarati- राय चम्पो (Rae champo), पीटो चम्पो (Pito champo), चम्पो (Champo)
Telugu- संपंगी (Sampangi), चम्पा कमु (Champa kamu)
Tamil- शंपंगि (Shampangi), शेम्बगाम (Shembagam), चम्बुगम (Chambugam)
Bengali- चांपा (Champa), चम्पका (Champaka)
Nepali- औलीय चेम्प (Aulechamp)
Punjabi- चम्बा (Chamba), चमोटी (Chamoti)
Marathi- सोना चाम्पा (Sona Champa), पिंवला चंपा (Pivala Champa), कुड चंपा (Kud Champa)
Malayalam- चम्पकम (Champakam)
चंपा के नुकसान (Side Effects of Plumeria)
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Champa (Plumeria)
There will hardly be any person who will be unfamiliar with Champa flower. Champa trees are large and very beautiful, which bear fragrant white, yellow and red flowers. It is commonly found in gardens. There are mainly five types of Champa. 1. Son Champa 2. Nag Champa 3. Kanak Champa 4. Sultan Champa and 5. Kathari Champa. All types of Champa are wonderful and beautiful as well as fragrant. The flower of Champa does not contain pollen, so bees never sit on its flower.
what is champa
Champa is a flowering tree, which grows about 6 to 8 meters high. This tree is always green. The trunk of the tree is straight, cylindrical, dark brown in color. Its leaves are straight, broad, pointed, smooth and shiny. Champa flowers are beautiful and very fragrant. The seeds of Champa are spherical, shiny, which when ripe become pink or dark red in color. Champa flower blooms from April to September and fruits from December to February.
Know about the advantages, disadvantages, uses and medicinal properties of Champa
Champa flower is as beautiful as it looks, it is fragrant, it is also full of medicinal properties. It is also a herb.
in headache
Applying the oil of Champa flower on the head ends headache.
in ear pain
Warming the juice of Champa flower lightly and putting one to two drops in the ear ends earache.
in dry cough
Make a powder of 1 to 2 grams of Champa bark. Licking honey mixed with it provides relief in dry cough.
having white spots
- Mixing sesame oil in Champa flower and applying it on white spots is beneficial.
- Grinding the fruits and flowers of Champa and applying it on white spots is beneficial.
in urinary tract
Grind 5 to 10 flowers of Champa and drink it like cold water, it is beneficial in urinary diseases like pain in urination, intermittent urination etc.
having abdominal pain
- Taking 5 ml champa leaf juice mixed with honey ends stomachache.
- Make a decoction of Champa flowers and drink it in 10 to 20 ml quantity, it also ends stomachache.
gas problem
Massaging the oil from the seeds of Champa on the stomach is beneficial in the problem of flatulence or gas.
worms in stomach
Grind fresh champa leaves and extract 5 to 10 ml juice. Taking honey mixed with it kills stomach worms.
with pain and swelling
If there is pain or swelling in any part of the body, grinding the bark of champa and applying it on the affected part ends pain and swelling.
in case of wound
If there is a wound, grinding the root and bark of Champa and applying it on the wound heals quickly.
heel problem
- In case of cracking of the heels, which is also called bursting of seeds, mixing sesame oil with champa oil and applying it on the heels is beneficial.
- Grind the fruits and flowers of Champa and apply it on the skin of the feet, it cures cracked heels.
having a fever
Taking 10 to 15 ml decoction of Champa bark is useful to cure fever.
freckles problem on face
If there is freckle on the face, grind the flowers of Champa and mix a couple of drops of lemon juice in it and apply it on the affected area, it cures freckles.
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ReplyDeleteरोचक जानकारी 👍
ReplyDelete👌👌👌👌 fantastic job
ReplyDeleteIt's very important information
ReplyDeleteअच्छी जानकारी
ReplyDeleteMy favourite flower 😍
ReplyDeleteGood knowledge
ReplyDeleteGood knowledge
ReplyDeleteइतनी अच्छी जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
ReplyDeleteचंपा के फूल सुगंधित होने के साथ अनेक औषधीय गुणों से युक्त होता है। परंतु शंकर जी को चंपा का फूल नहीं चढ़ाया जाता है।
ReplyDeletegood info
ReplyDeleteखुशबू के साथ ही औषधीय गुणों से भरपूर है चंपा।
ReplyDeleteअच्छी जानकारी
बहुत उपयोगी जानकारी।
ReplyDeleteThanks for providing good information.
ReplyDeleteअति उत्तम ।
ReplyDeleteअति शोभनीय ।
💯👍👏🙋♂️🙏♥️
Good One
ReplyDeleteNice info
ReplyDeleteVery informative
ReplyDeleteInformative post
ReplyDeleteNice
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