बेला (Jasmine)
आज यहां एक ऐसे पुष्प की चर्चा करेंगे सभी जिसकी खुशबू के दीवाने हैं। इस फूल का प्रयोग माला बनाने में किया जाता है जो कि भगवान को अर्पित करते हैं। इसके साथ ही इस फूल का गजला बनता है जो महिलाएं अपने बालों में लगाती हैं। इसकी खुशबू जितनी मनमोहक होती है पुष्प भी उतना ही खूबसूरत होते हैं। बेला के फूल देखने में और सुगंध से मन को तो शांति देते ही हैं साथ ही इसमें औषधीय गुण भी होते हैं। हां जी हां इसके औषधीय गुणों की चर्चा करते हैं।
बेला क्या है?
बेला एक जालीदार पौधा है जिस की लताएं होती हैं और सहारा पाकर ऊपर की तरफ बढ़ती हैं। इसमें सफेद रंग के पुष्प खिलते हैं, जो बहुत सुगंधित होते हैं। यह संपूर्ण भारतवर्ष में पाया जाता है।
जानते हैं बेला के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में
सिर दर्द की समस्या
बेला के फूलों को पीसकर मस्तक पर लगाने से सिर दर्द में आराम होता है।
आँख संबंधी समस्या
- रात्रि में मालती तथा मल्लिका के फूलों को आँखों पर बांधकर सोने से नेत्र विकारों में लाभ होता है।
- बेला पत्र एवं मूल का क्वाथ बनाकर ठंडा करके आंखों को धोने से नेत्र विकारों का शमन होता है।
नकसीर की समस्या
बेला के पुष्पों को तिल तेल में पकाकर, छानकर 1-2 बूँद तेल का नस्य लेने से लाभ होता है।
कर्ण विकार
बेला पुष्प से तिल तेल का पाक करके 1-2 बूँद तेल को कान में डालने से कर्णविकारों का शमन होता है।
मुखरोग
बेला पत्र का क्वाथ बनाकर गरारा करने से मुख रोगों का शमन होता है।
रक्तातिसार की समस्या
बेला के 2-4 कोमल पत्रों को पानी में पीसकर, छानकर, मिश्री मिलाकर सेवन कराने से रक्तज अतिसार में लाभ होता है।
मासिक विकार (आर्तव विकार)
बेला की मूल का क्वाथ बनाकर 10-20 मिली मात्रा में पिलाने से आर्तव विकारों में लाभ होता है।
मोच लगने पर
बेला मूल को पीसकर लेप करने से मोच में लाभ होता है।
त्वचा रोग में
बेला के पत्र को पीसकर लगाने से त्वचा संबंधी विकारों, क्षत व व्रण में लाभ होता है तथा घाव पर लगाने से घाव जल्दी भरता है।
व्रण
बेला के शुष्क पत्रों को जल में भिगोकर, इसको पीसकर लेप बनाकर वेदनारहित व्रण पर लगाने से लाभ होता है।
पित्तोन्माद
बेला के पुष्पों का शर्बत बनाकर पिलाने से पित्तोन्माद में लाभ होता है।
बुखार होने पर
- बेला की नवीन कोमल मूल को दिन में अनेक बार चबाकर उसका रस चूसने से आंत्रिकज्वर में लाभ होता है।
- बेला पत्र-स्वरस (5-10 मिली) अथवा क्वाथ (10-15 मिली) का सेवन करने से ज्वर में लाभ होता है।
रक्तपित्त
10-15 मिली बेला मूल क्वाथ में खांड व शहद मिलाकर पिलाने से लाभ होता है।
शरीर में जलन की समस्या
पत्र में कर्पूर तथा चन्दन मिलाकर, कल्क बनाकर लेप करने से दाह का शमन होता है।
विभिन्न भाषाओं में बेला का नाम
वानस्पतिक नाम : Jasminum sambac (जेसमिनम सैमबॅक) अंग्रेज़ी नाम : Arabian jasmine
संस्कृत-भद्रावलि, दलकोषका, दंतपत्र, देवलता, गंधराजा, गौरी, कौशिक, मल्लिका, शीतभीरु, भूपदी, तृणशून्य, वार्षिकी, नवमल्लिका;
हिन्दी-वनमल्लिका, चम्बा, मुगरा, मोगरा, मोतिया, बेला;
उर्दू- आजाद (Ajad), सोसन (Sosan); उड़िया-बेलोफुलो (Belophulo), बोन्दुमल्ली (Bondumalli); कोंकणी-मोगोरिम (Mogorim) कन्नड़-चांदमलिगे (Chandmalige), दुन्दुमलिगे (Dundumalige);
गुजराती-डोलर (Dolar), मोगरो (Mogro);
तमिल-अडुक्कु मल्लि (Adakku malli), अनांनगम (Anangam), इरूवची (Iruvachi);
तैलुगु-बोद्दुमल्ले (Boddumalle), बोन्दुमल्ले (Bondumalle);
बंगाली-वनमल्लिका (Banmallika), बेल (Bel);
नेपाली-बेलिफूल (Beliphool), मल्लिका (Mallika);
पंजाबी-चम्बा (Chamba), चाम्बेली (Chambeli);
मराठी-मोगरा (Mogra), मल्लिका (Mallika), मोगरो (Mogro); मलयालम-चेरूपिचाकम (Cherupichakam), चिराकमुल्ला (Chirakamulla)।
अंग्रेजी-लिली जसमिन (Lily jasmine), सैमबैक जसमिन (Sambac jasmine), तसकन जसमिन (Tuscan jasmine);
अरबी-समान (Saman), सोसन (Sosan);
फारसी-गुलेसुफेद (Gulesufed), जम्बाक (Jambak)।
बेला से नुकसान
अभी तक बेला से विषय में किसी भी नुकसान का पता नहीं चला है।
Very nice
ReplyDeleteIntresting & profitable information thanks great work 👌👌👍👍
ReplyDeleteअति सुंदर 👌🏻 महत्वपूर्ण जानकारी
ReplyDeleteबेला की खुशबू के साथ उसके अन्य बेहतरीन गुण।
ReplyDeleteसोने पे सुहागा।
Nice
ReplyDeleteGood one
ReplyDeleteVery nice information👌👌
ReplyDeleteGood one
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteNice.
ReplyDeleteGood.
ReplyDeleteबेला की खुशबू वाकई मनमोहक होती है साथ ही औषधीय गुणों से भरपूर भी है।
ReplyDeleteअच्छी जानकारी
अति सुंदर ।
ReplyDelete💯👌🏼👏🏼👍😋🙏