डर (Darr)
डर एक नकारात्मक भावना है। डर संभावित खतरे के लिए एक सहज वृत्ति प्रतिक्रिया के रूप में सभी मनुष्यों और जानवरों में पूर्व क्रमादेशित एक भावना है। यह भावना हमेशा अनुकूली नहीं है। यह एक अच्छी भावना नहीं है; कोई आजादी, खुशी नहीं है। यह कई रूपों में प्रकट होता है। सबसे आम अभिव्यक्ति गुस्सा है। आपका जीवन डर के जीत के लिए एक संघर्ष है।
डर के कारण इंसान ही इंसान पर भरोसा नहीं कर पाता है। पूर्व में घटी किसी घटना के कारण इंसान में डर बैठ जाता है। कई बार ऐसा देखा गया है कि उस डर के कारण उसे कई बिमारियों का सामना करना पड़ता है।
डर की छाया में घिर कर इंसान लोगों से दूरी बना लेता है, उसे ऐसा लगने लगता है कि जिंदगी में अब तक जो था बस वहीं सब कुछ था। इस प्रकार का इंसान जीवन में आगे बढने, लोगों से जुड़ने, नये रिश्ते बनाने हर चीज से दूर भागता है।
डर किसे लगता है?
जिसे भविष्य का भय नहीं होता, वही वर्तमान का आनंद उठा सकता है। डर लगने का मतलब है कि आपका दिमाग पूरी तरह से विकसित होना बाकी है। अपराध करने के बाद डर पैदा होता है और यही उसका दण्ड है। केवल एक चीज़ है, जो आपके सपनों को असम्भव बनाती है, वो है-असफलता का डर।
असफलता का सबसे बड़ा कारण डर होता हैं। डर के वजह से हम जीवन में कुछ नहीं कर पाते हैं। लेकिन डर, मन की एक स्थिति के आलावा और कुछ भी नहीं है। जो डर से जीत लिया, वो जीवन में कभी भी असफल नहीं होगा।
कामयाबी उन्ही लोगों के कदम चूमती है, जो अपनें फ़ैसलों से दुनियाँ बदल कर रख देते हैं और नाकामयाबी उन लोगों का मुकद्दर बन कर रह जाती है, जो लोग दुनियाँ के डर से अपनें फैसले बदल दिया करते हैं।
डर के क्या परिणाम है ?
"जरा सोचिये सड़क पर कोई यह सोचकर न निकले कि कही कोई दुर्घटना न हो जाये।" डर एक ऐसी मानसिक दशा है, जो आगे बढ़ने नहीं देती। डरा हुआ व्यक्ति कही सफल नहीं हो पाता। डरा हुआ व्यक्ति कोई निर्णय नहीं ले पाता।
यह व्यक्ति का डर ही होता है, जो उसे नया करने से रोकता है। क्योंकि असफलता का डर, अपमान का डर, लोग क्या कहेंगे का डर व्यक्ति को उठने नहीं देता। डरा हुआ व्यक्ति खुद अपने आप को हतोत्साहित करता है और गलत निर्णय लेता है।
डर और घबराहट पर काबू कैसे पाएं?
डर दो वजह से होता है -
पहली जब हमारी जिंदगी में कोई समस्या आती है - अगर हम अपने उस समस्या का समाधान नहीं ढूंढ पाते हैं, तो वह डर बन जाती है। उस समय हमारे पास दो रास्ते होते हैं या तो हम डर कर पीछे हट जायें या उस समस्या का समाधान कर आगे बढ़ें।
दूसरी वजह है लगाव - जब हमें किसी चीज से जितना ज्यादा लगाव होता है, उसे खोने का डर भी उतना ही ज्यादा होता है। हम किसी चीज से इतना लगाव न करें कि उसे खोने का डर बन जाये। हो सकता है कि आज हम जिस चीज से बहुत लगाव रखते हैं, कल वह हमसे बहुत दूर हो जाये।
आपने भी कभी छोटे बच्चे को ज़िद करते देखा होगा, जब वो किसी एक खिलौने के लिए ज़िद करता है, रोता है। जब हम वो खिलौना उसे दिला देते हैं, तो कुछ दिनों तक उसे उस खिलौने से इतना लगाव रहता है की बाकी के और खिलौने वो भूल जाता है। पर कुछ दिनों बाद वो खिलौना कहीं टूटा फूटा पड़ा होता है। इसी तरह हमे भी कुछ चीज़ो से लगाव हो जाता है और हमें लगता है की यह ऐसी चीज़ है, जिसके बिना हम नहीं रह सकते और उसे खोने का डर पैदा होता है। अगर इस डर को निकलना है, तो लगाव को छोड़ना पड़ेगा।
जो कुछ भी खोया जा सकता है,
अगर वो तुम्हारे जीवन में मौजूद है
तो उसके साथ डर भी मौजूद रहेगा।
तुम जिस भी चीज़ से
अपने आप को जोड़ लोगे
वही तुम्हारे डर का कारण बन जाएगी।
जितना अपने आप को निर्भर बनाओगे,
जितना अपनी पहचान को दूसरों से
बाँध कर के देखोगे,
उतना ज़्यादा डरे हुए रहोगे।
जिसे मिलने का लोभ है
उसमें छिनने का
भय भी बना ही रहेगा।
जो आशाओं में जीता है,
वो लगातार डरा हुआ रहेगा।
और तुमने सौ आशाएँ बाँध रखी हैं,
फिर तुम कहते हो कि डर क्यों है।
डर की गठरी तो तुम
खुद बाँध कर चल रहे हो।
~ आचार्य प्रशांत
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Fear
Fear is a negative emotion. Fear is an emotion pre-programmed in all humans and animals as an instinctive response to potential danger. This feeling is not always adaptive. It's not a good feeling; There is no freedom, no happiness. It appears in many forms. The most common expression is anger. Your life is a struggle for victory over fear.
Due to fear, man is not able to trust man. Due to some event that happened in the past, fear instills in a person. It has been seen many times that due to that fear, he has to face many diseases.
By being surrounded by the shadow of fear, a person distances himself from people, he starts feeling that whatever was there in life till now, everything was there. This type of person runs away from everything to move forward in life, connect with people, make new relationships.
Who is Fear?
He who does not fear the future can enjoy the present. Feeling afraid means that your mind is yet to develop fully. Fear arises after committing a crime and that is its punishment. The only thing that makes your dreams impossible is the fear of failure.
Fear is the biggest reason for failure. Because of fear, we are not able to do anything in life. But fear is nothing but a state of mind. One who conquers fear will never fail in life.
Success kisses the feet of those people who change the world with their decisions and failure becomes the fate of those people who change their decisions because of the fear of the world.
What are the consequences of fear?
"Just imagine that no one should go out on the road thinking that some accident should happen." Fear is such a mental state, which does not allow you to move forward. A scared person is not able to succeed anywhere. A scared person cannot take any decision.
It is the fear of a person that prevents him from innovating. Because the fear of failure, the fear of humiliation, the fear of what people will say does not allow a person to rise. A scared person discourages himself and takes wrong decisions.
How to overcome fear and anxiety?
Fear is caused by two reasons -
First when there is a problem in our life - if we are not able to find a solution to that problem, then it becomes fear. At that time, we have two ways, either we go back fearing or solve that problem and move forward.
The second reason is attachment - when the more we have attachment to something, the greater is the fear of losing it. We should not attach so much to anything that there is a fear of losing it. It may be that what we are very attached to today may be far away from us tomorrow.
You must have also ever seen a small child stubborn, when he insists on one of the toys, cries. When we give that toy to him, then for a few days he is so attached to that toy that he forgets the rest of the toys. But after a few days that toy is torn apart somewhere. Similarly, we also get attached to some things and we feel that it is such a thing, without which we cannot live and the fear of losing it arises. If this fear is to be removed, then attachment has to be dropped.
रफ़्ता रफ़्ता डर जाएँगे क़िस्तों में हम मर जाएँगे..
एक डर सा लगा हुआ है, मुझे वो बिना शर्त चाहता है मुझे..
नए मंज़र के ख़्वाबों से भी डर लगता है,
अब मुझे थोड़ी सी ग़फ़लत से भी डर लगता है..
ज़िंदगी इक इम्तिहाँ है इम्तिहाँ का डर नहीं,
हम अँधेरों से गुज़र कर रौशनी कहलाएँगे ..
Nice
ReplyDeleteNice post
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteDar ke aage jeet hai..
ReplyDeleteVery Nice
ReplyDeleteभय अथवा डर मनुष्य के भीतर की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। जरूरत से ज्यादा डर मनुष्य के व्यक्तित्त्व पर खराब प्रभाव डालता है।
ReplyDeleteउम्दा पोस्ट।
Very nice...
ReplyDeleteडर के आगे जीत है, ड्यू पीयो और डर को दूर भगाओ।
ReplyDeleteडर एक नकारात्मक मनःस्थिति है लेकिन कभी कभी सकारात्मक भी होती है। शायद ही कोई ऐसा इंसान हो जिसे डर न लगता हो लेकिन डर के कारण का निवारण कर आगे बढ़ना ही सफल बना सकता है।
अच्छा लेख
डर हमारे दिमाग में होता है।
ReplyDeleteअच्छा लेख.. लोग क्या कहेंगे..ये डर भी हमें कई फैसले लेने से रोकती है
ReplyDeleteलोग क्या कहेंगे ये डर हम लोगों द्वारा आपने तक सिमित नही रखा है इसे हम और फैलाते हैं
DeleteJo dar gya wo mar gya
ReplyDeleteDear friend - I have quoted your words which, in my opinion, have the deepest meaning ... and which, in my opinion, are the path leading to the happiness of many people. I think you'll forgive me for that ... I'm sorry.
ReplyDelete"Fear is the greatest reason for failure. There is nothing we can do in life out of fear. But fear is nothing but a state of mind.
The one who overcomes fear will never fail in life.
Success kisses the feet of those people who change the world with their decisions, and failure becomes the fate of those who change their decisions out of fear of the world. "
It is true that whoever overcomes fear will never fail in life.
It's nothing to be sorry about. Everything you say is right. Fear is the cause of our failure. If we want to move ahead in our life then we have to conquer our fears.
DeleteChristina, I really want to thank you, for sharing your thoughts on the post..😊
Very nice
ReplyDeleteBaat to sahi hai.
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteभूख और भय सभी को लगती है वस्तुस्थिति के अनुसार दोनों का अपना जीवन में बड़ा महत्व है ।
ReplyDeleteडर भी क्या गजब की चीज है होती है पर दिखती नही है, यदि किसी डरे हुए इंसान से पुछा जाए कि क्या तुमकों डर लग रहा है तो वह कभी स्वीकार नहीं करेगा। डर के भी कई रूप है हर इंसान का डर अलग है कोई किसी के आने से डरता है कोई किसी के जाने से डरता है,मजे की बात तो तब हो जाती है एक कदम आगे बढे नही और भविष्य की चिंता पहले से सताने लगती है कल क्या होगा या कोई क्या कहेगा ये एक डर है इससे बाहर निकलने की जरूरत है।
ReplyDeleteडर डर के जीना भी क्या जीना..जीना है तो खुल के जियो..बिंदास
ReplyDeleteDarna mna hai..
ReplyDeleteA perfect analysis of fear complex has ben enumeared by you. A good article.
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteडर एक मानसिक विकृति है।
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