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लता मंगेशकर (28 सितंबर 1929 – 6 फ़रवरी 2022) : नहीं रही महान गायिका लता मंगेशकर, 92 के उम्र में ली आखिरी सांस

लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar)

जैसा कि आप सभी जानते होंगे, कल सुबह (6 फ़रवरी) 8:12 बजे अपनी सुरीली आवाज से देश-दुनिया पर दशकों तक राज करने वाली सुर-साम्राज्ञी लता मंगेशकर का निधन (Lata Mangeshkar Passed Away) हो गया है। 'भारत रत्‍न' से सम्‍मानित गायिका ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्‍पताल में अंतिम सांस ली। वह 92 वर्ष की थीं। 'भारत की नाइटिंगेल' के नाम से दुनियाभर में मशहूर लता मंगेशकर ने करीब पांच दशक तक हिंदी सिनेमा में फीमेल प्‍लेबैक सिंगिंग में एकछत्र राज किया। मंगेशकर ने 1942 में महज 13 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने कई भारतीय भाषाओं में अब तक 30 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं। उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा जा चुका है। इसके अलावा उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

लता मंगेशकर (28 सितंबर 1929 – 6 फ़रवरी 2022)

काफी दिनों से खराब थी तबीयत

जनवरी में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में वह न्यूमोनिया से पीड़ित हो गईं। हालत बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। उनकी हालत में सुधार के बाद वेंटिलेटर सपोर्ट भी हट गया था। लेकिन 5 फरवरी को उनकी स्थिति बिगड़ने लगी और उन्हें फिर से वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। आखिरकार, 6 फरवरी (रविवार की सुबह) को 'स्वर कोकिला' ने 92 वर्ष की आयु में आखिरी सांस ली।

लता मंगेशकर (28 सितंबर 1929 – 6 फ़रवरी 2022)

लता मंगेशकर (28 सितंबर 1929 – 6 फ़रवरी 2022)

लता दीदी भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका थीं, जिनका छः दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है। हालाँकि लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं, लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायिका के रूप में रही है। अपनी बहन आशा भोंसले के साथ लता जी का फ़िल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान रहा है।

लता जी की जादुई आवाज़ के भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ पूरी दुनिया में दीवाने हैं। टाईम पत्रिका ने उन्हें भारतीय पार्श्वगायन की अपरिहार्य और एकछत्र साम्राज्ञी स्वीकार किया है। भारत सरकार ने उन्हें 'भारतरत्न' से सम्मानित किया था।

लता मंगेशकर (28 सितंबर 1929 – 6 फ़रवरी 2022)

लता जी के जीवन से सम्बंधित कुछ बातें 

लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर में हुआ था, जो कि अब मध्य प्रदेश में स्थित है। वह पंडित दीनानाथ मंगेशकर और शेवंती की बड़ी बेटी थीं। लता जी के पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर एक मराठी संगीतकार, शास्त्रीय गायक और थिएटर एक्टर थे, जबकि मां गुजराती थी। सेवंती उनकी दूसरी पत्नी थी। उनकी पहली पत्नी का नाम नर्मदा था, जिनकी मृत्यु के बाद दीनानाथ ने नर्मदा की छोटी बहन शेवंती को अपनी जीवनसंगिनी बनाया। 

लता मंगेशकर (28 सितंबर 1929 – 6 फ़रवरी 2022)

क्यों नहीं स्कूल गईं लता?

बचपन से ही लता को घर में गीत-संगीत और कला का माहौल मिला और वे उसी ओर आकर्षित हुईं। पांच वर्ष की उम्र से ही लता जी को उनके पिता संगीत का पाठ पढ़ाने लगे। उनके पिता के नाटकों में लता अभिनय भी करने लगीं। लता को स्कूल भी भेजा गया, लेकिन पहले ही दिन उनकी टीचर से अनबन हो गई।

लता अपने साथ अपनी छोटी बहन आशा को भी स्कूल ले गई। टीचर ने आशा को कक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी। इससे लता को गुस्सा आ गया और वे फिर कभी स्कूल नहीं गईं।

लता मंगेशकर (28 सितंबर 1929 – 6 फ़रवरी 2022)

13 वर्ष की उम्र में परिवार का बोझ

1942 में लता मंगेशकर पर मुसीबत का पहाड़ टूट गया। उनके पिता की जब मृत्यु हुई, तब लता मात्र 13 वर्ष की थी। लता पर परिवार का बोझ आ गया। नवयुग चित्रपट मूवी कंपनी के मालिक मास्टर विनायक, मंगेशकर परिवार के नजदीकी लोगों ने लता का करियर गायिका और अभिनेत्री के रूप में संवारने के लिए मदद की।

लता जी को अभिनय पसंद नहीं था

लता जी को अभिनय पसंद नहीं था, लेकिन पैसों की तंगी के कारण उन्होंने कुछ हिंदी और मराठी फिल्मों में अभिनय किया। मंगला गौर (1942), माझे बाल (1943), गजभाऊ (1944), बड़ी मां (1945), जीवन यात्रा (1946) जैसी फिल्मों में लता ने छोटीमोटी भूमिकाएं अदा की।

लता को सदाशिवराव नेवरेकर ने एक मराठी फिल्म में गाने का अवसर 1942 में दिया। लता ने गाना रिकॉर्ड भी किया, लेकिन फिल्म के फाइनल कट से वो गाना हटा दिया गया। 1942 में रिलीज हुई मंगला गौर में लता की आवाज सुनने को मिली। इस गाने की धुन दादा चांदेकर ने बनाई थी।

लता मंगेशकर (28 सितंबर 1929 – 6 फ़रवरी 2022)

पार्श्वगायन

1945 में उस्ताद ग़ुलाम हैदर (जिन्होंने पहले नूरजहाँ की खोज की थी) अपनी आनेवाली फ़िल्म के लिये लता को एक निर्माता के स्टूडियो ले गये जिसमे कामिनी कौशल मुख्य भूमिका निभा रही थी। वे चाहते थे कि लता उस फ़िल्म के लिये पार्श्वगायन करे। लेकिन गुलाम हैदर को निराशा हाथ लगी। 1947 में वसंत जोगलेकर ने अपनी फ़िल्म आपकी सेवा में में लता को गाने का मौका दिया। इस फ़िल्म के गानों से लता की खूब चर्चा हुई। इसके बाद लता ने मज़बूर फ़िल्म के गानों "अंग्रेजी छोरा चला गया" और "दिल मेरा तोड़ा हाय मुझे कहीं का न छोड़ा तेरे प्यार ने" जैसे गानों से अपनी स्थिती सुदृढ की। हालाँकि इसके बावज़ूद लता को उस खास हिट की अभी भी तलाश थी।

1949 में लता को ऐसा मौका फ़िल्म "महल" के "आयेगा आनेवाला" गीत से मिला। इस गीत को उस समय की सबसे खूबसूरत और चर्चित अभिनेत्री मधुबाला पर फ़िल्माया गया था। यह फ़िल्म अत्यंत सफल रही थी और लता तथा मधुबाला दोनों के लिये बहुत शुभ साबित हुई। इसके बाद लता ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

लता मंगेशकर (28 सितंबर 1929 – 6 फ़रवरी 2022)

लता जी और शादी

लता मंगेशकर की शादी नहीं हो पाई। बचपन से ही परिवार का बोझ उन्हें उठाना पड़ा। इस दुनियादारी में वे इतना उलझ गई कि शादी के बारे में उन्हें सोचने की फुर्सत ही नहीं मिली।

बताया जाता है कि संगीतकार सी. रामचंद्र ने लता मंगेशकर के समक्ष शादी का प्रस्ताव रखा था, लेकिन लता जी ने इसे ठुकरा दिया था। हालांकि लता ने इस बारे में कभी खुल कर नहीं कहा, परंतु बताया जाता है कि सी. रामचंद्र के व्यक्तित्व से लता बहुत प्रभावित थीं और उन्हें पसंद भी करती थीं।

एक इंटरव्यू में सी. रामचंद्र ने कहा था कि लता उनसे शादी करना चाहती थीं, परंतु उन्होंने इंकार कर दिया क्योंकि वह पहले से शादीशुदा थे। लेकिन रोचक बात यह है कि लता को इंकार करने की बात कहने वाले सी. रामचंद्र ने इस घटना के बाद अपनी एक अन्य महिला मित्र शांता को दूसरी पत्नी बना लिया था।

1958 में सी. रामचंद्र के साथ व्यावसायिक रिश्ते खत्म कर लेने के बारे में लता ने एक इंटरव्यू में कहा था कि एक रेकॉर्डिस्ट इंडस्ट्री में मेरे बारे में उल्टी-सीधी बातें फैला रहा था और मैंने सी. रामचंद्र से कहा कि उसे हटा दें। परंतु वह उस रेकॉर्डिस्ट के साथ काम करने पर ही अड़े हुए थे। इस बात के बाद मैंने उनके साथ काम न करने का फैसला किया।

लता मंगेशकर (28 सितंबर 1929 – 6 फ़रवरी 2022)

लता मंगेशकर जी को कई पुरष्कारों से नवाजा गया है 

फिल्म फेयर पुरस्कार (1958, 1962, 1965, 1969, 1993 and 1994)
राष्ट्रीय पुरस्कार (1972, 1975 and 1990)
महाराष्ट्र सरकार पुरस्कार (1966 and 1967)
1969 - पद्म भूषण
1974 - दुनिया में सबसे अधिक गीत गाने का गिनीज़ बुक रिकॉर्ड
1989 - दादा साहब फाल्के पुरस्कार
1993 - फिल्म फेयर का लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार
1996 - स्क्रीन का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
1997 - राजीव गान्धी पुरस्कार
1999 - एन.टी.आर. पुरस्कार
1999 - पद्म विभूषण
1999 - ज़ी सिने का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
2000 - आई. आई. ए. एफ. का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
2001 - स्टारडस्ट का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
2001 - भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान "भारत रत्न"
2001 - नूरजहाँ पुरस्कार
2001 - महाराष्ट्र भूषण
 
लता मंगेशकर (28 सितंबर 1929 – 6 फ़रवरी 2022) : नहीं रही महान गायिका लता मंगेशकर, 92 के उम्र में ली आखिरी सांस


लता जी की एक खासियत थी जिसको कम लोग ही जानते हैं - वो हमेशा नंगे पांव गाना गाती थीं। 

40 comments:

  1. 🎧गीत-संगीत की इस दुनिया में🎧
    🎇जिनकी होती हर सुबह-शाम🎇
    🙏ऐसी हुनरमंद वो शख्सियत🙏
    👣आज हो गई है ऐसे गुमनाम👣
    ❤हर एक दिल की धड़कन थी❤
    👄लबों पर था जिसका ही नाम👄
    🎤उस बेहतरीन आवाज ने आज🎤
    👇ले लिया दुनिया से चीर विश्राम👇
    ❤सबके दिलों पर करती थी राज❤
    👁उसकी याद में आंखें नम आज👁
    😢अरे ये जहां छोड़कर जाने वाले😢
    🙋‍♂️तुम पर सारी दुनिया को है नाज🙋‍♂️
    ❤स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर❤
    🌄🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏🌄

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    1. लता जी ऐसी गायिका थी जिनको सुनना हर पीढ़ी के लोगों को पसंद है

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    2. मधुर सुरों की बहती सुमधुर सरिता
      उस निराले कंठ का है सबको पता
      जिस आवाज ने मंत्रमुग्ध कर दिया
      हमारे देश की स्वर कोकिला लता
      सुरीली आवाज का नहीं था गुमान
      जिसने बढ़ाया देश का मान-सम्मान
      सौम्यता व सादगी की मूरत थी वो
      नंगे पैर खींचती सुरों की लय-तान
      बड़ी भोली बड़ी सीधी लता दीदी
      🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  2. एक शख्सियत का आना
    और एक हस्ती का जाना
    जन्म-मृत्यु का देखो कैसा
    बन गया आज अफसाना
    हे ईश्वर मानव जीवन की
    कैसी बन गई ये नियति
    एक का अवतरण दिवस
    एक की हुई है पुण्यतिथि
    कवि प्रदीप ने कितने सारे
    प्यारे यादगार गीत लिखे
    जिन्हें लता दीदी ने गाया
    उनकी ही जयंती के दिन
    आज उस स्वर कोकिला
    का तो उठ गया है साया
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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    1. बसंत पंचमी के अगले दिन...वाकई में अजब संजोग था।

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  3. सुरों की दुनिया के
    ये दोनों रोशन दीप
    एक लता मंगेशकर
    दूसरे हैं कवि प्रदीप
    कवि प्रदीप कि तो
    आज जन्म जयंती
    आज के दिन हुई
    ये अपूरणीय क्षति
    गुमनाम नहीं दोनों
    दिलों में बसा नाम
    इनका चाहने वाला
    है हर खासो-आम
    इन दोनों के गीतों
    का ऐसा असर है
    इन दोनों का नाम
    इतिहास में अमर है
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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    1. उनकी आवाज ही पहचान है।

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  4. 1-स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर
    गीत-संगीत की इस दुनिया में
    जिनकी होती हर सुबह-शाम
    ऐसी हुनरमंद वो शख्सियत
    आज हो गई है ऐसे गुमनाम
    हर एक दिल की धड़कन थी
    लबों पर था जिसका ही नाम
    उस बेहतरीन आवाज ने आज
    ले लिया दुनिया से चीर विश्राम
    सबके दिलों पर करती थी राज
    उसकी याद में आंखें नम आज
    अरे ये जहां छोड़कर जाने वाले
    तुम पर सारी दुनिया को है नाज
    2-कवि प्रदीप🙏लता दीदी
    एक शख्सियत का आना
    और एक हस्ती का जाना
    जन्म-मृत्यु का देखो कैसा
    बन गया आज अफसाना
    हे ईश्वर मानव जीवन की
    कैसी बन गई ये नियति
    एक का अवतरण दिवस
    एक की हुई है पुण्यतिथि
    कवि प्रदीप ने कितने सारे
    प्यारे यादगार गीत लिखे
    जिन्हें लता दीदी ने गाया
    उनकी ही जयंती के दिन
    आज उस स्वर कोकिला
    का तो उठ गया है साया
    3-रोशन दीप🌄लता प्रदीप
    सुरों की दुनिया के
    ये दोनों रोशन दीप
    एक लता मंगेशकर
    दूसरे हैं कवि प्रदीप
    कवि प्रदीप कि तो
    आज जन्म जयंती
    आज के दिन हुई
    ये अपूरणीय क्षति
    गुमनाम नहीं दोनों
    दिलों में बसा नाम
    इनका चाहने वाला
    है हर खासो-आम
    इन दोनों के गीतों
    का ऐसा असर है
    इन दोनों का नाम
    इतिहास में अमर है
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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    1. बहुत सुंदर तरीके से इस दुखद घटना को व्यक्त किया🙏

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    2. यह सब आपके प्रोत्साहन का नतीजा है रुपा जी🥰
      आपका लेखन कार्य इतना अच्छा है कि मुझे मजबूर कर देता है कुछ न कुछ लिखने को🙏आपका आभार एवं धन्यवाद🙏

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    3. आपकी कला लाजवाब है, हर बात को काव्य रूप देने की। हमें तो आपसे प्रोत्साहन मिलता है। और मेरे लेख को काव्य में कहना मेरे लेख में चार चांद लगा देता है। इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏

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    4. कितने खुशनसीब है हम सब
      कितना अच्छा हमारा नसीब है
      सुरों की वो शानदार मलिका
      हमारे सबके दिल के करीब है
      क्या गजब आवाज का जादू
      उनके जैसा तो कौन रकीब है
      आवाज का ऐसा वो अजूबा
      अब कहां फिर से मुनासिब है
      उनकी सुरीली आवाज का
      तो हर शख्स आज तालिब है
      इस जहां से यूँ रुखसत होना
      यह दस्तूर यकीनन वाजिब है
      🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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    5. उनका अंदाज-ए-बयां लाजवाब था
      उनसे मिलना हर एक का ख्वाब था
      आवाज का गजब-सा तिलिस्म थी
      देश का वो हीरा बड़ा ही नायाब था
      बहुत मुश्किलों का सामना किया
      कभी ना किसी से आमना किया
      हरदिल-अजीज बन गई थी वो तो
      कई गीतों को तो अमर बना दिया
      30,000 करीब उन्होंने गीत गाए
      30 भाषाओं में कीर्तिमान बनाएं
      अपने हौसले और हुनर से उन्होंने
      ढेर सारे बडे़ से बडे़ पुरस्कार पाए
      🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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    6. 60 साल वो बेमिसाल
      500 गीतों का 1 साल
      लगभग 30 भाषाओं में
      30,000 गीत गाकर
      लताजी ने किया कमाल
      गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड
      में दर्ज हुआ उनका नाम
      अपने इस भारत देश का
      रोशन किया उन्होंने नाम
      स्वर कोकिला-स्वर सम्राज्ञी
      नाइटेंगल पड़ा उनका नाम
      उनके बेहतरीन गीत सुनती
      देश और दुनिया की आवाम
      🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  5. 🎧गीत-संगीत की इस दुनिया में🎧
    🎇जिनकी होती हर सुबह-शाम🎇
    🙏ऐसी हुनरमंद वो शख्सियत🙏
    👣आज हो गई है ऐसे गुमनाम👣
    ❤हर एक दिल की धड़कन थी❤
    👄लबों पर था जिसका ही नाम👄
    🎤उस बेहतरीन आवाज ने आज🎤
    👇ले लिया दुनिया से चीर विश्राम👇
    ❤सबके दिलों पर करती थी राज❤
    👁उसकी याद में आंखें नम आज👁
    😢अरे ये जहां छोड़कर जाने वाले😢
    🙋‍♂️तुम पर सारी दुनिया को है नाज🙋‍♂️
    ❤स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर❤
    🌄🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏🌄
    🙏एक शख्सियत का आना🙏
    👣और एक हस्ती का जाना👣
    🌄जन्म-मृत्यु का देखो कैसा🌄
    👁बन गया आज अफसाना👁
    🙏हे ईश्वर मानव जीवन की🙏
    🤔कैसी बन गई ये नियति🤔
    👇एक का अवतरण दिवस👇
    👣एक की हुई है पुण्यतिथि👣
    📝कवि प्रदीप ने कितने सारे📝
    🎧प्यारे यादगार गीत लिखे🎧
    🎤जिन्हें लता दीदी ने गाया🎤
    🙏उनकी ही जयंती के दिन🙏
    👄आज उस स्वर कोकिला👄
    👣का तो उठ गया है साया👣
    🌄💐कवि प्रदीप जन्म जयंती💐🌄
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  6. यह दोनों हस्तियां है भारत देश की शान
    मध्यप्रदेश में है इन दोनों का जन्म स्थान
    बड़नगर और इंदौर दोनों है बिल्कुल पास
    लता दी-कवि प्रदीप का रिश्ता भी खास
    मध्यप्रदेश में कई हस्तियों ने जन्म लिया
    भारत देश का विश्व में नाम रोशन किया
    कवि प्रदीप के कई गीत लता जी ने गाये
    उनके सारे प्यारे गीत तो दिलों में समाएं
    इन दोनों में बहुत ही ज्यादा अपनापन था
    सबसे अच्छा इनका गीत-ए मेरे वतन था
    एक ही दिन जयंती व पुण्यतिथि मनाएंगे
    नम आंखों से इन्हें श्रद्धा के फूल चढ़ाएंगे
    इन जैसा अब मेरे इस देश में कौन होगा
    6 फरवरी के दिन तो पूरा देश मौन होगा
    याद इनकी सदा हम सबको सताती रहेगी
    इनके सब नगमें हर जुबां गुनगुनाती रहेगी
    कयामत तक इनको कोई भूल नहीं पाऐंगें
    इनके गीतों की फसलें यूँही लहराती रहेगी
    इनके वो गीत हौसला देंगे हमें मुश्किलों में
    उनकी यादें तो जिंदा रहेगी हमारे दिलों में
    उन गीतों से देशभक्ति परवान चड़ती रहेगी
    प्यार जागेगा उन मोहब्बत के सिलसिलों में
    हर गली-हर कूचे में इनके गीत चल रहे हैं
    प्यार भरे गीत सुन सबके दिल मचल रहे हैं
    इनके गीतों-नगमों की ये दीवानगी देखकर
    हमेशा से जलने वाले आज भी जल रहे हैं
    इन दिग्गजों का हमेशा दिल में नाम रहेगा
    इनके गीतों का दीवाना खासो-आम रहेगा
    असर इनके गीतों का तो कुछ ऐसा है कि
    इनका हर लफ्ज़ रगों में लहू बनकर बहेगा
    इनके कई गीतों में देशभक्ति और प्यार है
    मोहब्बत से इनके कई नगमें सारोबार है
    इनके सुर-साज-आवाज के हैं क्या कहने
    बोल इतने गजब पतझड़ में भी बहार हैं
    इनके ऐसे चले जाने से व्यथित है ये मन
    आओ करें अर्पण इनको ये श्रद्धा-सुमन
    🌄🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏🌄

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    1. निःशब्द..नमन🙏

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    2. सैकड़ों मन में भाव होते हुए भी हम उसे शब्दों में नहीं बदल पाते.. आप पर भी मां सरस्वती की कृपा है जो आप अपनी मन:स्थिति को कविता में व्यक्त कर लेते 🙏🙏

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    3. जो भी लता जी के करीब था
      उनकी सादगी का कायल था
      उनके अंदाज और आवाज से
      अंतरआत्मा तक वो घायल था
      सबसे लता दीदी को प्यार था
      हर एक से उन्हें सरोकार था
      हंसी-खुशी सबसे बात करना
      सादगी-भरा सभ्य-संस्कार था
      त्याग-तपस्या की वो मूरत थी
      बड़ी प्यारी-भोली-सी सूरत थी
      कोयल से भी सुरीली आवाज
      हमें उनकी बहुत जरूरत थी
      🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  7. रहें न रहें हम,महका करेंगे....
    स्वर साम्राजी आदरणीया लता दीदी को श्रद्धांजलि।

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  8. भावभीनी श्रद्धांजलि 🙏🙏

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  9. मधुर सुरों की बहती सुमधुर सरिता
    उस निराले कंठ का है सबको पता
    जिस आवाज ने मंत्रमुग्ध कर दिया
    हमारे देश की स्वर कोकिला लता
    सुरीली आवाज का नहीं था गुमान
    जिसने बढ़ाया देश का मान-सम्मान
    सौम्यता व सादगी की मूरत थी वो
    नंगे पैर खींचती सुरों की लय-तान
    बड़ी भोली बड़ी सीधी लता दीदी
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  10. जो भी लता जी के करीब था
    उनकी सादगी का कायल था
    उनके अंदाज और आवाज से
    अंतरआत्मा तक वो घायल था
    सबसे लता दीदी को प्यार था
    हर एक से उन्हें सरोकार था
    हंसी-खुशी सबसे बात करना
    सादगी-भरा सभ्य-संस्कार था
    त्याग-तपस्या की वो मूरत थी
    बड़ी प्यारी-भोली-सी सूरत थी
    कोयल से भी सुरीली आवाज
    हमें उनकी बहुत जरूरत थी
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  11. ना शिकवों का ना गिलों का
    रिश्ता है उनसे बस दिलों का
    उनके ही तराने गुनगुनाएंगे
    सफर-ए-जिंदगी है मिलों का
    मासूमियत उस चेहरे में बसी
    बड़ी ही प्यारी थी उनकी हंसी
    उनकी बेहतरीन आवाज का
    कौन है जो नहीं है दिलनशी
    जिंदगी के बहुत ही करीब है
    उनकी वो बेहतरीन आवाज
    देश-दुनिया और सबको है
    उस सुरीली आवाज पर नाज
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  12. कितने खुशनसीब है हम सब
    कितना अच्छा हमारा नसीब है
    सुरों की वो शानदार मलिका
    हमारे सबके दिल के करीब है
    क्या गजब आवाज का जादू
    उनके जैसा तो कौन रकीब है
    आवाज का ऐसा वो अजूबा
    अब कहां फिर से मुनासिब है
    उनकी सुरीली आवाज का
    तो हर शख्स आज तालिब है
    इस जहां से यूँ रुखसत होना
    यह दस्तूर यकीनन वाजिब है
    ��नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी��

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  13. 60 साल वो बेमिसाल
    500 गीतों का 1 साल
    लगभग 30 भाषाओं में
    30,000 गीत गाकर
    लताजी ने किया कमाल
    गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड
    में दर्ज हुआ उनका नाम
    अपने इस भारत देश का
    रोशन किया उन्होंने नाम
    स्वर कोकिला-स्वर सम्राज्ञी
    नाइटेंगल पड़ा उनका नाम
    उनके बेहतरीन गीत सुनती
    देश और दुनिया की आवाम
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  14. भारत रत्न लता मंगेशकर जी का निधन भारतीय संगीत के एक युग का अंत है। न भूतो न भविष्यति, देश काल से परे, संगीत उनके लिए पूजा सरीखी थी व्यवसाय नही।
    ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और अपने श्री चरणों में स्थान दें।

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  15. Apurniya chhati...Bhagwaan unki atma ko shanti den🙏🙏

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  16. 🙏🙏 विनम्र श्रद्धांजलि 🙏🙏

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