गेंदा (Marigold)
गेंदा (Marigold) का फूल देखने में जितना ज्यादा खूबसूरत होता है, उसमें उतना ही ज्यादा औषधीय गुण भी होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार गेंदा (Marigold) के कई सारे औषधीय गुण हैं, जिसका उपयोग जड़ी बूटी के लिए किया जाता है। गेंदा (Marigold) का फूल दुनिया में लगभग हर जगह पाया जाता है। गेंदे के फूल का प्रयोग हिंदू धर्म में भगवान की पूजा करते समय भगवान को अर्पित किया जाता है तथा साथ ही इसका उपयोग सजावट के लिए भी किया जाता है।
गेंदा क्या है?
गेंदा लगभग सभी घरों में पाया जाता है और सभी इससे वाकिफ हैं। गेंदे का पौधा अपने सुंदर आकर्षक फूलों और पत्तियों के कारण जाना जाता है। इसके फूल से तेज खुशबू निकलती है, जिसकी वजह से घरों और बगीचों में गेंदे के फूलों को लगाया जाता है। फूलों के रंगों में भिन्नता के अनुसार गेंदा की कई प्रजातियां होती हैं। इन प्रजातियों में हजारा (इसका फूल बड़ा होता है), सुरनाई, कौकहान (लाल और पीले रंग के दल चक्र वाला) प्रजाति मुख्य रूप से पाई जाती है।
जानते हैं गेंदा के फूल के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में
गेंदा कटु, कषाय, शीत, लघु, रूक्ष और कफपित्त शामक होता है।
आंखों की समस्या
- गेंदे के फूल की कली को पीसकर आंखों के बाहर चारों तरफ लगाने से आंखों के फूलने में लाभ होता है।
- गेंदे के पत्ते के रस को आंखों के बाहर चारों तरफ लगाने से भी आंखों के रोग में लाभ होता है।
नाक से खून बहने की समस्या
नाक से खून बहने पर गेंदा के पत्ते के 1 से 2 बूंद रस को नाक में डालने से नाक से खून बहना बंद हो जाता है।
श्वास नली में सूजन होने पर
गेंदा के पौधे से बने 15 से 20 मिलीलीटर शीत कषाय (ठंडे पानी में रात भर रखा गया) रस का सेवन करने से श्वास नली में सूजन की समस्या दूर होती है।
कान दर्द में
2-2 बूंद गेंदा के पत्ते के रस को कान में डालने से कान के दर्द में आराम मिलता है।
खांसी की समस्या
गेंदे के फूल के बीजों की घुंडी का चूर्ण बनाकर 2 से 5 ग्राम चूर्ण, 10 ग्राम शक्कर और एक चम्मच दही मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करने से खांसी और सांसों के रोग में लाभ होता है।
बवासीर की समस्या
- 10 ग्राम गेंदे के पत्ते और 2 ग्राम कालीमिर्च को एक साथ पीसकर पीने से बवासीर में लाभ होता है।
- 5 से 10 ग्राम गेंदे के फूल को घी में भूनकर दिन में 3 बार सेवन करने से बवासीर से होने वाले रक्त स्राव में फायदा मिलता है।
- 5 से 10 ग्राम गेंदा के फूल के रस को दिन में 2-3 बार सेवन करने से खूनी बवासीर में लाभ होता है।
चोट- मोच- सूजन होने पर
- गेंदे के पंचांग का रस निकालकर चोट - मोच और सूजन वाले स्थान पर लगाने से आराम मिलता है।
- पत्ते के रस को लगाने से घाव और घाव से होने वाले रक्त स्राव मैं आराम मिलता है।
बिवाई फटने पर
जब हाथ या पैर की त्वचा या एड़ी फट जाए, तो गेंदा के पत्तों का रस वैसलीन में मिलाकर हाथ पैर पर मलें। इससे बिवाई और हाथ पैरों की खुश्की दूर होती है।
फोड़ा - फुंसी होने पर
- गेंदे के पत्तों को पीसकर फोड़े फुंसी और घाव पर लगाने से आराम मिलता है।
- गेंदा के पत्ते को पीसकर गुनगुना करके लेप करने से फोड़ा फुंसी या डायबिटीज की अवस्था में होने वाले फोड़े फुंसी में लाभ होता है।
मूत्र रोग में
गेंदे के 10 ग्राम पत्तों के रस में मिश्री मिलाकर दिन में 3 बार पीने से रुका हुआ पेशाब खुलकर आने लगता है।
मासिक धर्म या बवासीर में अधिक रक्तस्राव होने पर
5 से 10 ग्राम गेंदा के फूल को घी में भूनकर दिन में 3 बार सेवन करने से मासिक धर्म तथा बवासीर के दौरान अधिक रक्तस्राव की समस्या में फायदा होता है।
ततैया के काटने पर
ततैया के काटने पर उसके डंक के असर को कम करने के लिए गेंदे के पत्ते को पीसकर डंक वाले स्थान पर लगाने से आराम मिलता है। डंक के कारण होने वाला दर्द भी कम हो जाता है।
पथरी की समस्या
20 से 30 मिलीलीटर गेंदा के पत्ते के काढ़े को दिन में 2 बार कुछ दिनों तक सेवन करने से पथरी गल कर निकल जाती है।
दांत दर्द की समस्या
गेंदा के पत्ते के काढ़े से कुल्ला करने से दांतों के दर्द में आराम मिलता है।
त्वचा के लिए
गेंदे के फूल से बने तेल से चेहरे की मालिश करने पर त्वचा में रक्त का संचार बढ़ता है और त्वचा का रंग निखरता है।
विभिन्न भाषाओं में गेंदा के पौधे का नाम
Sanskrit- झण्डू, गणेरुक, स्थूलपुष्प
English- Marigold, African marigold, Big marigold, French marigold,
Urdu- गेंदा (Genda)
Oriya- गेन्दु (Gendu)
Konkanni- गोंडेफूल (Gondephool)
Kannada- चण्डुमल्लिगे (Chandumallige), सीमेश्यमंतिगे (Seemeshyamantige)
Gujarati- गलगोटो (Galgoto), गुल्जहरो (Guljharo), मखमला (Makhamala)
Tamil- कानकापुचटी (Kancappucceti)
Telugu- बाण्टिचेट्टू (Bantichettu), बण्टी (Banti)
Bengali- गेंदा (Genda)
Nepali- सयपत्री (Sayapatri)
Marathi- मखमली (Makhamali), रोजी (Roji), जेंडू (Zendu)
Malayalam- चेण्डुमल्ली (Chendumalli)
Manipuri- सनारी (Sanarei)
Arabic- हजाई (Hajai), हमाहमा (Hamahama)
Persian- गुलहजारा (Gulhazara), काजेख्रूसा (Kajekharusa), सदाबर्ग (Sadabarg)
गेंदा फूल के नुकसान
गेंदा के फूल के सेवन से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। किसी बीमारी के लिए गेंदा का सेवन करने या गेंदा का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
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Marigold
The more beautiful the marigold flower is to look at, the more medicinal properties it has. According to Ayurveda, there are many medicinal properties of Marigold, which is used as a herb. Marigold flower is found almost everywhere in the world. Marigold flower is used in Hinduism as an offering to God while worshiping God as well as it is also used for decoration.
What is Marigold?
Marigold is found in almost every household and everyone is aware of it. Marigold plant is known for its beautiful attractive flowers and leaves. Its flower emits a strong fragrance, due to which marigold flowers are planted in homes and gardens. There are many species of marigold according to the variation in the color of the flowers. In these species, Hazara (its flowers are large), Surnai, Kaukahan (red and yellow colored swamps) species are mainly found.
Know about the benefits, harms, uses and medicinal properties of marigold flower
Marigold is bitter, astringent, cold, short, dry and phlegm is sedative.
eye problems
- Grind the bud of marigold flower and apply it around the outside of the eyes, it is beneficial in the swelling of the eyes.
- Applying the juice of marigold leaves around the eyes is also beneficial in eye diseases.
nose bleeding problem
In case of bleeding from the nose, putting 1 to 2 drops juice of marigold leaves in the nose stops bleeding from the nose.
inflammation of the respiratory tract
Taking 15 to 20 ml cold kashaya (kept overnight in cold water) juice made from marigold plant ends the problem of inflammation in the respiratory tract.
in ear pain
Putting 2-3 drops of marigold leaves juice in the ear provides relief in earache.
cough problem
Mixing 2 to 5 grams of powder, 10 grams of sugar and one spoon of curd, making a powder of the knob of marigold flowers and taking it thrice a day is beneficial in cough and respiratory diseases.
piles problem
- Grind 10 grams marigold leaves and 2 grams black pepper together and take, it is beneficial in piles.
- Roast 5 to 10 grams of marigold flowers in ghee and take it thrice a day, it provides relief in bleeding caused by piles.
- Taking 5 to 10 grams juice of marigold flower 2-3 times a day is beneficial in bloody piles.
Injury - sprain - swelling
- Taking out the juice of marigold's almanac and applying it on the injured, sprain and swollen area provides relief.
- By applying the juice of the leaf, it provides relief in wounds and bleeding from wounds.
on sowing
When the skin of the hand or foot or the heel is cracked, mix the juice of marigold leaves with Vaseline and rub it on the hands and feet. It removes dryness of sowing and hands and feet.
abscess
- Grinding marigold leaves and applying it on boils and wounds provides relief.
- Grinding the leaves of marigold and applying it lukewarm, it is beneficial in boil pimple or boil pimple in the condition of diabetes.
in urinary tract
Mixing sugar candy in the juice of 10 grams of marigold leaves and drinking it thrice a day, stops urine coming out freely.
Heavy bleeding during menstruation or hemorrhoids
Roast 5 to 10 grams of marigold flowers in ghee and take it thrice a day, it is beneficial in the problem of excessive bleeding during menstruation and piles.
on wasp bite
To reduce the effect of its sting on a wasp bite, grinding the leaves of marigold and applying it on the sting area provides relief. The pain caused by the sting also subsides.
stone problem
Taking 20 to 30 ml decoction of marigold leaves twice a day for a few days helps to dissolve the stones.
toothache problem
Gargling with a decoction of marigold leaves provides relief in toothache.
to skin
Massaging the face with oil made from marigold flowers increases the circulation of blood in the skin and improves the complexion of the skin.
disadvantages of marigold flower
Consumption of marigold flowers can also cause some harm. Before consuming marigold or using marigold for any disease, consult an Ayurvedic doctor.
Useful Post
ReplyDeleteगेंदा का फूल बहु उपयोगी होता है। देखने मे सुंदर और खुशबू में लाजवाब होने के साथ हमारी स्वास्थ्य रक्षा में भी काम आता है।
ReplyDeleteअच्छी जानकारी
ReplyDeleteगेंदा के औषधीय गुणों की अच्छी जानकारी मिली।
ReplyDeleteअच्छी जानकारी
Nice
ReplyDeleteWow बहुत उपयोगी है ✔️
ReplyDeleteगेंदा की पत्ती और फूल सुगंधित होने के साथ साथ अनेक औषधीय गुण वाले हैं।
ReplyDeleteVery nice information...
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteVery nice information 👍
ReplyDeletegood info
ReplyDeleteMargaretka - I love these flowers and I plant them on my balcony every year. Their smell repels mosquitoes. It has great uses.
ReplyDeleteYes Christina, you are right. This is the season for the blossoming of this flower.
Deleteबहुत बढ़िया जानकारी..अभी तक गेंदा को सिर्फ फूल ही के तौर पर जानते थे। अब इसके औषधीय गुणों के बारे में जानकारी मिली।
ReplyDeleteबहुत लाभदायक उपाय व जानकारी दी है आपने शुक्रिया जी।। शुभ संध्या मित्रो
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteBahut labhdayak.. 👌👌
ReplyDeleteVery useful
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteUseful information..
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