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Sunday.. इतवार ..रविवार

इतवार (Sunday)

Os ki Boond
"यदि मंज़िल न मिले तो रास्ते बदलो !
क्योंकि वृक्ष अपनी पत्तियाँ बदलते हैं जड़े नहीं...❤"

दीन 


सह जाते हो
उत्पीड़न की क्रीड़ा सदा निरंकुश नग्न
हृदय तुम्हारा दुबला होता नग्न
अन्तिम आशा के कानों में
स्पन्दित हम – सबके प्राणों में

अपने उर की तप्त व्यथाएँ
क्षीण कण्ठ की करुण कथाएँ
कह जाते हो
और जगत की ओर ताककर
दुःख हृदय का क्षोभ त्यागकर
सह जाते हो

कह जाते हो
यहाँ कभी मत आना
उत्पीड़न का राज्य दुःख ही दुःख
यहाँ है सदा उठाना

क्रूर यहाँ पर कहलाता है शूर
और हृदय का शूर सदा ही दुर्बल क्रूर
स्वार्थ सदा ही रहता परार्थ से दूर
यहाँ परार्थ वही, जो रहे
स्वार्थ से हो भरपूर
जगतकी निद्रा, है जागरण
और जागरण जगत का – इस संसृति का

अन्त – विराम – मरण
अविराम घात – आघात
आह – उत्पात
यही जगजीवन के दिन-रात
यही मेरा, इनका, उनका, सबका स्पन्दन
हास्य से मिला हुआ क्रन्दन

यही मेरा, इनका, उनका, सबका जीवन
दिवस का किरणोज्ज्वल उत्थान
रात्रि की सुप्ति, पतन
दिवस की कर्म – कुटिल तम – भ्रान्ति
रात्रि का मोह, स्वप्न भी भ्रान्ति
सदा अशान्ति

– सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' 
Sunday.. इतवार ..रविवार
"इतवार में भी कुछ यूँ हो गयी है मिलावट,
छुट्टी तो दिखती है,
पर सुकून नजर नहीं आता...❤"

27 comments:

  1. शुकुन दिन से नही मिलता है...शुकुन आंत्रिक आत्मा में होती है

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  2. Happy Sunday dear ... Beautiful pic with Nice poem😘😘❤️❤️❤️

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  3. छायावाद के मूर्धन्य रचनाकार महाकवि निराला के काव्य संग्रह "परिमल" में आज की कविता 'दीन' संग्रहीत है। आप सभी को शुभ रविवार।

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  4. इस साल के अंतिम रविवार की सुंदर तस्वीर और निराला जी के कमोवेश समझ आने वाली कविता के साथ शुभ रविवार 🧡♥️

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  5. हे मानव तु है महामानव
    ईश्वर कि अप्रतिम कृति
    सुकून से जीवन जीना है
    बदल अपनी हर प्रवृत्ति
    बस सुनहरे भविष्य के
    लिए इतना दौड़ता है
    आज-कल का सुख
    व्यर्थ पीछे छोड़ता है
    मंजिल का तेरी कोई
    भी ठिकाना नहीं है
    रोज दर्द और गम की
    तु चादर ओढ़ता है
    लालच करना क्यों
    नहीं छोड़ता है
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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    1. बहुत सुंदर पंक्तियां 👌👌

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    2. आनंद का क्या है वो तो
      एक पल में मिल जाता है
      नहीं मिले तो नहीं मिले
      जिंदगी भर तरसाता है
      कभी-कभी कोई आनंद
      तो भारी लत बन जाता है
      छोड़े से भी ना छूटे वो लत
      ताउम्र आदत बन जाता है
      इसलिए सोच-समझकर
      करना कोई भी शौक-मौज
      ऐसा ना हो अपनी जिंदगी
      बन जाएं कभी खुद बोझ!?!
      🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  6. Happy Sunday 🥀🥀

    Thand bahut hai, jacket ki chain band kar lo😁😁😁

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  7. हिंदी साहित्य में हाथ थोड़ा तंग है तो कविता पूरी पल्ले नहीं पड़ी। सुंदर सी तस्वीर के साथ अच्छी कविता।
    आप सबको शुभ रविवार

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  8. आनंद का क्या है वो तो
    एक पल में मिल जाता है
    नहीं मिले तो नहीं मिले
    जिंदगी भर तरसाता है
    कभी-कभी कोई आनंद
    तो भारी लत बन जाता है
    छोड़े से भी ना छूटे वो लत
    ताउम्र आदत बन जाता है
    इसलिए सोच-समझकर
    करना कोई भी शौक-मौज
    ऐसा ना हो अपनी जिंदगी
    बन जाएं कभी खुद बोझ!?!
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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    Replies
    1. बात तो सही है आपकी
      कुछ आनंद लत बन जाती है
      ताउम्र की आदत बन जाती है
      पर कहां होता कुछ बातों पर
      अपना जोर
      सोंच समझ पर पत्थर पड़ जाता
      हर काम सोंच समझ कर हो
      ये जरूरी तो नहीं
      बस देखना ये है कि
      अपनी जिंदगी
      बन जाए ना खुद पर बोझ..
      🙏 रूपा"ओस की एक बूंद"🙏

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  9. एक सुखद रविवार के लिए एक सुंदर मुस्कान।

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  10. अच्छी कविता।शुभ रविवार।

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  11. आनंद की तो कहां कोई सीमा है
    आनंद कभी तेज तो कभी धीमा है
    आनंद के लिए ढूंढते ना कोई रास्ता
    आनंद से पड़ता है अचानक वास्ता
    आनंद कभी परमानंद बन जाता है
    आनंद तो सबको ही पसंद आता है
    आनंद से काश आनंदित हो हर मन
    आनंद से खुशहाल रहता है जीवन
    🙏🥰🤩👣👁❤👁👣🤩🥰🙏
    आनंद परमानंद हो मन स्वच्छंद हो
    हम सबका ये जीवन सदा प्रसन्न हो
    🙏🥰🤩👣👁❤👁👣🤩🥰🙏
    🌄🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏🌄

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  12. Beautiful lines, Sunday toh hota hai magar sukun ni,
    Keep writing, loads of love

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  13. अति सुन्दर प्रस्तुति 👌👌

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