जैन धर्म का सबसे पवित्र तीर्थ स्थान पालीताना
पालीताना मंदिर जैन धर्म का विशाल और बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। जैन धर्म के अनुसार, प्राचीन काल से ही पालिताना जैन साधु और मुनियों के मोक्ष एवं निर्वाण का प्रमुख स्थल रहा है। पालीताना भारत के गुजरात राज्य के भावनगर जिले में स्थित नगर है। जैन धर्म का सबसे बड़ा तीर्थ स्थान, भावनगर शहर से 50 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित है। कानूनी रूप से यह दुनिया का एकमात्र शाकाहारी शहर है। शुरू से ही जैन समाज के लोग जीव दया को मानते हैं।
पालीताना शत्रुंजय नदी के तट पर शत्रुंजय पर्वत की तलहटी में स्थित जैन धर्म का प्रमुख तीर्थ है।
यह मंदिर मुख्य रूप से 24 तीर्थंकर भगवानों के लिए समर्पित है। कुमारपाल, मिलशाह, समप्रति मंदिर यहां के मुख्य मंदिर हैं। पहाड़ी की चोटी पर मुख्य मंदिर पहले तीर्थंकर भगवान श्री आदिनाथ जी को समर्पित है, यह जैन मंदिर
पालीताना दुनिया का एकमात्र पर्वत है, जिसमें 900 से अधिक मंदिर हैं।पालीताना मंदिर और पूरे पहाड़ को जैन समुदाय द्वारा सबसे पवित्र तीर्थ स्थान माना जाता है, और यह दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर परिसर है। शत्रुंजय पहाड़ियों पर स्थित 3000 से अधिक मंदिर हैं, जिन्हें उत्कृष्ट रूप से संगमरमर में उकेरा गया है। मंदिरों का निर्माण जैनियों की पीढ़ियों द्वारा 11वीं शताब्दी के बाद से 900 वर्षों की अवधि में किया गया था। इन मंदिरों के संगमरमर के शिखर सूर्य की रोशनी में चमकते हुए एक अद्भुत छठा प्रकट करते हैं, तथा माणिक्य मोती से लगते हैं। पालीताना शत्रुंजय तीर्थ का जैन धर्म में बहुत महत्व है। पांच प्रमुख तीर्थों में से एक शत्रुंजय तीर्थ की यात्रा करना प्रत्येक जैन अपना कर्तव्य मानता है। मंदिर के ऊपर शिखर पर सूर्यास्त के बाद केवल देव साम्राज्य ही रहता है सूर्यास्त के उपरांत किसी भी इंसान को ऊपर रहने की अनुमति नहीं है। जैन मान्यताओं में पहाड़ों पर स्थित इन मंदिरों का निर्माण भगवान के निवास स्थान के रूप में किया गया है जहां भगवान रात्रि में विश्राम करते हैं इसलिए इस स्थान पर रात्रि में पुजारी सहित किसी भी व्यक्ति को रहने की अनुमति नहीं है। पालीताना के मंदिरों का सौंदर्य एवं नक्काशी का काम बहुत ही उत्तम कोटि का है।पहाड़ी की तलहटी से चोटी तक चढ़ाई की सुविधा के लिए लगभग 3800 पत्थर की सीढ़ियां हैं।
पालीताना का प्रमुख व सबसे खूबसूरत मंदिर जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव जिन्हें आदिनाथ भी कहा जाता है, का है। आदिश्वर देव के इस मंदिर में भगवान की आंगी दर्शनीय है। दैनिक पूजा के दौरान भगवान का श्रृंगार देखने योग्य होता है।पालीताना में बहुमूल्य प्रतिमाओं आदि का भी अच्छा संग्रह है। एक महान जैन संरक्षक कुमारपाल सोलंकी ने संभवतः सबसे पहले मंदिर का निर्माण किया था। मंदिर में गहनों का शानदार संग्रह है और इन्हें विशेष अनुमति से देखा जा सकता है। मंदिर 11 वीं से 20 वीं सदी के हैं । 1865 से 1910 तक इस पर राजा धनपत का शासन था।अलग-अलग कालों में शासकों द्वारा पहाड़ पर स्थित इन मंदिरों का अब तक लगभग 16 बार पुनर्निर्माण किया जा चुका है।पालीताणा के इन जैन मंदिरों को 'टक्स' भी कहा जाता है।
आस्था
इसकी पवित्रता के कारण प्रत्येक जैन भक्त अपने जीवन काल में कम से कम एक बार पहाड़ी की चोटी पर चढ़ने की इच्छा रखता है। ना केवल पहाड़ी पर मंदिर पवित्र है बल्कि जैन शास्त्रों के अनुसार ऊपर से नीचे तक पूरी पहाड़ी पवित्र है। यात्रा कठिन है। पत्थर की सीढ़ियां पहाड़ के मुख पर उकेरी गई हैं, जिसमें लगभग डेढ़ घंटे का समय लगता है। जो लोग सक्षम नहीं जाने में उनके लिए स्लिंग- कुर्सियां भी किराए पर उपलब्ध हैं। जैन धर्म की कठोरता को ध्यान में रखते हुए पर्वतारोहियों के लिए नियम सख्त हैं। भोजन ना तो खाना चाहिए और ना ही रस्ते में ले जाना चाहिए।
शाकाहार
2014 में पालीताना कानूनी रूप से शाकाहारी होने वाला दुनिया का पहला शहर बन गया। इसने मांस, मछली और अंडे की खरीद और बिक्री और इससे संबंधित काम को गैरकानूनी या अवैध बना दिया है।
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Palitana, the Holiest Pilgrimage place of Jainism
Palitana Temple is a huge and very important place of Jainism. According to Jainism, since ancient times, Palitana has been the main place of salvation and nirvana of Jain monks and sages. Palitana is a town in Bhavnagar district in the Indian state of Gujarat. The biggest pilgrimage place of Jainism is situated 50 km south-west of Bhavnagar city. It is legally the only vegetarian city in the world. From the very beginning, the people of Jain society believe in compassion.
Palitana is a major pilgrimage center of Jainism situated at the foothills of Shatrunjaya mountain on the banks of Shatrunjaya river.
This temple is mainly dedicated to 24 Tirthankara Gods. Kumarpal, Milshah, Samprati Mandir are the main temples here. The main temple on the top of the hill is dedicated to the first Tirthankara, Lord Adinath. this jain temple
Palitana is the only mountain in the world, which has more than 900 temples. The Palitana temple and the entire mountain is considered the most sacred place of pilgrimage by the Jain community, and is the largest temple complex in the world. There are more than 3000 temples situated on the Shatrunjaya hills, which are exquisitely carved in marble. The temples were built by generations of Jains over a period of 900 years from the 11th century onwards. The marble shikharas of these temples reveal a marvelous sixth shining in the sunlight, and are adorned with ruby pearls. Palitana Shatrunjaya Teerth has great importance in Jainism. Every Jain considers it his duty to visit Shatrunjaya Teerth, one of the five major pilgrimages. After sunset on the top of the temple, only the kingdom of God remains, no human is allowed to stay above after sunset. In Jain beliefs, these temples situated on the hills have been constructed as the abode of the Lord, where the Lord rests at night, so no person including the priest is allowed to stay at this place at night. The beauty and carving work of the temples of Palitana is of very fine quality. There are about 3800 stone steps to facilitate the climb from the foot of the hill to the top.
The main and most beautiful temple of Palitana is of Lord Rishabhdev, also known as Adinath, the first Tirthankara of Jainism. In this temple of Adishwar Dev, Lord's Aangi is visible. The makeup of the Lord is visible during daily worship. Palitana also has a good collection of valuable idols etc. Kumarpal Solanki, a great Jain patron probably built the temple first. The temple has a splendid collection of jewelry and can be viewed with special permission. The temples date from the 11th to the 20th centuries. It was ruled by King Dhanpat from 1865 to 1910. These temples situated on the mountain have been rebuilt about 16 times by the rulers in different periods. These Jain temples of Palitana are also called 'Tux'.
Faith
Due to its purity every Jain devotee wishes to climb the hill top at least once in his lifetime. Not only is the temple on the hill sacred, but according to Jain scriptures, the entire hill is sacred from top to bottom. Travel is tough. Stone stairs are carved on the mountain face, which takes about one and a half hours. Sling-chairs are also available on rent for those who are unable to move. Keeping in mind the rigor of Jainism, the rules for mountaineers are strict. Food should neither be eaten nor taken on the way.
Vegetarianism
In 2014 Palitana became the first city in the world to become legally vegetarian. It has made illegal or illegal the buying and selling of meat, fish and eggs and the work related to it.
मप्र देवरी मै भी एक जैन तीर्थ छेत्र है (बीना बारह जी)
ReplyDeleteमहावीर स्वामी जी यहा अक्शर रुकते है
Nice
ReplyDelete🙏🏻 🙏🏻
ReplyDeleteGood one 👍
ReplyDeleteहम सभी कोरोना काल में मुंह पर मास्क लगाना सीखे, जबकि जैन धर्म में यह बहुत पहले से चला आ रहा है और वो इसलिए है कि जीव हत्या ना हो।
ReplyDeleteइन कलाकृतियों और संगमरमर पर हुई नक्कासी अचंभित कर देती है, कैसे इतने पहले अत्याधुनिक उपकरणों के बगैर इतनी महीन नक्काशी उस समय के कारीगर करते होंगे।
Beautiful temple
ReplyDeleteजैन धर्म स्वच्छता, शान्ति, और अहिंसा का प्रतीक है जैन समुदाय भारत में अल्पसंख्यक है और आप लोग जानते ही होंगे एक पंचर समुदाय भी है जो अल्पसंख्यक होने के नाम पर हिंदुस्तान में यदा कदा हिंसक घटनाएं करते रहते हैं, इस.के विपरीत एक जैन समुदाय है जो जीव हत्या का भी पाप अपने माथे नहीं लगता,अद्भुत धैर्य के प्रतीक होते हैं जैन नमन् करता हूँ🙏
ReplyDeleteअद्भुत वास्तुकला.. हमारे देश में इतने सारे जगह जगह अति प्रसिद्ध, प्रसिद्ध और साधारण मंदिर हैं.. सभी धर्म के लोग यहां रहते हैं. और सभी के मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे भी हैं. तात्पर्य है कि यह सभी पॉजिटिव एनर्जी वाली जगह है.. फिर भी हमारे ही देश में सबसे ज्यादा करप्शन है.. और इसलिए हम समृद्ध होते हुए भी पिछड़ गए हैं..
ReplyDeleteइस जगह के बारे में मुझे जानकारी नहीं थी . Thanks to share it 👍
अच्छी जानकारी
ReplyDeleteजैन धर्म के इस मंदिर के बारे में नवीन जानकारी
ReplyDeleteNice information
ReplyDeletenice post
ReplyDeleteSurprise 📰🗞️
ReplyDeleteअच्छी जानकारी
ReplyDeleteपालीताना गुजरात के भावनगर में स्थित जैन धर्म का प्राचीन एवं पवित्र मंदिर है।
ReplyDeleteNice post
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteThanks to your posts, a person travels the world without moving from the place. Thank you.
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteगजब.. 900 मंदिर एक पहाड़ी पर और इतनी महीन कारीगरी..एक पिक में तो लग रहा जैसे पेज पर पेंसिल से नक्कासी की गई हो..सच में अद्भुत..इससे भी बड़े आश्चर्य की बात की दुनिया का एक मात्र इकलौता शाकाहारी शहर..
ReplyDeleteबिल्कुल नई जानकारी