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महुआ (Mahua)/ महुवा (Mahuwa)/ Honey Tree

महुआ (Mahua)/ महुवा (Mahuwa)/Honey Tree

महुआ (Mahua)/ महुवा (Mahuwa)/ Honey Tree

महुआ (Mahua), नाम तो सुना ही होगा? आज इस औषधीय पेड़ के बारे में चर्चा करेंगे। ज्यादातर लोग महुआ (Mahua) से परिचित होंगे, परंतु शायद कुछ लोग अनजान भी हों। महुआ (Mahua) एक बहुत ही फायदेमंद औषधीय पेड़ है, जिसका फूल, फल, बीज, छाल, पत्तियां सभी का आयुर्वेद में अनेक प्रकार से उपयोग किया जाता है। आदिवासी भारतीयों के लिए महुआ (Mahua) का पेड़ बहुत महत्वपूर्ण है। आदिवासी लोग ना सिर्फ खाने के लिए, बल्कि इंधन के रुप में भी महुआ (Mahua) का उपयोग करते हैं।

महुआ क्या है?

महुआ (Mahua)/ महुवा (Mahuwa)/ Honey Tree

महुआ भारतवर्ष के सभी भागों में पाया जाता है और पहाड़ों पर 3000 फुट की ऊंचाई तक होता है। यह एक उष्णकटिबंधीय वृक्ष है, जिसका वानस्पतिक नाम मधुका लोंगिफोलिया (Madhuca longifolia) है। यह उत्तर भारत के मैदानी इलाकों और जंगलों में बड़े पैमाने पर पाया जाता है। यह एक तेजी से बढ़ने वाला वृक्ष है, जो लगभग 25 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ सकता है। इसके पत्ते आमतौर पर वर्ष भर हरे- भरे रहते हैं। इसकी पत्तियां 5-7 अंगुल चौड़ी, 10-12 अंगुल लंबी और दोनों और नुकीली होती हैं। पत्तियों का ऊपरी भाग हल्के रंग का और पिछला हिस्सा भूरे रंग का होता है। यह पेड़ सब प्रकार की भूमि पर होता है। इसके फूल, फल, बीज, लकड़ी सभी चीजें प्रयोग में आती हैं। इसका पेड़ 20- 25 वर्ष में फूलने और फलने लगता है और सैकड़ों वर्ष तक फूलता -फलता रहता है। महुआ को संस्कृत में महुवा तथा अंग्रेजी में हनी ट्री (Honey tree) कहते हैं। आदिवासी समुदायों के लोग इसकी उपयोगिता की वजह से इसे पवित्र मानते हैं तथा हिंदू धर्म में भी कुछ पूजा पद्धतियों में इसका उपयोग किया जाता है। महुआ रेवती नक्षत्र का आराध्य वृक्ष है।

जानते हैं महुआ के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में

महुआ (Mahua)/ महुवा (Mahuwa)/ Honey Tree

महुआ के हर हिस्से में विभिन्न पोषक तत्व पाए जाते हैं। गर्म क्षेत्रों में इसकी खेती इसके  बीजों(तैलीय), फूलों और लकड़ी के लिए की जाती है। कच्चे फलों की सब्जी भी बनती है। पके फलों का गूदा खाने में मीठा होता है। इसकी छाल को भी औषधीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग किया जाता है। महुआ का फूल, फल, बीज, छाल, पत्तियां सभी को आयुर्वेद में अनेकों प्रकार से उपयोग में लाया जाता है। महुआ में कार्बोहाइड्रेट, फैट, प्रोटीन के साथ-साथ कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, केरोटिन और विटामिन -C  भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

महुआ (Mahua)/ महुवा (Mahuwa)/ Honey Tree

मधुमेह में

महुआ की छाल का काढ़ा बनाकर 10 से 30 मिलीलीटर मात्रा में पीने से मधुमेह में लाभ होता है। मधुमेह के रोगियों को महुआ के फूल और फल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

गठिया रोग में

महुआ की छाल को गठिया के इलाज में बहुत कारगर पाया गया है। महुआ की छाल को उबालकर उसका काढ़ा पीने से गठिया के दर्द में तथा सूजन और जकड़न में आराम मिलता है। साथ ही महुआ के फूल, जड़ और छाल के साथ बीजों को पीसकर सरसों के तेल में पका लें और इससे जोड़ों की मालिश करने से भी आराम मिलता है।

अल्सर में 

अल्सर रोधी गुणों के कारण महुआ को पेप्टिक अल्सर के लक्षणों से राहत पाने में असरकारी पाया गया है। यह पेट में एक एसिड (हिस्टामाइन) के स्राव को रोकता है, जिससे इसके कारण होने वाली पेट से संबंधित समस्याओं में कमी आती है और अल्सर को ठीक होने में सहायता मिलती है।

दातों के लिए

स्वस्थ मसूड़ों और टॉन्सिलाइटिस के लिए भी महुआ को लाभकारी माना जाता है। इसके इस्तेमाल के लिए महुआ के पेड़ की छाल से निकले 4 मिलीलीटर रस को 300 मिलीलीटर पानी में मिलाएं। इस मिश्रण से नियमित कुल्ला करने से दांतों की समस्या में आराम मिलता है।

जुकाम में

महुआ का सेवन जुकाम और कफ की समस्या से भी आराम दिलाता है। जिन्हें ब्रोंकाइटिस या फेफड़ों में कफ जमने की समस्या हो, वह महुआ की छाल का काढ़ा का प्रयोग करें। साथ ही महुए को किसी न किसी रूप में आहार में शामिल करें। 

त्वचा संबंधी समस्या में

  • महुआ के फूल के रस को कई तरह की त्वचा संबंधी समस्याओं में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें त्वचा को चिकना करने के गुण होते हैं, जो खासकर खुजली से राहत दिलाने में सहायक होते हैं। 
  • महुआ की पत्तियों पर तिल का तेल लगाकर इसे गर्म कर प्रभावित हिस्से पर लगाने से एग्जिमा से राहत मिलती है।

पेट में कीड़े होने पर

पेट में कीड़े होने से हुए संक्रमण में कृमि संक्रमण सबसे सामान्य है। महुआ परजीवी संक्रमण से लड़ने में सहायक है, अतः यह पेट में कीड़े होने से पैदा हुए संक्रमण को दूर करता है। इसके लिए 60 मिलीग्राम महुआ के अर्क का सेवन करने से लाभ होता है। 

महुआ (Mahua)/ महुवा (Mahuwa)/ Honey Tree

महुआ का प्रयोग कैसे करें?

  • महुआ के बीज से बने आटे से रोटी और पूरी बनाई जाती है।
  • महुए का तेल उपयोग में लाते हैं।
  • महुआ का फल पकने के बाद उसे खाया जाता है और कच्चे फल की सब्जी बनाई जाती है।
  • महुआ से जैम बनाया जा सकता है। 
  • महुए के बीज से तेल निकालने के बाद वह खली के रूप में पशुओं को खिलाया जाता है। 
  • शुगर की मात्रा ज्यादा होने के कारण महुआ के फूलों का इस्तेमाल भारतीय मिठाइयों जैसे बर्फी, खीर, हलवा और मीठी पूड़ी बनाने में किया जाता है।
  • महुआ के फूलों को पशुओं के आहार के तौर पर भी दिया जाता है। इससे उनमें दूध का उत्पादन बढ़ता है।
  • महुआ के फलों का इस्तेमाल शराब बनाने में भी किया जाता है।
  • महुआ का बीज वसा का अच्छा स्रोत है, इसलिए इसके जैव ईंधन (बायोफ्यूल) के रूप में कार्य में लाया जा सकता है।

महुआ की शराब

महुआ के फूलों से शराब बनाई जाती है। महुआ का शराब भारत के अनेक आदिवासी क्षेत्रों में बहुत लोकप्रिय पेय है।  मध्यप्रदेश के झाबुआ की महुआ की शराब बहुत प्रसिद्ध है। यह शराब पूरी तरह से रसायन (केमिकल) से मुक्त होती है। इसी तरह छत्तीसगढ़ के बहुत से भागों में भी महुआ का शराब बनाया जाता है।

महुआ का फूल जब पेड़ पर पूरी तरह से पक जाता है और पकने के बाद जब नीचे गिरता है तब उसके फूल को पूरी तरह सुखाया जाता है। इसके बाद सभी फूलों को बर्तन में पानी में मिलाकर इसमें आवश्यकता अनुसार विभिन्न प्रकार के पेड़ों के छाल, फूल, पत्ते आदि मिलाकर 5 दिन तक रखा जाता है। उसके बाद उस बर्तन को आग पर गर्म किया जाता है। गरम करने के बाद जो भाप निकलती है, उसको नली के द्वारा दूसरे बर्तन में एकत्रित किया जाता है। भाप ठंडी होने पर महुआ की शराब होती है। मध्य भारत में इसके फूल का इस्तेमाल महुआ वाइन बनाने में किया जाता है।

महुआ (Mahua)/ महुवा (Mahuwa)/ Honey Tree

20 comments:

  1. बेशक महुआ एक औषिधीय पेड़ है लेकिन आजकल शहरों में इसके खाने का प्रचलन बहुत कम हो गया है।आजकल के बच्चे शायद ही महुआ को पहचान पाएं।महुआ के बारे में जागरूक करती बढ़िया पोस्ट।

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  2. महुआ का मय बहुत बशानदार बनती है

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  3. महुआ के बारे में उपयोगी जानकारी पर हमने भी कभी इसका उपयोग नहीं किया ंं👌👌👍

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  4. महुआ बहुत ही उपयोगी फल (खाद्य पदार्थ) है ।

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  5. Ye to bahut upyogi hai

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  6. महुआ का प्रयोग विभिन्न रूपों में किया जाता है।
    यह अनेक औषधीय गुणों से युक्त है।

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  7. Very Useful post 👍👍👍

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  8. Thank you - thanks to you I get to know the world.

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  9. gaon me to log jante aur thoda bahut upyog karte bhi hain..par shahar me to kuch ek hi iske bare me jante honge..aur bacche pahchanna to dur naam bhi nahi sune honge..post ke madhyam se ye jankaari share karna ek achaa prayaas ha logo ko isse awgat karne ka..Very informative post

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