जामुन / Blackberry /Jamun
जामुन (Blackberry), इसके बारे में तो सभी जानते होंगे। आप जामुन (Blackberry) के शक्ल सूरत पर ना जाइए। यह देखने में काले और छोटे जरूर होते हैं, परंतु आयुर्वेद के अनुसार जामुन (Blackberry) के बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं। इन औषधीय गुणों के कारण जामुन (Jamun) के फायदे अनेक हैं। गर्मी के मौसम में आम के साथ-साथ जामुन भी आ जाता है। आयुर्वेद में जामुन (Blackberry) को सबसे ज्यादा मधुमेह को नियंत्रण करने के लिए माना जाता है। इसके साथ ही जामुन खाना को हजम करने के साथ-साथ दातों के लिए, आंखों के लिए, पेट, चेहरे, किडनी स्टोन और भी कई चीजों के लिए फायदेमंद होता है। जामुन में प्रचुर मात्रा में आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट भी होता है। इसलिए यह बच्चों के सेहत के लिए भी बहुत अच्छा होता है।
जामुन क्या है?
जामुन एक मौसमी फल है। यह जितना खाने में स्वादिष्ट होता है, उतना ही रोगों से शरीर को बचाने में भी सहायक है। इसमें कई सारे औषधीय गुण होते हैं। इसे कई नामों से जाना जाता है - राजमन, काला जामुन, जमाली। जामुन का फल ही नहीं इसके बीज, पत्ते और छाल भी रोग विकारों को नष्ट करने में प्रयोग किए जाते हैं। इसकी प्रकृति अम्लीय और कसैली होती है, लेकिन इसका स्वाद मीठा होता है। अम्लीय होने के कारण जामुन को नमक के साथ खाया जाता है। जामुन में ग्लूकोज और फ्रक्टोज पाया जाता है। जामुन की मुख्य प्रजाति के अतिरिक्त पाई जाने वाली अन्य प्रजातियों प्रजातियां गुण में कम होती हैं जामुन की 5 प्रजातियां पाई जाती हैं।
जानते हैं जामुन के उपयोग, फायदे, नुकसान और औषधीय गुणों के बारे में
- जामुन की गुठली का फायदा मधुमेह में
जामुन एक ऐसा फल है, जिसे मधुमेह के रोगी बिना किसी परेशानी के खा सकते हैं। जामुन रक्त में शक्कर की मात्रा को नियंत्रित करता है। जामुन के मौसम में इसके नियमित सेवन से डायबिटीज के मरीज को फायदा होता है। जामुन की गुठली ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में बहुत सहायक मानी गई है। 100 ग्राम जामुन की गुठली लेकर इसे अच्छी तरह पीसकर पाउडर बना लें। रोज सुबह-शाम 3 ग्राम गुठली पाउडर का सेवन करने से मधुमेह में लाभ होता है।
- मुंहासे दूर करने में
जामुन के रस का उपयोग पिंपल्स अर्थात मुहांसों को कम करने में किया जाता है। इसके लिए जामुन या इसकी पत्तियों के रस को त्वचा पर लगाने से लाभ मिलता है। यह अधिक मात्रा में तेल को त्वचा पर आने से रोकता है, जिससे पिंपल जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। जामुन में कषाय गुण होने के कारण त्वचा के विकारों में फायदेमंद होता है।
- त्वचा के लिए
जामुन का त्वचा के रोगों को दूर करने के लिए आंतरिक और बाह्य दोनों प्रकार से ही उपयोग किया जाता है। जामुन की छाल एक अच्छी रक्तशोधक होती है, जो कि खून को साफ कर त्वचा के रोगों को दूर करती है। साथ ही बाह्य रूप से प्रयोग करने पर जामुन कषाय होने से त्वचा रोग में लाभदायक होता है।
- आंख की बीमारी मोतियाबिंद में
अनेक लोगों को मोतियाबिंद की समस्या होती है। जामुन की गुठली के चूर्ण को शहद में अच्छी तरह से मिला लें। इसकी तीन-तीन ग्राम की गोलियां बना लें। प्रतिदिन 1-2 गोली सुबह शाम खाने से मोतियाबिंद में आराम मिलता है। इन्हीं गोलियों को शहद में घिसकर काजल की तरह लगाने से भी मोतियाबिंद में लाभ होता है।
- दांत दर्द में
दांत संबंधी किसी भी समस्या में जामुन फायदेमंद होता है। जामुन के पत्तों की राख बना लें और इससे दांतों और मसूड़ों पर मालिश करने से दांत और मसूड़े मजबूत होते हैं। जामुन के पके हुए फलों के रस को मुंह में भर कर अच्छी तरह हिला कर कुल्ला करें, इससे पायरिया ठीक होता है।
- मुंह के छाले
खानपान में बदलाव तथा पेट की गड़बड़ी से मुंह में छाले हो जाते हैं। जामुन के पत्तों के रस से कुल्ला करने पर मुंह के छालों में लाभ होता है।
- पेचिश रोग में
ज्यादातर तला भुना और मसालेदार खाना खाने से या किसी अन्य कारण से भी पेचिश की समस्या हो जाती है। इसमें दस्त के साथ खून आने लगता है।
- 2 से 5 ग्राम जामुन के पेड़ की छाल के चूर्ण में दो चम्मच शहद मिलाकर 250 मिलीलटर दूध के साथ सेवन करने से पेचिस रोग में फायदा होता है।
- 10 ग्राम जामुन के पेड़ की छाल को 500 मिलीलीटर पानी में पकाएं जब यह एक चौथाई बच जाए तो इसको पीने से पेचिश में लाभ मिलता है इसका डा को 20 30 मिलीलीटर की मात्रा में दिन में तीन बार पीना चाहिए।
- उल्टी होने पर
बार - बार उल्टी होने पर आम तथा जामुन के कोमल पत्तों को बराबर मात्रा में या फिर 20 ग्राम की मात्रा में लें। इसे 400 मिलीलीटर पानी में पकाएं। जब काढ़ा एक चौथाई बच जाए तो इसे ठंडा कर पीने से उल्टी बंद हो जाती है।
- बवासीर रोग में
- पाइल्स (बवासीर) होने पर जामुन के कोमल को पत्तों के 20 मिलीलीटर रस में थोड़ी सी शक्कर मिलाकर दिन में 3 बार पीने से बवासीर से बहने वाला खून बंद हो जाता है।
- 10 ग्राम जामुन के पत्तों को 250 मिलीलीटर गाय के दूध में घोंट लें। 7 दिन तक सुबह, दोपहर, शाम को पीने से बवासीर मैं आराम मिलता है।
- लीवर का सूजन
- पाइल्स (बवासीर) होने पर जामुन के कोमल को पत्तों के 20 मिलीलीटर रस में थोड़ी सी शक्कर मिलाकर दिन में 3 बार पीने से बवासीर से बहने वाला खून बंद हो जाता है।
- 10 ग्राम जामुन के पत्तों को 250 मिलीलीटर गाय के दूध में घोंट लें। 7 दिन तक सुबह, दोपहर, शाम को पीने से बवासीर मैं आराम मिलता है।
- लीवर का सूजन
- तिल्ली या लीवर में सूजन हो जाने पर 10 मिलीलीटर जामुन की गुठली के रस का सेवन करने से आराम मिलता है।
- जामुन का सिरका 10 मिलीलीटर प्रतिदिन लेने से तिल्ली और लीवर के बढ़ने के विकार में लाभ होता है।
- पीलिया रोग में
पीलिया होने पर जामुन का प्रतिदिन सेवन करें। जामुन के 10 - 15 मिलीलीटर रस में दो चम्मच शहद मिलाकर सेवन करने से पीलिया, खून की कमी तथा रक्त विकार में लाभ होता है।
- पथरी की समस्या
- पथरि या किडनी स्टोन होने पर जामुन के पके हुए फल का नियमित सेवन करने से पथरी गल कर निकल जाती है।
- जामुन के 10 मिलीलीटर रस में 250 मिलीग्राम सेंधा नमक मिला लें। कुछ दिनों तक दिन में दो से तीन बार रोज पीने से मूत्राशय में रहने वाली पथरी टूटकर बाहर निकल जाती है।
- जामुन के 10-15 ग्राम कोमल पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें। इसमें 2-3 काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से पथरी के पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाती है।
- घाव या अल्सर
- जामुन के पेड़ की छाल को महीन पीसकर घाव पर छिड़कने से घाव तुरंत भर जाता है।
- जामुन के 5- 6 पत्तों को पीसकर लगाने से घाव में भरी मवाद बाहर निकल जाती है तथा घाव ठीक हो जाता है।
- जामुन के 8-10 पत्तों को पीसकर लेप करने से आग से जलने पर हुआ सफेद दाग मिट जाता है।
जामुन के नुकसान
- जामुन का पका हुआ फल अधिक खाने से पेट और फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है।
- यह देर से पचता है
- यह कफ बढ़ाता है तथा फेफड़ों के विकार का कारण बनता है।
- इसको ज्यादा मात्रा में खाने से बुखार भी आने लगता है।
- जामुन अम्लीय होता है इसलिए इसमें नमक मिलाकर खाना उचित होता है।
क्या जामुन का सिरका सेहत के लिए फायदेमंद होता है?
Blackberry /Jamun
What is Jamun?
Know about the uses, advantages, disadvantages and medicinal properties of Jamun.
- Benefits of Jamun kernels in diabetes
- To Remove Acne
- To Skin
- Eye Disease in Glaucoma
- In Toothache
- Mouth Ulcers
- In Dysentery
- Mostly, the problem of dysentery is caused by eating fried, roasted and spicy food or due to any other reason. Blood comes with diarrhea in it.
- Mix two spoons of honey in 2 to 5 grams powder of bark of Jamun tree and take it with 250 ml milk, it is beneficial in dysentery.
- Cook 10 grams bark of Jamun tree in 500 ml water, when it remains one-fourth, then drinking it gives benefit in dysentery, its da should be taken thrice a day in the amount of 20-30 ml.
- Vomiting
- In Hemorrhoids
- Liver Inflammation
- Stone Problem
- Wound or Ulcer
- Grind the bark of Jamun tree and sprinkle it on the wound, it heals immediately.
- Grind 5-6 leaves of Jamun and apply it, the pus filled in the wound comes out and the wound gets cured.
- Grind 8-10 leaves of jamun and apply it, it ends the white spots caused by burning with fire.
Side effects of Blackberry
- Eating more ripe fruit of jamun can cause damage to the stomach and lungs.
- it digests late
- It increases Kapha and causes lung disorders.
- If it is consumed in excess quantity, fever also starts coming.
- Jamun is acidic, so it is advisable to eat it by adding salt.
जामुन के फल साल भर में 15 दिन के लिए आते है
ReplyDeleteइसे खाने से मधुमेह का रोग मिट जाता है जिनको मधुमेह का रोग है वे अभी 15 दिन तक रोज खाये बहुत ही लाभ होगा
Jamun khane me bhi swadist hota.. sehat bhi taste bhi.. Very useful post
ReplyDeleteVery intresting news, thanks
ReplyDeleteअच्छी जानकारी, जामुन के बहुत सारे फायदे और गुणों की जानकारी मिली
ReplyDeleteDifferent information about jamun , nice
ReplyDeleteमीठा जामुन खाने में तो बहुत स्वादिष्ट लगता है और इसके इतने सारे फायदे होंगे, ये, तुम्हारे ब्लॉग के माध्यम से जानकारी मिली...nice information 👍👌
ReplyDeleteजामुन विभिन्न औषधीय गुणों वाला फल है।इससे अनेक लाभ हैं।अच्छी जानकारी।
ReplyDeleteअच्छी जानकारी, जामुन के बारे में
ReplyDeleteजामुन स्वादिष्ट तो होती ही है साथ ही यहां उसके बेचने का तरीका भी अनूठा होता है,,,,,
ReplyDeleteकाली कल्लो है,,,
कल्लो रानी आय गईं,खेलत कूदत आय गईं,नाचत गावत आय गईं,,,,
ऐसी राग में उसे बेचते हैं तो खाने का और अधिक मन हो जाता है
Nice information
ReplyDeleteमुझे जामुन बहुत पसंद है..पर यह बाजार में बहुत थोड़े समय के लिए मिलता है।
ReplyDeleteVery useful post 👍👍
Nice information
ReplyDeletevery tasty fruit
ReplyDeleteVery tasty fruit
ReplyDeleteCongratulations - great idea.
ReplyDeleteGood information
ReplyDeleteYummy tummy ....tasty tasty ....healthy healthy...👍👍👍
ReplyDelete