मुर्ख कौवों की कहानी
वर्षों पहले एक समुंद्र में एक नर और एक मादा कौवा अपनी मस्ती में लीन जल क्रीड़ा कर रहे थे। तभी समुंद्र की एक लौटती लहर में कौवी बह गई, जिसे समुंद्र की किसी मछली ने निगल लिया। नर कौवे को इससे बहुत दु:ख हुआ। वह चिल्ला - चिल्ला कर विलाप करने लगा।
पल भर में आस - पास के सैकड़ों कौवे भी वहां आ पहुंचे। जब अन्य कौवों ने उस दु:खद घटना को सुना तो वह भी जोर - जोर से कांव-कांव कर विलाप करने लगे।
तभी उन कौवों में एक ने कहा कि," कौवे ऐसा विलाप क्यों करें। वे तो समुंदर से भी ज्यादा शक्तिशाली हैं। क्यों ना वे अपनी चोंच से समुंदर के पानी को उठाकर दूर फेंक दें?"
सारे कौवा ने इस बात को सर्वथा उचित जाना और अपनी अपनी चोंचों में समुद्र का पानी भर दूर तट पर छोड़ने लगे। साथ ही वे कौवी की प्रशंसा भी करते जाते थे।
एक कौवा कहता," कौवी कितनी सुंदर थी। "
दूसरा कहता," कौवी की आवाज कितनी मीठी थी। "
तीसरा कहता," समुंद्र की हिम्मत कैसे हुई कि वह उसे बहा ले जाए?"
फिर उनमें से कोई कहता," हम लोग समुंदर को सबक सिखा कर ही रहेंगे।"
कौवों की बकवास समुंदर देव को बिल्कुल रास ना आई और उसने एक शक्तिशाली लहर से सभी कौवों को बहा दिया।
Moral/शिक्षा :- संकट का समय आने पर भी मूर्ख व्यक्ति से सलाह नही लेनी चाहिए क्योंकि उसकी सलाह से संकट बढ़ सकता है।
English Translate
Story of foolish crows
Years ago, in a sea, a male and a female crow were playing water in their fun. Just then, a crow swept away in a returning wave of the sea, which was swallowed by a fish of the sea. The male crows felt very sad about it. He screamed and started mourning.
Hundreds of nearby crows also arrived there in a moment. When other crows heard that sad incident, they too started mourning loudly.
Then one of those ravens said, "Why do the crows mourn like this. They are more powerful than the sea. Why not lift the sea water from their beak and throw it away?"
The whole crow recognized this fact and began to leave the sea water far away on the shore in their beaks. At the same time, he also used to praise the crow.
A crow would say, "How beautiful the crow was."
The second would say, "How sweet was the voice of the crow."
The third would say, "How dare the ocean to take him away?"
Then some of them would say, "We will continue to teach the sea a lesson."
The rubbish of the ravens did not suit the sea god and he swept all the ravens with a powerful wave.
Moral / Education: - Even when the time of crisis comes, one should not take advice from a foolish person, because his advice can increase the crisis.
सही बात है हमेशा अपनी शक्ति और सामर्थ्य के हिसाब से ही काम और बात करनी चाहिए तथा बिना दिमाग लगाए किसी की बातों में नहीं आना चाहिए, अन्यथा परिणाम अंत में बुरा ही होता है।
ReplyDeleteशिक्षाप्रद कहानी 👍👍
Nice
ReplyDeletevery nice
ReplyDeleteVery nice 👌👌
ReplyDeleteMoral is too good 👌👌👍
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteKabhi dusro k bahkawe me nhi padna chahiye..
ReplyDeleteसंकट के समय बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए और सलाह तो उसी से लेनी चाहिए जो से अधिक बुद्धिमान और उम्रदराज हो, अच्छी और शिक्षाप्रद कहानी
ReplyDeleteस्वयं से
DeleteNice
ReplyDeleteबहुत अच्छी कहानी।यदि बुद्धिमान लोगों की संगत की जाय तो फिर संकट आएगा ही नही।
ReplyDeleteNice story...
ReplyDeleteIsiliye sangat hamesha achee logo ki Karin chahiye... good one..
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteJatak kathaon me kahani k madhyam se bahut achi shiksha di gayi ha...
ReplyDeleteबहुत अच्छी
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteNYC one
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteShikshaprad...
ReplyDeleteVery nice story
ReplyDeleteVery nice👏👏
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