इतवार
❤❤मुस्कुरायें और उठ जाएँ,
अपने रविवार को अच्छा बनाएँ।
कुछ नया सीखें और सिखाएँ,
ध्यान रहे ये व्यर्थ न हो जाएँ।।❤❤
"मन जहां डर से परे है
और सिर जहां ऊंचा है ,
ज्ञान जहां मुक्त है ;
और जहां दुनिया को
संकीर्ण घरेलू दीवारों से
छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट नहीं गया है ,
जहां शब्द सच की गहराइयों से निकलते हैं
जहां थकी हुई प्रयासरत बाहें
त्रुटि हीनता की तलाश में है ;
जहां कारण की स्पष्ट धारा है
जो सुनसान रेतीले मृत आदत के
वीराने में अपना रास्ता खो नहीं चुकी है ;
जहां मन हमेशा व्यापक होते विचार और सक्रियता में
तुम्हारे जरिए आगे चलता है
और आजादी के स्वर्ग में पहुंच जाता है
मन जहां डर से परे है और फिर जहां ऊंचा है। "
🌼🌼"प्रसन्न रहना
बहुत सरल है ,
लेकिन सरल होना
बहुत कठिन है..."🌼🌼
Nice poem....nice pic
ReplyDeleteसरल बनना ही लक्ष्य होना चाहिए
ReplyDeleteHappy Sunday...nice poem
ReplyDeleteAapki muskaan ke saath ye shabd sswarim ho gye 🙏👏
ReplyDeleteAcchi kavita with a nice smile. Saral hona hi to bahut mushkil hai aur jo vastavik rup me saral ho gaya samjho bhagwan ko pa liya
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeletehappy sunday
ReplyDeleteप्रसन्न होना भी आज की भागमभाग और गलाकाट प्रतिस्पर्धा में कठिन होता जा रहा है लेकिन जो तुम्हारे जैसा सरल होगा वो तुम्हारी तरह प्रसन्न भी होगा, बहुत ही अच्छी एवं सकारात्मक सोच के साथ साथ खिली धूप सी तुम्हारी मुस्कान हमारे अंदर भी सकारात्मकता जगा देती है और रविवार को खुशनुमा बना देती है
ReplyDeleteबहुत-बहुत शुक्रिया mam, आपकी इस तरह की प्रतिक्रिया मुझे बहुत प्रोत्साहन देती है।🙏
Deleteशुभ रविवार।
ReplyDeleteशुभ रविवार,
ReplyDeleteAmezing.👍
ReplyDeleteAap sabhi logon k saath aur protsahan k liye bahut bahut dhnywaad...aapki pratikriyaon se mujhe aage badhne ka protsahan milta ha🙏
ReplyDeleteHappy Sunday, beautiful smile 😘😘
ReplyDelete����"प्रसन्न रहना
ReplyDeleteबहुत सरल है ,
लेकिन सरल होना
बहुत कठिन है..."����
Nice line with nice pic ��������
Lovly poem...n u look so pretty 😘
ReplyDeleteNice..
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