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लक्खण मृग (Lakhad deer)

लक्खण मृग 

लक्खण मृग (Lakhad deer)

                  हजारों साल पहले मगध जनपद के निकटवर्ती वन में हजार हिरणों का एक समूह रहता था, जिसके राजा के 2 पुत्र थे - लक्खण और काल। जब मृगराज वृद्ध होने लगा तो उसने अपने दोनों पुत्रों को उत्तराधिकारी घोषित किया और प्रत्येक के संरक्षण में पांच पांच सौ मृग प्रदान किए, ताकि वे सुरक्षित आहार विहार का आनंद प्राप्त कर सकें।
     
                उन्हीं दिनों से फसल काटने का समय भी निकट था तथा मगध वासी अपने लहलहाते खेतों को आवारा पशुओं से सुरक्षित रखने के लिए अनेक प्रकार के उपक्रम और खाइयों का अपने खेतों की रक्षा के लिए निर्माण कर रहे थे। मृगों की सुरक्षा के लिए वृद्ध पिता ने अपने दोनों पुत्रों को अपने मृग समूहों को लेकर किसी सुदूर और सुरक्षित पहाड़ी पर जाने का निर्देश दिया।

लक्खण मृग (Lakhad deer)

              काला एक स्वेच्छाचारी मृग था। वह तत्काल अपने मृगों को लेकर पहाड़ी की ओर प्रस्थान कर गया। उसने इस बात की तनिक भी परवाह नहीं की कि लोग सूरज की रोशनी में उनका शिकार भी कर सकते हैं। फलतः रास्ते में ही उसके कई साथी मारे गए।
        लक्खण एक बुद्धिमान और प्रबुद्ध मृग था। उसे यह ज्ञान था कि मगध वासी दिन के उजाले में उनका शिकार भी कर सकते हैं, अतः उसने पिता द्वारा निर्दिष्ट पहाड़ी के लिए रात के अंधेरे में प्रस्थान किया। उसकी इस बुद्धिमानी से उसके सभी साथी सुरक्षित पहाड़ी पर पहुंच गए।

लक्खण मृग (Lakhad deer)

              4 महीनों के बाद जब लोगों ने फसल काट ली तो दोनों ही मृग बंधु अपने अपने अनुचरों  के साथ अपने निवास स्थान को लौट आए। जब वृद्ध पिता ने लक्खण के सारे साथियों को जीवित और काला के अनेक साथियों के मारे जाने का कारण जाना तो उसने खुले दिल से लक्खण की बुद्धिमत्ता की भूरि  भूरि प्रशंसा की।


उम्मीद है आपको यह कहानी पसंद आयी होगी। 

English Translate

Lakhad deer

  Thousands of years ago, there lived a group of thousand deer in the adjacent forest of Magadha district, whose king had 2 sons - Lakhan and Kaal. When the mrigaraja began to grow old, he declared his two sons as heirs and provided five to five deer under the protection of each, so that they could enjoy safe feeding viharas.
लक्खण मृग (Lakhad deer)
     
                From those days the harvesting time was also near and the Magadh residents were constructing a variety of undertakings and trenches to protect their fields, to keep their waving fields safe from stray animals. In order to protect the antelope, the old father instructed his two sons to go to a remote and safe hill with their antelope groups.

              Kala was an arbitrary antelope. He immediately departed towards the hill with his antelope. He did not even care that people could hunt him in the sunlight. As a result, many of his companions were killed on the way.
        Lakhan was an intelligent and enlightened antelope. He had the knowledge that Magadhites could hunt them in broad daylight, so he left for the hill designated by his father in the dark of night. With this intelligence, all his companions reached the safe hill.

लक्खण मृग (Lakhad deer)

              After 4 months, when the people reaped the crop, both the deer brothers returned to their places of residence with their servants. When the old father learned the reason for killing all of Lakhan's companions alive and many of Kala's companions, he openly praised Lakhan's intelligence.
Hope you like this story.

26 comments:

  1. हमेशा की तरह इस कहानी से सीख मिलती है कि बड़े की बात मानने के साथ सदैव विवेक से काम करना चाहिए , अच्छी कहानी है 👍👍

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  2. Bahut hi interesting story..

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  3. बहुत ही उत्तम कहानी,बहुत ही सकारात्मक संदेश के साथ।इन कहानियों के माध्यम से आप समाज को भी दिशा प्रदान कर रही हैं।साधुवाद।

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    1. धन्यवाद सर, यह तो आप की सकारात्मकता है।

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  4. Tumhare madhyam se jatak kahaniya padhne ko mil rha ## kahaniya gyanvardhak hain..

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    1. माध्यम कोई भी हो, मन को अच्छा लगना चाहिए। 😊

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  5. bahut achhi kahani.. prerana lene layak..

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  6. इस कहानी का संदेश है कि अपनी बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल करते हुए ही कोई कार्य करना चाहिए, अच्छी कहानी एक बहुत ही अच्छी सीख के साथ

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    1. सभी जातक कहानियों में हमारे लिए कुछ ना कुछ संदेश दिया गया है।

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  7. बहुत ही रोचक तथा प्रेरणादायक कहानी, अगली कहानी की प्रतीक्षा में...

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  8. बहुत ही अछि और रोचक कहानी है।

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  9. सुधा पाण्डेयJuly 25, 2020 at 5:14 PM

    छोटी किन्तु रोचक एवं शिक्षाप्रद कहानी,राजा को अपना उत्तराधिकारी उसे ही बनाना चाहिए जो अपने विवेक से अपनी प्रजा को सुरक्षित रख सके।

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  10. Interesting and learning story 👌👍

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  11. सभी जातक कथाओं से कुछ संदेश निकलता है इस कहानी से भी हमें सीखने को मिल रहा है अच्छी कहानी 👍🏻👍🏻

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    1. हमें कोई भी काम अपने बुद्धि और विवेक से करना चाहिए 🙏

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  12. Thodi lambi story ho to aur maja aaye

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  13. अगली कथा अगले शनिवार 🙏

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