ग़म में मुस्कुराने की आदत वही है..
"दोष कांटों का कहां, हमारा है,
पैर हमने रखा, वो तो अपनी जगह पर थे.....❣️"
पैर हमने रखा, वो तो अपनी जगह पर थे.....❣️"
उन्हें पत्थर उठाने की आदत वही है,
हमे सिर उठाने की आदत वही है..
सितमगर, सितम कर, चला दिल पे खंजर,
हमे ज़ख़्म खाने की आदत वही है..
नहीं डर की दिल पर रहेगा न क़ाबू,
इसे टूट जाने की आदत वही है..
गिले-शिकवे होंठों पे आते भी कैसे?
हमें चुप लगाने की आदत वही है..
हमें आ गया संभल कर भी चलना,
मगर लड़खड़ाने की आदत वही है..
ग़मों का ये बोझ अब बढ़े भी तो क्या?
ग़म में मुस्कुराने की आदत वही है..
अभी तक बुरे हैं भले लोग बेशक़
हमें ज़माने की आदत वही है..
"कहते है...
नींद अगर अच्छी आ जाए तो क्या बात....
और जो गर न आए
तो याद दिला दे हर बात....❣️"
नींद अगर अच्छी आ जाए तो क्या बात....
और जो गर न आए
तो याद दिला दे हर बात....❣️"
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द सोमवार 28 अक्टूबर 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
ReplyDelete"पांच लिंकों के आनन्द में" इस रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार।
Deleteपत्थर की खुदा पत्थर के सनम
ReplyDeleteपत्थर के इंसान पाए हैं तुम शहर में मोहब्बत करती हो
तुम शहरे मोहब्बत कहते हो
हम जान बचाकर आए
जगजीत सिंह
यह रवि का चांद है कांटो और फूलों से बहुत सुंदर है
ReplyDeleteNice ji ❤️
ReplyDeleteVery niceeeeeeee dear
ReplyDeletevery nice beautiful pic and lines mai musarrat
ReplyDeleteजब आपका दिल रो रहा हो तो मुस्कुराना सबसे कठिन है।
ReplyDeleteएक सच्ची मुस्कान बहुत सारा दर्द छुपाती है।
आपको बस अपनी घायल आत्मा को छुपाने के लिए मुस्कुराने की जरूरत है।
भूल जाना ही बेहतर है. पत्थरों को याद नहीं रहता. वे खुश हैं।
Happy Sunday
ReplyDeleteसुन्दर
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत लेखन
ReplyDelete🙏🙏💐💐
ReplyDelete🕉️शुभप्रभात🕉☕️☕️
🙏जय श्री राधेकृष्ण 🚩🚩🚩
🙏आप का दिन मंगलमय हो 🙏
🚩🚩राधे राधे 🚩🚩
👌👌वाह जी... क्या बात.. बहुत खूब 🙏
🙏आप का बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐
बेहतरीन शायरी
ReplyDeleteBahut acha
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