ग़म में मुस्कुराने की आदत वही है..

ग़म में मुस्कुराने की आदत वही है..


Rupa Oos ki ek Boond

"दोष कांटों का कहां, हमारा है,
पैर हमने रखा, वो तो अपनी जगह पर थे.....❣️"

उन्हें पत्थर उठाने की आदत वही है,

हमे सिर उठाने की आदत वही है..


सितमगर, सितम कर, चला दिल पे खंजर,

हमे ज़ख़्म खाने की आदत वही है..


नहीं डर की दिल पर रहेगा न क़ाबू,

इसे टूट जाने की आदत वही है..


गिले-शिकवे होंठों पे आते भी कैसे?

हमें चुप लगाने की आदत वही है..


हमें आ गया संभल कर भी चलना,

मगर लड़खड़ाने की आदत वही है..


ग़मों का ये बोझ अब बढ़े भी तो क्या?

ग़म में मुस्कुराने की आदत वही है..


अभी तक बुरे हैं भले लोग बेशक़ 

हमें ज़माने की आदत वही है..

Rupa Oos ki ek Boond

"कहते है...
नींद अगर अच्छी आ जाए तो क्या बात....
और जो गर न आए 
तो याद दिला दे हर बात....❣️"

14 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द सोमवार 28 अक्टूबर 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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    1. "पांच लिंकों के आनन्द में" इस रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार।

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  2. पत्थर की खुदा पत्थर के सनम
    पत्थर के इंसान पाए हैं तुम शहर में मोहब्बत करती हो
    तुम शहरे मोहब्बत कहते हो
    हम जान बचाकर आए

    जगजीत सिंह

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  3. यह रवि का चांद है कांटो और फूलों से बहुत सुंदर है

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  4. Very niceeeeeeee dear

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  5. very nice beautiful pic and lines mai musarrat

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  6. जब आपका दिल रो रहा हो तो मुस्कुराना सबसे कठिन है।
    एक सच्ची मुस्कान बहुत सारा दर्द छुपाती है।
    आपको बस अपनी घायल आत्मा को छुपाने के लिए मुस्कुराने की जरूरत है।
    भूल जाना ही बेहतर है. पत्थरों को याद नहीं रहता. वे खुश हैं।

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  7. Happy Sunday

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  8. बहुत खूबसूरत लेखन

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  9. 🙏🙏💐💐
    🕉️शुभप्रभात🕉☕️☕️
    🙏जय श्री राधेकृष्ण 🚩🚩🚩
    🙏आप का दिन मंगलमय हो 🙏
    🚩🚩राधे राधे 🚩🚩
    👌👌वाह जी... क्या बात.. बहुत खूब 🙏
    🙏आप का बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐

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  10. बेहतरीन शायरी

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