गुलदाउदी (Guldaudi)
गुलदाउदी (Guldaudi) का नाम सुनते ही फूलों से भरा बगीचा ध्यान में आ जाता है और मन प्रफुल्लित हो उठता है। गुलदाउदी (Guldaudi) के फूल अनेक रंगों के और बहुत ही मनमोहक होते हैं। गुलदाउदी (Guldaudi) का पौधा बगीचों में या गमलों में देखा जा सकता है। यह सिर्फ शोभा बढ़ाने वाला ही नहीं है, अपितु गुलदाउदी (Guldaudi) का प्रयोग औषधीय कार्यों के लिए भी किया जाता है। गुलदाउदी का पौधा घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखता है।
गुलदावरी क्या है?
सर्दियों की रानी के नाम से प्रसिद्ध गुलदाउदी एक सजावटी फूलों का पौधा है। इसकी लगभग 30 प्रजातियां पाई जाती हैं। गुलदाउदी के फूल सफेद, नारंगी, पीले, गुलाबी, बैगनी अनेक रंगों के होते हैं। गुलदाउदी की पत्तियां भी आकार में अलग-अलग होती हैं। यह सीधा, कम पत्तों वाला, कुछ ही वर्ष तक जीवित रहने वाला पौधा है। गुलदाउदी के पत्ते पतले, कपास अथवा करेले के पत्तों जैसे कटे हुए तथा अलग-अलग आकार के होते हैं। गुलदाउदी के फूल छोटे और बड़े दो प्रकार के होते हैं। छोटे तथा सफेद अथवा पीले रंग के फूल वाली गुलदाउदी औषधि के लिए अधिक गुणकारी है। गुलदाउदी के पौधे पर फूल लगने का समय सितंबर से फरवरी तक होता है।
जानते हैं गुलदाउदी के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में
गुलदाउदी के फूलों और पत्तियों को सुखाकर रखने और जरूरत पड़ने पर इसे पानी में उबालकर चाय की तरह सेवन करने से अनेक प्रकार के रोगों में लाभ देता है। गुलदाउदी के फूलों के अलावा पत्तियां और जड़ भी बहुत फायदेमंद होते हैं। बड़े फूलों की बजाय गुलदाउदी के छोटे फूल अधिक फायदेमंद होते हैं।
माइग्रेन की समस्या
आधासीसी का दर्द यानी माइग्रेन सिरदर्द का एक प्रकार है, जो सिर के केवल आधे हिस्से में होता है। इसलिए इसे आधासीसी का दर्द और आयुर्वेद में अर्धावभेदक भी कहते हैं। इसमें सिर के किसी एक हिस्से में बहुत ही तेज और असहनीय दर्द होता है। गुलदाउदी के पत्तों को पीसकर मस्तक पर लगाने से माइग्रेन के दर्द में आराम मिलता है।
आंखों के लिए
गुलदाउदी के फूलों को पीसकर आंख के बाहर चारों तरफ लगाने से आंखों की जलन, दर्द और खुजली में आराम मिलता है।
पेट दर्द की समस्या
पेट में गैस बनना और उसके कारण दर्द की परेशानी आज लगभग सभी की समस्या बन गई है। गुलदाउदी के फूलों का काढ़ा बनाकर 20 मिलीलीटर मात्रा में सुबह और शाम पीने से गैस के कारण होने वाले पेट दर्द में आराम मिलता है।
बवासीर की समस्या
गुलदाउदी के पत्तों के 10 से 20 मिलीलीटर काढ़े में 20 ग्राम चीनी मिलाकर पीने से बवासीर रोग में आराम मिलता है।
मूत्र रोग में
गुलदाउदी के 8-10 पत्तों को 2 नग काली मिर्च के साथ पीसकर दिन में दो-तीन बार पिलाने से पेशाब खुलकर आने लगता है और पेशाब की जलन आदि समस्याओं में लाभ होता है।
पथरी की बीमारी
गुलदाउदी के सूखे फूलों को पीसकर 1 से 6 ग्राम में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर खाने से गुर्दे की पथरी टूटकर पेशाब के रास्ते निकल जाती है।
मासिक धर्म की समस्या
गुलदाउदी के 10 से 20 ग्राम फूलों को 240 मिलीलीटर पानी में पकाने पर जब चौथाई शेष रह जाए, तो इस काढ़े को रोजाना सुबह-शाम पीने से मासिक धर्म की कठिनाइयां दूर होती हैं।
सूजन की समस्या
- गुलदाउदी के फूलों के रस को लगाने से सूजन ठीक होती है।
- 10 ग्राम गुलदाउदी के फूल 3 ग्राम सोंठ और 1 ग्राम सफेद जीरा को मिलाकर पीसकर लेप करने से कफ की वजह से होने वाली सूजन ठीक होती है।
मुंह के छाले की समस्या
गुलदाउदी का उपयोग मुंह के छालों की जलन को कम कर देता है।
कटे जले स्थान पर
कटे जले जगह पर गुलदाउदी के पत्तों को पीसकर लगाने से जलन कम होती है और घाव जल्दी भर जाते हैं।
हृदय की दुर्बलता
गुलदाउदी के फूलों का 4 से 6 ग्राम गुलकंद का सेवन शीत की वजह से उत्पन्न हृदय की धड़कनों को सामान्य करता है। दिल को ताकत देता है और प्रसन्नता पैदा करता है।
विभिन्न भाषाओं में गुलदाउदी के नाम
Hindi – गुलदाउदी, सेवती
Urdu – गुलेदावुदी (Guledawoodi)
Kannada – सेवन्तिज (Sevantij)
Gujarati – गुलदावरी(Guldaveri)
Tamil – अक्करकरम् (Akkarkaram)
Telugu – चामुन्ति (Chamunti)
Punjabi – बागौर (Bagaur), गेन्दी (Gendi)
Malayalam – चेवन्ती(Chevanti)
Marathi – शेवटी (Shevati)
Manipuri – चन्द्रमुखी (Chandramukhi)
Arabic – नसरीन (Nasreen)
गुलदाउदी के नुकसान (Side Effects of Chrysanthemum)
गुलदाउदी के अधिक मात्रा में प्रयोग करने से दस्त हो सकते हैं।
English Translate
Guldaudi
On hearing the name of chrysanthemum, a garden full of flowers comes to mind and the mind becomes cheerful. The flowers of chrysanthemum are of many colors and very attractive. The plant of chrysanthemum can be seen in gardens or in pots. It is not only a beauty enhancer, but chrysanthemum is also used for medicinal purposes. Chrysanthemum plant maintains positive energy in the house.
What is chrysanthemum?
Known as the queen of winter, chrysanthemum is an ornamental flowering plant. About 30 species are found in it. The flowers of chrysanthemum are white, orange, yellow, pink, purple in many colors. Chrysanthemum leaves also vary in size. It is an erect, low-leafed plant that lives for only a few years. Chrysanthemum leaves are thin, cut like cotton or bitter gourd leaves and are of different sizes. Chrysanthemum flowers are of two types, small and large. Chrysanthemum with small and white or yellow flowers is more effective for medicine. The flowering time of the chrysanthemum plant is from September to February.
Know about the benefits, harms, uses and medicinal properties of chrysanthemum
By keeping the flowers and leaves of chrysanthemum dry and after boiling it in water and consuming it like tea, it gives benefit in many types of diseases. Apart from the flowers of chrysanthemum, the leaves and root are also very beneficial. Small flowers of chrysanthemum are more beneficial than large flowers.
migraine problem
Migraine is a type of headache that occurs in only half of the head. That is why it is called migraine pain and in Ayurveda it is also called Ardhavabheka. In this, there is a very sharp and unbearable pain in any one part of the head. Grinding chrysanthemum leaves and applying it on the head provides relief in migraine pain.
for the eyes
Grind the flowers of chrysanthemum and apply it around the outside of the eye, it provides relief in burning, pain and itching of the eyes.
stomach ache problem
The problem of gas formation in the stomach and the pain due to it has become a problem for almost everyone today. Make a decoction of chrysanthemum flowers and take 20 ml quantity in the morning and evening, it provides relief in stomachache due to gas.
piles problem
Mix 20 grams of sugar in 10 to 20 ml decoction of chrysanthemum leaves and take, it provides relief in piles.
in urinary tract
Grind 8-10 leaves of chrysanthemum with 2 pieces of black pepper and give it two to three times a day, urine starts coming freely and it is beneficial in problems like burning of urine.
stone disease
Grind dried flowers of chrysanthemum and mix equal quantity of sugar candy in 1 to 6 grams and eat, it breaks kidney stones and passes through urine.
menstrual problems
After cooking 10 to 20 grams of chrysanthemum flowers in 240 ml water, when one-fourth remains, then drinking this decoction daily in the morning and evening ends the difficulties of menstruation.
inflammation problem
- Swelling is cured by applying the juice of chrysanthemum flowers.
- Make a paste by mixing 10 grams flowers of chrysanthemum, 3 grams dry ginger and 1 gram white cumin seeds, it ends swelling caused by phlegm.
mouth ulcer problem
The use of chrysanthemum reduces the burning sensation of mouth ulcers.
at the burn site
Applying ground chrysanthemum leaves on the cut burn area reduces burning sensation and wounds get healed quickly.
heart weakness
Flowers of chrysanthemum from 4th to 6th June or Gulkand normalizes the heartbeat caused by cold, gives strength to the heart and creates happiness.