मौन का महत्व
जिस प्रकार संवाद का महत्व है, उसी प्रकार मौन भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। जैसे सशक्त संवाद के माध्यम से बड़ी से बड़ी विपत्ति को टाला जा सकता है वैसे ही मौन धारण कर बड़े से बड़े संकट को टाला जा सकता है। वास्तव में कलह और क्लेश दूर करने से मौन से बड़ा शस्त्र कोई दूसरा नहीं।
हमारी वाणी और मस्तिष्क का सीधा संबंध है। हम जो सोचते हैं, वही वाणी के माध्यम से अभिव्यक्त करते हैं। जीवन में अनेक विकार हमारे मन मस्तिष्क में घर कर लेते हैं और समय-समय पर वाणी के माध्यम से अभिव्यक्त होते रहते हैं। यदि हम इनकी अभिव्यक्ति पर संयम रखकर नियंत्रण कर लेते हैं, तब हमारे व्यक्तित्व का श्रेष्ठतम विकास होता है।
आध्यात्मिक साधना मे वाणी संयम के साथ मानसिक संयम को भी अनिवार्य माना गया है। मौन साधना इसी का रूप है। विद्वानों ने वाणी के संयम को अनिवार्य बताया है। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि मौन से मानसिक शांति में बढ़ोतरी होती है। सुविख्यात विचारक जेम्स एलेन ने लिखा है कि "समस्त शक्तियों में सर्वश्रेष्ठ शक्ति मौन की शक्ति है। जब वह उचित मार्ग पर होती है तो उन्नति होती है। इसके विपरीत दुरुपयोग होने पर यह विनाशकारी दुष्परिणाम प्रस्तुत करती है।"
सच कहे तो मौन हृदय की भाषा है। मौन संयम से संवाद का परिणाम है। यह खुद अपने आप से की गई अपनी बात है। जहां कोई फरेब नहीं होता, जहां हम संवाद में पूरी सत्यता के साथ उपस्थित होते हैं। वाणी से बोले बिना ही हम अपनी संवेदना व्यक्त कर सकते हैं। जितना असर वाणी का होता है, उससे कहीं ज्यादा असर मौन अभिव्यक्ति का है।
आत्म शक्ति जागृत करने का भी सबसे अच्छा व सरल उपाय मौन साधना को ही बताया गया है। मौन की गुप्त शक्ति असीम है। इसमें वाणी का संयम तो होता ही है, साथ ही यह मानसिक एकाग्रता प्राप्त करने का भी एक सशक्त माध्यम है। ऐसे में मौन की इस शक्ति को पहचान कर हम उसे अपने जीवन का हिस्सा बनाएं और उन्नति की राह पर आगे बढ़े।
कुछ विचारकों के 'मौन के महत्व' पर Quotes
रवींद्रनाथ टैगोर
कबीरदास
फ्रैंकलीन
आचार्य चाणक्य
अथर्ववेद
भागवत गीता
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Importance of Silence
Just as dialogue is important, silence is also very important. Just as the biggest calamity can be avoided through strong dialogue, similarly the biggest crisis can be avoided by keeping silence. In fact, there is no better weapon than silence to remove discord and tribulation.
There is a direct connection between our speech and mind. We express what we think through speech. Many disorders in life take home in our mind and from time to time they keep on expressing through speech. If we control their expression by keeping restraint, then the best development of our personality takes place.
Along with speech restraint in spiritual practice, mental restraint has also been considered essential. Silence meditation is a form of this. Scholars have described restraint of speech as essential. Psychologists say that silence increases mental peace. The eminent thinker James Allen wrote that "The power of silence is the greatest of all powers. When it is on the right path, there is progress. On the contrary, when misused it produces disastrous consequences."
To be honest, silence is the language of the heart. Silence is the result of restrained communication. It's a self-talk. Where there is no deceit, where we are present in the dialogue with complete truthfulness. We can express our condolences without speaking through speech. The effect of speech is more than that of silent expression.
The best and easiest way to awaken self-power is also told to do silent meditation. The secret power of silence is limitless. In this, there is restraint of speech, but it is also a powerful means of attaining mental concentration. In such a situation, by recognizing this power of silence, we should make it a part of our life and move forward on the path of progress.
Quotes of some Theorist on 'Importance of silence'
As a nest shelters a sleeping bird, similarly silence shelters your voice.
Rabindranath Tagore
Kabir, this past should not be written awkwardly, sly. When the turmoil of the mind disappears, be afraid.
Kabirdas
No one preaches better than an ant and she remains silent
Franklin
Silence destroys discord
Acharya Chanakya
Silence and solitude are the best friends of the soul
Vinova Bhave
The language of silence is stronger than the language of speech
Atharvaveda
Silence is the best answer for someone who doesn't value your words
Bhagwat Geeta
कहा जाता है कि एक अच्छा वक्ता होने के साथ साथ एक अच्छा श्रोता होना भी बहुत महत्वपूर्ण है। कई बार लोग मौन रहने को हमारी कमजोरी समझ लेते हैं,ये लोग नही जानते की मौन की भी अपनी शक्ति है,मौन के बारे मे लिखू तो बङा ही लम्बा हो जाए गा बस मैं इसके बारे में इतना ही कहना चाहता हूं कि बहुत आवश्यक न हो तो मौन रह कर अपनी
ReplyDeleteसमझदारी का परिचय देना चाहिए।🙏
मोहतरमा आप को कोटि कोटि धन्यवाद की आप ने इतने महत्वपूर्ण विषय से अवगत कराया ।।
मौन को कमजोरी समझने वाले मौन की शक्ति से अपरिचित हैं। तभी वह मौन को कमजोरी समझ सकते हैं। मौन आपको अंतर चेतना से जोड़ने का एक मार्ग है। मौन खुद को समझने का एक जरिया है। जब मन में बहुत ज्यादा अंतर्द्वंद हो तो मौन ही एक मार्ग है, उससे बाहर आने का। मौन एक जरिया है कलह पर विजय पाने का। जहां संवाद की जरूरत हो वहां संवाद करना चाहिए। पर भागवत गीता के अनुसार जहां आपके शब्दों का महत्व नहीं वहां मौन सबसे अच्छा उत्तर है।
Deleteमोहतरमा जी आप के विचार बहुत ही अद्भुत है आप के द्वारा जो ये प्रति दिन ज्ञान की ज्योति हमारे जीवन मे जगाती हैं उसके लिए आप को कोटि कोटि धन्यवाद
Deleteआपको भी कोटि कोटि धन्यवाद। पोस्ट पर अपने विचार रखने के लिए। जान कर अच्छा लगा की आपको पोस्ट अच्छे लगे।
Deleteहम पेशे से वकील है हम सदा सत्य बोलते हैं ऐसे ही हम कुछ नही बोलते मोहतरमा जी
Delete90% झगड़े हमारे बोलने से होते है कम बोलने से झगड़े कम होते है मौन एक अहिंसक हथियार है
ReplyDeleteजहां आपके ना बोलने से झगड़ा रुक सकता है, वहां नहीं बोलना ही उचित है।
Deleteमौन एक सशक्त भाषा है ।
ReplyDeleteआज के डेट में हम अपनी बातें स्पष्ट रूप से अभिव्यक्त ना करें बल्कि इसके विपरीत मौन रहे तो इस मौन की गंभीरता को समझने वाला कोई नहीं है बल्कि इसका अर्थ उल्टा निकाला जाएगा.. मेरे ख्याल से स्पष्ट तौर पर बोलना ही सही है. हां कहने का तरीका शालीन होना चाहिए
ReplyDeleteमौन का अपना महत्व है और बोलने का अपना महत्व है। अब अगर कोई शिक्षक विद्यार्थी से सवाल करे और विद्यार्थी मौन रहे, तो वहां इसे उचित नहीं ठहराया जा सकता। इस परिस्थिति में मौन गलत है।
Deleteशाम को आफिस से आकर शांति से बैठ जाओ तो चाय पानी उसी स्थान पर बङे प्रेम से मिल जाए गा परन्तु वहीं चीज थोड़े रूबाब से मांग कर देख लो मौन की ताकत का अंदाजा हो जाए गा।
Deleteरुबाब से क्यों..😄 प्रेम से मांगिए..मौन की अपेक्षा अधिक आदर और स्नेह से परिपूर्ण मिलेगा
Deleteये तरीका अच्छा है, मौन की ताकत का अंदाजा लगाने के लिए।
Deleteघर मे सुखशांति बनाए रखने के लिए खामोशी अति आवश्यक है बिना कुछ बोले हुजूर के सामने बस गया की तरह सर झुकाने मे भलाई है..
Deleteमौन एक सशक्त भाषा है । बस उसे पढ़ने की समझ होनी चाहिए । उत्तम विचार
ReplyDeleteमौन एक सशक्त भाषा है । बस उसे पढ़ने की समझ होनी चाहिए । उत्तम विचार
ReplyDeleteमौन की गहराई को समझ पाना भी सबके बस की बात नहीं।
Deleteमौन की महत्ता को प्रतिपादित करता हुआ आज का ब्लॉग सचमुच बेजोड़ है। मुझे एक दोहा याद आ रहा है
ReplyDeleteसावन आया जान के,धरी कोकिला मौन,
अब तो दादुर बोलिहैं,हमे पूछिहे कौन।। दादुर मतलब मेढ़क
आज के ब्लॉग के लिए साधुवाद।
धन्यवाद सर, समय पर बेजोड़ दोहा👍🏻👌
DeleteNice
ReplyDeleteUttam vichar...
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteSachmuch Mon Kalah ko rokane ka sabse bada sadhan hai
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteकिसी भी बात को हर पहलू से देखना चाहिए। किसी परिपेक्ष में बोलना भी जरूरी है और कुछ परिपेक्ष में चुप रहना भी। यह एक बहुत गहरी बात है। मौन पर ओशो के विचार भी सुनने चाहिए। बहुत अच्छी व्याख्या है। दो लोगों के मध्य संवाद बहुत जरूरी है। अगर सामने वाला आपसे कुछ सुनने की आस लगाए हुए है और वहां आप मौन हो तो यह अंतर्मन के कलह को उत्पन्न करेगा, जो मौखिक कलह से ज्यादा बुरा है। यह आपकी बुद्धिमत्ता पर निर्भर करता है कि कहां मौन आवश्यक है और कहां संवाद।
ReplyDeleteएक अच्छे विषय का चुनाव...
जी, आपकी बातों से मैं सहमत हूं। हर समस्या का समाधान मौन नहीं हो सकता। यह निर्णय तो खुद को लेना होता कि किस परिपेक्ष में क्या सही होगा। जैसे दुःख के बिना सुख की अनुभूति नहीं हो सकती वैसे ही संवाद के बिना मौन को नहीं समझा जा सकता।
Deleteमेहनतकश हूं मेहनत की कदर जानता हूं
Deleteआसमान से ज्यादा जमीन की कदर जानता हूं
अपने अपनापन दिखाना भूल जाये मै तो गैरो की भी कदर करना जानता हूं
जिदगी मे ऐसे पङाव देख चुका हूं, हर तरह की राहो की कदर जानता हूं सपनो कि दुनिया मे जीना मुझे आता नही दिन की रोशनी की कदर जानता हूं |
क्या बात है👌👌
DeleteNice
ReplyDeleteWaoww great
ReplyDeleteमौन, जितना छोटा शब्द उतना विराट अर्थ। मौन के लिए आपके अंदर सहनशीलता होनी चाहिए। खुद पर नियंत्रण होना चाहिए। आत्मा का परमात्मा से मिलने का मार्ग भी मौन है। इसको सिर्फ एक दूसरे के संवाद और आपसी कलह तक सीमित नहीं कर सकते।
ReplyDeleteबहुत खूब कहा आप ने
Deleteबहुत विराट, जिसकी व्याख्या के लिए शब्द कम पड़ जाए। मौन से ही खुद पर नियंत्रण और सहनशीलता भी तो मौन से संभव है। मौन साधना ही अपने सातों चक्र को जागृत करने का मार्ग है।
Deleteमौन रहने का मतलब जहां मनभेद और मतभेद दोनों है.. तभी जरूरत पड़ी मौन रहने की लेकिन मनभेद और मतभेद दोनों वहीं बनी रहेगी.. कुछ समय के लिए शांति हो सकती है.. पर हमेशा के लिए नहीं.. कहते हैं कि शांत, विराट स्वभाव समुद्र से सीखना चाहिए. पर क्या समुद्र में सुनामी नहीं आती.. वैसे ही मनुष्य का मन है अगर उसे मौन रखेंगे अंदर ही अंदर यह एक दिन सैलाब बनके उमड़ेगा जो बहुत कुछ बर्बाद कर देगा.. हम समाज में रहकर मौन नहीं रह सकते हां चुप रह सकते हैं कम बोल सकते हैं लेकिन मौन रहना अलग बात हो गई.. अति सर्वत्र वर्जयते!
Deleteमौन का मतलब शांत। अगर कोई चुप रहकर अंदर ही अंदर घुट रहा है तो यह मौन नहीं हो सकता। यहां चुप रहने में और मौन में फर्क है।
DeleteNice
ReplyDeleteसब लोगों ने मौन पर ही इतना कुछ बोल दिया अगर मौन रहते तो..😉
ReplyDeleteयहां जुबान कहां चल रही यहां तो अंगूठा चल रहा😄
Deleteमौन सर्वश्रेष्ठ शक्तियों में से एक है परन्तु मैं सर्वत्र उचित नहीं है।
ReplyDeleteसर्वश्रेष्ठ शक्तियों में से मौन एक है परन्तु सर्वत्र मौन उचित नहीं है।
ReplyDeleteVery nice post 👍👍
ReplyDeleteIt is better in prayer to have a heart without words than words without a heart. Mahatma Gandhi
ReplyDeleteSilence is the language of the heart.
In the silence behind what you hear are the answers we've been looking for for so long. ***
Silence is the best answer for someone who doesn't appreciate your words. ***
The space of the spirit where it can spread its wings is silence. ***
Silence not only speaks more clearly, but also hears more clearly.
In silence you can hear more, in solitude you can see more.
Sometimes a moment of silence can say more than a thousand meaningless words about a person. ***
A fool is recognized by his speech; and wise by silence.
"Listen to the silence ...
You will hear wisdom.
... you will find peace.
The right distance to things
people and objects.
You will find time
which you missed.
Listen to the silence.
And speak quieter.
Shhh ...
Hush!"
इंसान का सबसे बड़ा हथियार है मौन लेकिन शायद हम अक्सर इसका गलत अर्थ ही निकालते हैं।
ReplyDeleteNice
ReplyDelete🙃😐
ReplyDeleteGood article...par aap jyada samay maun nahi rah sakti..maun aapka swabhav nahi..
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