Cricket News: Latest Cricket News, Live Scores, Results, Upcoming match Schedules | Times of India

Sportstar - IPL

गोबरैला

 गोबरैला

गांव-देहात में एक कीड़ा पाया जाता है, जिसे गोबरैला कहा जाता है। उसे गाय, भैंसों के ताजे गोबर की बू बहुत भाती है! वह सुबह से गोबर की तलाश में निकल पड़ता है और सारा दिन उसे जहां कहीं गोबर मिल जाता है, वहीं उसका गोला बनाना शुरू कर देता है। शाम तक वह एक बड़ा सा गोला बना लेता है। फिर उस गोले को ढ़केलते हुए अपने बिल तक ले जाता है।

गोबरैला

बिल पर पहुँच कर उसे पता चलता है कि गोला तो बहुत बड़ा बन गया मगर उसके बिल का द्वार बहुत छोटा है। बहुत परिश्रम और कोशिशों के बाद भी वह उस गोले को बिल के अन्दर नहीं ढ़केल पाता, और उसे वहीं पर छोड़कर बिल में चला जाता है।

यही हाल हम मनुष्यों का भी है। पूरी जिन्दगी हम दुनियाभर का माल-मत्ता जमा करने में लगे रहते हैं, और जब अन्त समय आता है, तो हमें पता चलता है कि ये सब तो साथ नहीं ले जा सकते। और तब हम उस जीवन भर की कमाई को बड़ी हसरत से देखते हुए इस संसार से विदा हो जाते हैं। 

कहते हैं पुण्य किसी को दगा नहीं देता और पाप किसी का सगा नहीं होता। जो कर्म को समझता है, उसे धर्म को समझने की जरूरत नहीं पड़ती। संपत्ति के उत्तराधिकारी कोई भी या अनेक हो सकते हैं, लेकिन कर्मों के उत्तराधिकारी केवल और केवल हम स्वयं ही होते हैं, इसलिए उसकी खोज में रहे जो हमारे साथ जाना है, उसे हासिल करने में ही समझदारी है।


7 comments:

  1. संजय कुमारFebruary 22, 2025 at 12:40 PM

    🙏🙏💐💐
    🕉शुभप्रभात🕉️☕️☕️
    🙏ॐ नमः शिवाय 🚩🚩🚩
    🙏जय शिव शम्भू 🚩🚩🚩
    🙏आप का दिन मंगलमय हो 🙏
    🙏हर हर महादेव 🚩🚩🚩
    👌👌👌बहुत सुन्दर, सत्य कथन, प्रेरणात्मक संदेश 🙏
    🙏🙏आपका बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐

    ReplyDelete
  2. बहुत सही

    ReplyDelete
  3. Very Nice Post.....
    Welcome to my blog

    ReplyDelete
  4. Very nice

    ReplyDelete