मौसम का मिज़ाज़
"सब कुछ नहीं मिलता जिंदगी में...
कुछ चीज मुस्कुरा कर छोड़ देनी चाहिए....❣️"
मौसम का मिज़ाज़
ठंडी हवाएं मन गुनगुनाता है
कहता है यह ढूंढे चलो नए रास्ते
मौसम का अजीब सा फलसबा है
ओस में डुबा सारा ज़माना है
कहां से आये है मेहमा नये
पंछियों का आज कल यह नया ठिकाना है
आग की आच पर तप रहे बदन,
चादर ओढ़े घूम रहे लोग
चाय की प्यले के साथ दिन भर गुज़रता है
पानी की बोतल वैसी भरी नज़र आती हैं
फिर बदलेगा ये मौसम का मिजाज
सूरज की किरणों से
तपेगी धरती
ऐसी ही चलती रहेगी ज़िन्दगी
👌👌
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में सोमवार 23 दिसंबर 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
ReplyDelete'पांच लिंकों के आनन्द में' मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार।
DeleteIt's Very True 👌🏻👌🏻🤗
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeleteHpy sunday 💞🥰
ReplyDeleteHappy sunday
ReplyDelete🙏🙏💐💐
ReplyDelete🕉️शुभरात्रि वंदन 🕉️
🚩🚩जय श्री राधे राधे 🚩🚩
👌👌बहुत खूब... आप का बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐
तक चक्र है मौसम्मका ऐसा ही रहता है हर बार
ReplyDeleteबहुत सुंदर।
ReplyDeleteसुन्दर
ReplyDeleteBeautiful
ReplyDeleteNice
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