बसंत पंचमी
आज की तिथि ऐसी है कि बसंत पंचमी का पर्व और गणतंत्र दिवस एक ही दिन है।
भगवती सरस्वती सभी का कल्याण करें।
इस साल बसंत पंचमी का पर्व आज यानि 26 जनवरी को मनाया जा रहा है। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन से बसंत ऋतु का आरंभ होता है। आज से ही सर्दी के जाने की शुरुआत होती है। लोग बसंत पंचमी का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।
बसंत पंचमी का पर्व मां सरस्वती के अवतरण दिवस में रूप में मनाया जाता है। हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार ब्रह्माजी संसार के भ्रमण पर निकले हुए थे। उन्होंने जब सारा ब्रह्माण्ड देखे तो उन्हें सब मूक नजर आया। यानी हर तरफ खामोशी छाई हुई थी। इसे देखने के बाद उन्हें लगा कि संसार की रचना में कुछ कमी रह गई है।
इसके बाद ब्रह्माजी एक जगह पर ठहर गए और उन्होंने अपने कमंडल से थोड़ा जल निकालकर छिड़क दिया। तो एक महान ज्योतिपुंज में से एक देवी प्रकट हुई। जिनके हाथों में वीणा थी और चेहरे पर बहुत ज्यादा तेज। यह देवी थी सरस्वती, उन्होंने ब्रह्माजी को प्रणाम किया।
मां सरस्वती ने पितामह ब्रह्मा जी की आज्ञा से अपनी वीणा के तारों से कुछ सुर निकाले। मां सरस्वती के वाणी की देवी मां सरस्वती केअवतरण दिवस के रूप में बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है।
ब्रह्माजी ने सरस्वती से कहा कि इस संसार में सभी लोग मूक है। ये सभी लोग बस चल रहे हैं इनमें आपसी संवाद नहीं है। ये लोग आपस में बातचीत नहीं कर पाते हैं। इसपर देवी सरस्वती ने पूछा की प्रभु मेरे लिए क्या आज्ञा है? ब्रह्माजी ने कहा देवी आपको अपनी वीणा की मदद की इन्हें ध्वनि प्रदान करो। ताकि ये लोग आपस में बातचीत कर सकें। एक दूसरे की तकलीफ को समझ सकें। इसके बाद मां सरस्वती ने सभी को आवाज प्रदान करी।
इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। इस दिन सभी लोग अपने घर, स्कूल, कॉलेज, कार्यस्थल पर मां सरस्वती की पूजा अर्चना करते है।
भारत में छह मुख्य ऋतुएं हैं, जिनमें से बसंत ऋतू को सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। बसंत ऋतु को ऋतु राज भी कहा जाता है। इस समय मौसम न अधिक गर्म होता है और न अधिक ठंडा। इस विशेष दिन पर शिक्षा या संगीत से संबंधित चीजों की पूजा करने से भी व्यक्ति को लाभ मिलता है और उसे इन क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है। साथ ही इस दिन से पृथ्वी पर नवीनता का पुनः सृजन होता है। पेड़-पौधों में नए और सुन्दर पुष्प आने शुरू हो जाते हैं।
बसंत पंचमी से मौसम में संतुलन बना रहता है। इसके साथ बसंत पंचमी पर्व के दिन पीले रंग का प्रयोग सर्वाधिक किया जाता है। सनातन धर्म में इस रंग का महत्व बहुत अधिक है, किन्तु वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी इस रंग को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस रंग को तनाव दूर करने में सबसे कारगर माना जाता है। साथ यह दिमाग को पूर्णतः सक्रिय रखने में मददगार साबित होता है। इस रंग से आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है।
अंत में सभी को एक बार फिर बसंत पंचमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामना।
Aapko bhi Basant panchami tatha Gantantra Diwas ki hardik shubhkamnaye
ReplyDeleteमां सरस्वती सभी का कल्याण करें।
ReplyDeleteबसंत पंचमी की बधाई
74 वें गणतंत्र दिवस की बधाई।
🌹🙏जय माँ सरस्वती🙏🌹
ReplyDeleteकितना पावन सुहावन दिवस आज है।गणतंत्रता दिवस और सरस्वती पूजा दोनों साथ साथ है।
माता सरस्वती सभी को सद्बुद्धि प्रदान करें जिससे लोग गणतंत्र को सही तरह से समझ कर एक सुखद और सम्पन्न समाज का निर्माण कर सके।
बसन्त पंचमी और गणतंत्र दिवस की आपको बहुत बहुत बधाई । माता रानी आपको हमेसा खुश रखें।🙏🙏🙏🙏🙏
Basant panchami ki bahut bahut badhai
ReplyDeleteअति सुन्दर।
ReplyDeleteजय मां सरस्वती 🙏🏻
ReplyDeleteबसंत पंचमी और गणतंत्र दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं💐💐🍁
ReplyDeleteHappy republic day..jai hind jai bharat..Happy basant panchmi
ReplyDeleteजय मां महा सरस्वती जी की।वसंत पंचमी की हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteबसंत पंचमी की शुभकामनायें
ReplyDeleteHappy basant
ReplyDeleteबसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई 🙏🏻 जय श्री राधे कृष्णा रूपा 🙏🏻
ReplyDeleteबसंत पंचमी पर बहुत खूबसूरत आलेख
ReplyDeleteHappy basant..
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