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कुछ बारिश की बूंदे थी कुछ उसकी यादों की..

कुछ बारिश की बूंदे थी कुछ उसकी यादों की..

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आज बड़े दिन के बाद बारिश लाजवाब हुई

मेरी अपने पुराने दिनों से मुलाकात हुई,

मैं भीग गई पूरी तरबतर, कुछ बारिश की बूंदें थी, कुछ उसकी यादों की.. 

मैं बिना रुके चलती रही, उसकी यादें भी मेरे साथ -साथ रही

यकायक तेज रूप ले बारिश का रुख ऐसा बदला जैसे अभी अभी 

उससे मेरी फिर मुलाकात हुई

लोग छिप रहे थे बारिश से 

पेड़ो की आड़ ले कर 

तो कुछ अपनी धुन में चल रहे थे बारिश की मौज ले कर

मेरा मन भी देख कर यही सारी हलचल,

कभी कहता रुक जा किसी पेड़ की आड़ ले कर 

कभी कहता तेरे साथ कुछ बारिश की यादें हैं, चलती जा उनको साथ ले कर

एक टपरी नज़र आई चलते - चलते, लोगों की हुजूम से भरी हुई

उस पर महकती चाय अदरक का लजीज ली हुई

मेरे गाड़ी के पहिये जैसे जाम हो गए 

मैं भी रुक गयी और एक यादों का सैलाब आया लिपट कर

उसके साथ टपरी की चाय पर एक शाम बिताई हुई 

मैं फिर उस यादों के पिंजरों को समेट कर चल पड़ी

एक चाय ली और चुस्कियों के साथ यादों में खो पड़ी

यूं तो अपने घर के रास्ते जाते - जाते किसी और राह पर बड़ी दूर

निकल आयी थी, उसकी यादों को साथ फिर समेट ले आयी थी

मैं भीग गयी थी बारिश में 

कुछ बारिश की बूंदें थी, कुछ उसकी यादों की

मौसम का रुख ही कुछ ऐसा था मैं सब भूल आयी थी

क्या कहे भला रूपा इस बारिश की बूंद पर

"रूपा ओस की एक बूंद" थी और बारिश की बूंदों से तरवतर साथ ले कर 

उसकी यादें आज फिर जी भर के मुस्कुराई थी

भीग गयी मैं पूरे तरीके से बरसात में कुछ बारिश की बूंदे थी कुछ उसकी यादों की 

आज भीग गई मैं पूरे तरीके से बरसात में

कुछ बारिश की बूंदें थी, कुछ उसकी यादों की.. 

- रूपा 

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28 comments:

  1. सुंदर सराहनीय सृजन ।

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    1. जिज्ञासा जी, आपका बहुत बहुत आभार 😊

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  2. वाह! क्या बात है, लाजवाब👌👌

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  3. बारिश की रिमझिम और चाय … वाह ! बहुत सुन्दर सृजन रूपा जी !

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    1. हार्दिक आभार मीना जी 😊

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  4. बारिश की रिमझिम और चाय … वाह ! बहुत सुन्दर सृजन रूपा जी !

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  5. आपकी इन पंक्तियों ने मन को आह्लाद से भिगो दिया। आपकी उर्वर कल्पनाशक्ति को नमन।

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    1. शुक्रिया सर, सादर वंदन

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  6. टपरी की चाय और चाय की चुस्कियाँ... बारिश बहुत कुछ याद दिला ही जाती है...ख़ूबसूरत रचना...👏👏👏

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    1. पोस्ट पर आपकी उपस्थिति सराहना पूर्ण प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार

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  7. बारिश से मन का रिश्ता बहुत गहरा है, मन का मौसम बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। किसी की याद सताने लगती है तो कभी खुशनुमा सा माहौल लगता है। इस बदलते मन को एक शायर से ज्यादा शायद ही कोई महसूस कर सकता हो

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    1. बहुत बहुत आभार, सादर वंदन

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  8. अब बारिश जो है तो लाजवाब होना ही है✌🏻

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  9. बहुत खूब👌👌

    एक मेरी तरफ से

    कैसे उस रोज़ जज्बातों में शब्द बह गए,
    जैसे बारीश में तुम्हारे मेरे अश्क़ बह गए...

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  10. लाजबाब यादो का झरोखा बारिश की बूंदों के संग 👌👌

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया

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  11. Barish ki fuhar
    Adrak wali chai

    Kitni khubsurat hai ye shaam..

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  12. Excellent 👍

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  13. Excellent 👍

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  14. कहते है की वक्त कभी किसी के लिए नही रूकता है जो लम्हा या पल गुजर जाता है उस लम्हे या उस पल को पीछे जा के दुबारा नही जिया जा सकता, लेकिन हर लम्हे में जो हम यादे बनाते उन यादों को याद कर उस लम्हे को तरह ताजा किया जा सकता है हमारी जिन्दगी में यादों का बहुत महत्व है।

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