इतवार (Sunday)
एक भी आँसू न कर बेकार
एक भी आँसू न कर बेकार
जाने कब समंदर मांगने आ जाए!
जाने कब समंदर मांगने आ जाए!
पास प्यासे के कुआँ आता नहीं है
यह कहावत है, अमरवाणी नहीं है,
और जिस के पास देने को न कुछ भी
एक भी ऐसा यहाँ प्राणी नहीं है!
यह कहावत है, अमरवाणी नहीं है,
और जिस के पास देने को न कुछ भी
एक भी ऐसा यहाँ प्राणी नहीं है!
कर स्वयं हर गीत का श्रृंगार
जाने देवता को कौनसा भा जाय!
जाने देवता को कौनसा भा जाय!
चोट खाकर टूटते हैं सिर्फ दर्पण
किन्तु आकृतियाँ कभी टूटी नहीं हैं,
आदमी से रूठ जाता है सभी कुछ
पर समस्यायें कभी रूठी नहीं हैं,
हर छलकते अश्रु को कर प्यार
जाने आत्मा को कौन सा नहला जाय!
किन्तु आकृतियाँ कभी टूटी नहीं हैं,
आदमी से रूठ जाता है सभी कुछ
पर समस्यायें कभी रूठी नहीं हैं,
हर छलकते अश्रु को कर प्यार
जाने आत्मा को कौन सा नहला जाय!
व्यर्थ है करना खुशामद रास्तों की
काम अपने पाँव ही आते सफर में,
वह न ईश्वर के उठाए भी उठेगा
जो स्वयं गिर जाय अपनी ही नज़र में!
काम अपने पाँव ही आते सफर में,
वह न ईश्वर के उठाए भी उठेगा
जो स्वयं गिर जाय अपनी ही नज़र में!
हर लहर का कर प्रणय स्वीकार
जाने कौन तट के पास पहुँचा जाए!
जाने कौन तट के पास पहुँचा जाए!
- रामावतार त्यागी (Ram Avtar Tyagi)
मोती कभी भी किनारे पे खुद नहीं आते,
उन्हें पाने के लिए समुन्दर में उतरना ही पड़ता है..❤
उन्हें पाने के लिए समुन्दर में उतरना ही पड़ता है..❤
बहुत लाजबाब रचना 👌👌
ReplyDeleteHappy Sunday nice pic
ReplyDeleteक्या बात है very good
ReplyDeleteलगता है आज पूरी कायनात में हसी रुक सी गई होगी क्योंकि आपने अपनी मुस्कुराहट
ReplyDeleteकी कुछ बूंदे छिड़क दी 😊😊
Happy Sunday 🌹
ReplyDeleteLovely smile 😘❤️
ReplyDeleteAwesome
ReplyDeleteबहुत सुंदर, हैप्पी सन्डे
ReplyDeleteहिमाचल यात्रा पर भी पोस्ट लगातार डाल रही हो, तो पिक भी वहीं की डालनी थी।
ReplyDeleteBy the way beautiful pic ❣️
Post schedule kiya hua hai..😊
DeleteNice poem
ReplyDeletevery beautiful poem
ReplyDeletevery nice creations of you
ReplyDeleteअति सुन्दर
ReplyDeleteएक दम सही
ReplyDeleteHappy sunday
ReplyDeleteNice poem with beautiful pic
ReplyDeleteलाजवाब
ReplyDeleteलाजवाब । अनूठा लेखन।
ReplyDeleteबहुत खूब 😍😍
ReplyDeleteप्रेरणादायक कविता। शुभ रविवार।
ReplyDeleteHappy Sunday with beautiful pic
ReplyDeleteइतवार की एक और बेहतरीन प्रेरक कविता
ReplyDeleteबात तो आप की बिल्कुल सही है इस मतलब की दुनिया में कौन किसका होता है यहा इंसान तब तक ही किसी की कदर करता है जब तक वो इंसान उसके काम का होता है, काम खत्म सम्मान खत्म ।।
ReplyDeleteनिरंजन जी, ऐसा मैंने कुछ नहीं लिखा। इस मतलबी दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिनसे रिश्ता दिल का होता है और वो निःस्वार्थ साथ निभाते हैं। हां ये बात जरूर है कि ऐसे लोगों की संख्या बहुत कम है।
ReplyDeleteआप की बात से सहमत हू कि कुछ लोग निस्वार्थ भाव से ही काम करते है लेकिन यहा उनके निस्वार्थ पने का कोई सम्मान करने वाला कोई नही ।
Deleteऐसा भी नहीं है।
Deleteहर बार आप की ही बात सही हो ये जरूरी है क्या
Deleteनहीं, कोई जरूरी नहीं, पर यहां तो हम सही हैं। किसी भी बात का नतीजा अपने व्यक्तिगत जीवन से जोड़कर नहीं निकला जा सकता। अभी भी मानवता है और लोग एक दूसरे का सम्मान भी करते हैं।
Deleteशानदार....
ReplyDeleteलाजवाब
ReplyDeleteWow 👌👌👌👌
ReplyDeleteUltimate.
ReplyDeleteजीवन में जरुरी नहीं कि हम सबसे अच्छे बने, केवल यह जरुरी है कि हम अपना सर्वोतम प्रयास करें।
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