इतवार (Sunday)
"सपना एक देखोगे
मुश्किलें हजार आयेंगी,
लेकिन वो मंजर बड़ा खूबसूरत होगा,
जब कामयाबी शोर मचाएगी..❤"
मुश्किलें हजार आयेंगी,
लेकिन वो मंजर बड़ा खूबसूरत होगा,
जब कामयाबी शोर मचाएगी..❤"
आज पहली बार
आज पहली बार
थकी शीतल हवा ने
शीश मेरा उठा कर
चुपचाप अपनी गोद में रक्खा
और जलते हुए मस्तक पर
काँपता सा हाथ रख कर कहा
"सुनो, मैं भी पराजित हूँ
सुनो, मैं भी बहुत भटकी हूँ
सुनो, मेरा भी नहीं कोई
सुनो, मैं भी कहीं अटकी हूँ
पर न जाने क्यों
पराजय नें मुझे शीतल किया
और हर भटकाव ने गति दी
नहीं कोई था
इसी से सब हो गए मेरे
मैं स्वयं को बाँटती ही फिरी
किसी ने मुझको नहीं यति दी"
लगा मुझको उठा कर कोई खडा कर गया
और मेरे दर्द को मुझसे बड़ा कर गया
आज पहली बार
थकी शीतल हवा ने
शीश मेरा उठा कर
चुपचाप अपनी गोद में रक्खा
और जलते हुए मस्तक पर
काँपता सा हाथ रख कर कहा
"सुनो, मैं भी पराजित हूँ
सुनो, मैं भी बहुत भटकी हूँ
सुनो, मेरा भी नहीं कोई
सुनो, मैं भी कहीं अटकी हूँ
पर न जाने क्यों
पराजय नें मुझे शीतल किया
और हर भटकाव ने गति दी
नहीं कोई था
इसी से सब हो गए मेरे
मैं स्वयं को बाँटती ही फिरी
किसी ने मुझको नहीं यति दी"
लगा मुझको उठा कर कोई खडा कर गया
और मेरे दर्द को मुझसे बड़ा कर गया
आज पहली बार
- सर्वेश्वरदयाल सक्सेना (Sarveshwar Dayal Saxena)
"उड़ान तो भरना है, चाहे कई बार गिरना पड़े.
सपनो को पूरा करना है, चाहे खुद से भी लड़ना पड़े..❤"
अति सुन्दर है आपकी रचना धन्यवाद जी
ReplyDeleteसंडे की पाठशाला में बहुत खूब लिखा है आपने
अति सुन्दर है आपकी रचना धन्यवाद जी
ReplyDeleteसंडे की पाठशाला में बहुत खूब लिखा है आपने
Nice 👍
ReplyDeleteशुभ रविवार, प्रेरणादायक कविता
ReplyDeleteNice peom
ReplyDeleteWow 👌 🌹
ReplyDeleteक्या बात है लाजबाब 👌👌
ReplyDeleteफितरत में नहीं हमारी
ReplyDeleteकिसी का दिल दुखाना
अपने मतलब के लिए
किसी का दिल जलाना
इंसान हम फिर क्यों ना
सबसे प्यार से पेश आएं
किसी को खुश देखकर
क्यों हम मन में द्वेष लाए
जितना जिसके नसीब में
उतना ही उसे मिला है
किसी की कामयाबी देख
क्यों फिर इतना जला है
किस्मत अपनी संवार तु
मन में ना रखना खार तु
अपने हौसलों से आखिर
खुद करेगा बेड़ा पार तू
अपना दुखड़ा देखकर
उदास कभी भी ना होना
दूसरों की खुशी में अपनी
ये आंखें खुशी से भिगोना
नसीब में जो लिखा है तेरे
तुझे भी वो जरूर मिलेगा
तेरा चेहरा भी एक दिन
खुशी में फुल-सा खिलेगा
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
बहुत खूब 👌👌
DeleteHappy sunday
ReplyDeleteVery nice poem.,.
ReplyDeleteबहुत ही उत्साहवर्धक कविता और कोट्स
ReplyDeleteसुन्दर पिक के साथ 👌👌👍👍👍 शुभ रविवार 💐
Happy Sunday
ReplyDeleteNice Sunday
ReplyDeleteVery Happy Sunday 🌹🌹
ReplyDeleteOhoooo, lovely smile 😘😘❤️😘
ReplyDeleteखूबसूरत कविता।शुभ रविवार।
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeleteहैप्पी संडे
ReplyDeleteबहुत सुंदर लिखा है आपने
ReplyDeleteHappy Sunday with beautiful pic
ReplyDeleteBahut khoob.
ReplyDeleteमंजिल पर पहुंच कर लिखेंगे, सफर का आलम कैसा था ।
ReplyDeleteबहुत खूब 🤩🤩
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