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कभी खुले आसमां में हाथ फैलाती हो तो कभी मुट्ठी में करती हो चांद को बंद कभी हंसती हो जोरों से खिलखिलाकर तो कभी मुस्कुराती रहती हो यूँ मंद-मंद दिल खोलकर कल की चिंता छोड़ कर रोज ऐसे ही जीने का अलग ही आनंद कल क्या होगा बस यह सोच-सोचकर आज की खुशियों को क्यों करते पाबंद 🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
न ही जिन्दगी भागती है और न ही कभी समय ठहरता है भागता तो इंसान हैं ठहरता भी इंसान हैं । इंसानों को तो बस दोष देना आता है कभी समय को तो कभी नियति को
ReplyDeleteसंदर्भ प्रसंग व्याख्या👍🏻👌
Deleteसमुद्र सभी के लिए एक ही है .. पर...
ReplyDeleteकुछ उसमें से मोती ढूंढते है ..
कुछ उसमें से मछली ढूंढते है ..
और, कुछ सिर्फ अपने पैर गीले करते है..
ज़िदगी भी... समुद्र की भांति ही है,
यह सिर्फ हम पर ही निर्भर करता है, कि, इस जीवन रुपी समुद्र से हम क्या पाना चाहते है, हमें क्या ढूंढ़ना है
क्या बात कही पटेल जी👌👌👍🏻
Deleteजिंदगी को हम जैसा चाहें वैसा बनाते हैं।
ReplyDeleteवक्त का हर पल हमें व्यर्थ न गंवाना है
सद्पयोग करो,कब आपके हाथ से फिसल जाए।।
शुभ प्रभात मित्रो।।जय श्री राम जी
बहुत सुन्दर..
Deleteजय श्री राम 🙏
जय श्री राम🙏🙏
ReplyDelete*The Love is not ,what You say ...but .
ReplyDeleteLove is what You do ...
* Aur Thahari hui Zindagi ka yahi ek Mantra hai...����..����..
👍🏻👍🏻
DeleteWhen Time Never Stops For Us, Then Why Do We Always Wait For The Right Time..? No Time Is Wrong To Do The Right Thing ..!
ReplyDelete👍🙋♂️💐♥️🇮🇳
Absolutely right 👍🏻👌💐💐
DeleteYe baat...chand ko hi naap diye..👍👍
ReplyDeleteशानदार।
ReplyDeleteकभी खुले आसमां में हाथ फैलाती हो
ReplyDeleteतो कभी मुट्ठी में करती हो चांद को बंद
कभी हंसती हो जोरों से खिलखिलाकर
तो कभी मुस्कुराती रहती हो यूँ मंद-मंद
दिल खोलकर कल की चिंता छोड़ कर
रोज ऐसे ही जीने का अलग ही आनंद
कल क्या होगा बस यह सोच-सोचकर
आज की खुशियों को क्यों करते पाबंद
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
क्या बात है.…शुक्रिया नरेश जी
DeleteNice
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