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बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima)..... 26.05.2021

बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima)बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima)


🌙यह प्रकृति का दृश्य ऐसा है कि सब को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है सूर्य की तेज के बाद चांद की शीतलता की चर्चा भी अवश्य होनी चाहिए।
   आज बुद्ध पूर्णिमा है
      आज दहशत भरे मौन समाज की खामोशी टूटेगी। आज की चांदनी में खुशी की किलकारियां प्रतिध्वनित होंगीं।
बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima)

बुद्ध पूर्णिमा क्यों मनाया जाता है?

वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म लुंबिनी में हुआ था, जो बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद गौतम बुद्ध के नाम से प्रसिद्ध हुए। गौतम बुद्ध का जन्म वैशाख पूर्णिमा के दिन होने से इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बुद्ध देवता को भगवान विष्णु का नवां अवतार माना जाता है। इसलिए बुद्ध पूर्णिमा को बौद्ध धर्म के अनुयायियों के साथ हिंदू धर्म के लोग भी मनाते हैं।

बुद्ध पूर्णिमा का महत्व

गौतम बुद्ध का जीवनकाल 563- 483 ईसवी पूर्व के मध्य माना जाता है। पूरी दुनिया में महात्मा बुद्ध को सत्य की खोज के लिए जाना जाता है। मानना है कि गौतम बुद्ध राजसी ठाट छोड़कर बरसों वन में भटकते रहे और उन्होंने कठोर तपस्या कर बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे सत्य का ज्ञान प्राप्त किया। महात्मा बुद्ध का जन्म ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण यह तीनों एक ही दिन अर्थात वैशाखी पूर्णिमा के दिन ही हुआ। ऐसा किसी अन्य महापुरुष के साथ नहीं हुआ है। बौद्ध लोग इस तिथि  को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से मनाते हैं।

वैशाख पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने का बहुत महत्व होता है इससे पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख शांति आती है आज के दिन भगवान विष्णु की भी पूरे विधि विधान के साथ पूजा की जाती है। इस दिन दान पुण्य और धर्म कर्म कार्य किए जाते हैं। बुद्ध पूर्णिमा को सत्य विनायक पूर्णिमा भी कहा जाता है। आज का दिन बहुत ही पवित्र और फलदाई माना जाता है।
बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima)

बुध पुर्णिमा कब मनाया जाता है?

बुध पुर्णिमा हिंदू कैलेंडर के अनुसार वैशाख महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। वही ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार बुध पुर्णिमा हर साल अप्रैल या मई महीने में आती है। इस वर्ष (2021) बुध पुर्णिमा 26 मई को है। 

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 25 मई 2021 रात 8 बजकर 29 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समापन- 26 मई 2021 शाम 4 बजकर 43 मिनट तक 

बुद्ध पूर्णिमा कैसे मनाया जाता है?

बुद्ध जयंती का मुख्य उत्सव बोधगया में होता है। बौद्धों के लिए बोधगया गौतम बुद्ध के जीवन से संबंधित सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। बोधगया भारत में बिहार के गया जिले का एक छोटा सा शहर है।
दुनिया भर में बड़ी संख्या में बौद्ध भक्त भगवान बुद्ध को उनके सम्मान में श्रद्धांजलि देते हैं। मंदिर और क्षेत्र को रंगीन झंडे के साथ सजाने के अलावा बहुत से लोग अपने घरों को रोशनी, मोमबत्तियां और दीयों से सजाते हैं। सुबह की प्रार्थना के बाद रंगारंग जुलूस, पूजा के साथ प्रसाद, मिठाई और नमकीन का वितरण होता है। लोग भगवान बुद्ध की प्रतिमा को धूप, फूल, मोमबत्तियां और फल चढ़ाते हैं। महाबोधि वृक्ष, जिसे पीपल वृक्ष या पवित्र अंजीर के पेड़ के रूप में भी जाना जाता है, की पूजा की जाती है और प्रसाद भी चढ़ाया जाता है।

परंपरागत तौर पर बौद्ध शुद्ध शाकाहारी हैं। जो लोग मांसाहारी हैं, वह इस दिन मांस नहीं खाते। घरों में मीठे पकवान वाली खीर तैयार की जाती है। कई स्थानों पर पक्षियों को पिंजरे से मुक्त करना भी एक प्रथा है वह अपना पूरा दिन बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं पर प्रवचन सुनने में व्यतीत करते हैं।

भगवान विष्णु के 9वें अवतार माने जाते हैं गौतम बुद्ध

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बुद्ध देवता को भगवान विष्णु का नवां अवतार माना जाता है। इसलिए बुद्ध पूर्णिमा को बौद्ध धर्म के अनुयायियों के साथ हिंदू धर्म के लोग भी मनाते हैं। उत्तर भारत में भगवान विष्णु का नया अवतार बुद्ध को माना जाता है, हालांकि दक्षिण भारतीय मान्यताओं के अनुसार बुद्ध को विष्णु का अवतार नहीं माना गया है। दक्षिण भारत में भगवान कृष्ण को विष्णु जी का नया अवतार माना जाता है।
बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima)

भगवान बुद्ध के महत्वपूर्ण उपदेश क्या है?

भगवान बुद्ध के विचार आज भी बेहद प्रासंगिक हैं। वह हमें इस संसार में राह दिखाते हैं। अगर हम महात्मा बुद्ध के उपदेश को पढ़कर अपने जीवन में अपनाएं तो अपना जीवन सफल बना सकते हैं। 

भगवान बुद्ध के कुछ महत्वपूर्ण उपदेश

1.  एक पल एक दिन को बदल सकता है, एक दिन एक जीवन को बदल सकता है और एक जीवन इस दुनिया को बदल सकता है।

2.  मनुष्य को अतीत के बारे में नहीं सोचना चाहिए और ना ही भविष्य की चिंता करनी चाहिए। हमें अपने वर्तमान समय पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, यही खुशी का मार्ग है।

3.  मनुष्य को अपने शरीर को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी है। अगर शरीर स्वस्थ नहीं है, तो आपकी सोच और मन भी स्वस्थ और स्पष्ट नहीं होंगे।

4.  हजारों खोखले शब्दों में से वह एक शब्द अच्छा है, जो शांति लेकर आए।
बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima)

5.  किसी से घृणा करने से आपके मन की घृणा खत्म नहीं होगी। यह केवल प्रेम से ही खत्म किया जा सकता है। वैसे ही बुराई से बुराई खत्म नहीं होती है, वह प्रेम से ही खत्म होती है।

6.  मनुष्य को क्रोध नहीं करना चाहिए। आपको क्रोध की सजा नहीं मिलती है, बल्कि आपको क्रोध से सजा मिलती है।

7.  हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है कि आप स्वयं पर विजय प्राप्त करो फिर विजय हमेशा आपकी ही होगी।

8.  एक जागे हुए व्यक्ति को रात बड़ी लंबी लगती है। एक थके हुए व्यक्ति को मंजिल बड़ी दूर नजर आती है। इसी तरह सच्चे धर्म से बेखबर मूर्खों के लिए जीवन मृत्यु का सिलसिला भी उतना ही लंबा होता है।

9.  झरना बहुत शोर मचाता है, लेकिन सागर गहरा और शांत होता है।

10.  इच्छाओं का कोई अंत नहीं होता है। अगर आपकी एक इच्छा पूरी होती है तो दूसरी तुरंत जन्म ले लेती है।

बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima)

बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima).......07.05.2020

11 comments:

  1. बुध पूर्णिमा एक पवित्र त्योहार है।इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था।विस्तृत जानकारी के लिए धन्यवाद ।

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  2. बुद्धं शरणं गच्छामि..🙏🙏

    Well described 👍👍

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  3. Ye updesh bhut hi upyogi hai jeevan me.. inse avgat krane ke liye dhanyawad 🙏🙏
    Buddha purnima ki shubhkamnaye 🙏🙏

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  4. जहां धर्म है वहां आडंबर भी है, पर भगवान बुद्ध के उपदेश प्रैक्टिकली सही लगते हैं..
    बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं💐💐

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  5. भगवान बुद्ध के उपदेश वास्तव में आत्मसात करने लायक हैं।

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  6. Buddh purnima ki hardik subhkamnaaye

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  7. बुद्ध पूर्णिमा की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं।

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  8. Buddh purnima ki hardik subhkamnaaye

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