Barsaat Quotes /बरसात Quotes /बरसात शायरी
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सुना है बहुत बारिश है तेरे शहर में..
पर सुनो ज्यादा मत भीगना..
अगर वक्त की परत धुल गई तो..
फिर बहुत याद आएंगे हम...🌧️
पर सुनो ज्यादा मत भीगना..
अगर वक्त की परत धुल गई तो..
फिर बहुत याद आएंगे हम...🌧️
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बरसात में भीगना बेहद पसंद है उसे..
बस उसकी दास्तां -ऐं- बरसात सुनने लिए इस बार हम न होंगे..🌧️
बस उसकी दास्तां -ऐं- बरसात सुनने लिए इस बार हम न होंगे..🌧️
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दिल टूटने का मौसम भी लाजवाब है..
एक तो कोयल की कू कू (संगीत) है और साथ ही बरसात है..🌧️
एक तो कोयल की कू कू (संगीत) है और साथ ही बरसात है..🌧️
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बरसात की भींगी रातों में फिर कोई कहानी याद आई..
कुछ साथ गुजारे वक्त याद आए, साथ ही उसकी बेरुखी याद आई..🌧️
कुछ साथ गुजारे वक्त याद आए, साथ ही उसकी बेरुखी याद आई..🌧️
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कभी बेपनाह बरस पड़ी, कभी गुम सी है..
ये बारिश भी कुछ कुछ तुम सी है..🌧️
ये बारिश भी कुछ कुछ तुम सी है..🌧️
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लगता है आसमां का दिल भी टूटा है..
तभी तोबिन बरसात वो रोज मेरे साथ रोता है..🌧️
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छोटी सी सही पर एक ऐसी मुलाक़ात थी..हम, वो, अमरूद और हल्की सी बरसात थी..
लोग बरसात में चाय के मजे लेते हैं..
और हमनें सड़क किनारे अमरूद खाई थी..🌧️
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लगता है बादल का दिल भी टूटा है..
वरना मई के महीने में इतनी बरसात कब होती है..🌧️
वरना मई के महीने में इतनी बरसात कब होती है..🌧️
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तेरी यादों को किस कोने में सुखाऊं, चल ये ही बता दे..
बरसात बाहर भी है और अंदर भी..🌧️
बरसात बाहर भी है और अंदर भी..🌧️
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तेरी खुश्बू, तेरी चाहत, तेरी यादें लाये हैं देखो..
आज फ़िर मेरे शहर में बादल आये हैं..🌧️
आज फ़िर मेरे शहर में बादल आये हैं..🌧️
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दिल में और कोई जज्बात बाकी नहीं..आंखों में वो नमी है जो बरसात में नहीं..🌧️
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क्या बात है...नया नया टैलेंट निकल कर बाहर आ रहा...लाजवाब शायरी👌👌
ReplyDeleteबहुत ही शानदार बरसात की शायरी अनायास ही बरस पड़ी !
ReplyDeleteअभी बरसात आयी नहीं कि मन पर बरबस प्यार की फुहार पड़ी.!!
बहुत खूब
जेठ के महीने में बाहर भी रिमझिम और आपकी कलम से भी रिमझिम फुहारें निकल पड़ी हैं।
ReplyDeleteबहुत उत्तम।
मेरे शहर में भी बारिश हो रही है और तुम्हारे ब्लॉग में भी..😄..क्या बात है.. 🌧️🌧️🌧️🌦️
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteLajwaab
ReplyDeleteWaow
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteये हक़ीक़त है होता है असर बातों में ।
ReplyDeleteतुम घुल जायेंगे दो चार मुलाक़ातों में ।।
तेरे वादे ने मुझे घर से निकल लेना दिया ।
लोग मौसम का मज़ा ले गये बरसातों में।।
Nice
ReplyDeleteWow fantastic fabulous superbbbbb 👌👌
ReplyDeleteलाजवाब 👏🏻👏🏻 इसको कहते हैं class in its own👌🏻
ReplyDeleteबता किस कोने में सुखाऊँ तेरी यादें,
ReplyDeleteबरसात बाहर भी है और भीतर भी है।
बारिश की बूंदें सिर्फ बूंदें नहीं होती
ReplyDeleteये होतीं हैं एक संवाद,
बादलों और हवाओं के बीच
नदियों और समंदर के बीच
आसमां और धरती के बीच
और कभी-कभी मेरे और उनके बीच भी
👌👌
Deleteकभी कभी दो पलकों के बीच
Deleteकभी कभी सड़क के दो किनारों के बीच
बारिश की तो बात ही अलग है
ReplyDelete😢ना आसमां साथ देता है😢
ReplyDelete🤔ना साथ देती है ये जमीं🤔
🙋♂️कौन पूरी कर पाएगा ये🙋♂️
🙏मेरी जिंदगी में तेरी कमी🙏
🌝चांद अकेला आता-जाता🌝
🎇तारों के कई सारे साथी🎇
🪔दीपक अकेला नहीं होता🪔
🕯उसके साथ रहती बाती🕯
💐फूल-पत्ती पेड़-पौधे सब💐
💫खुश होते आते ही बहार💫
👣राहों के धूल-पत्थर भी तो👣
👲होते राही के लिए बेकरार👲
💦नदिया बहती है कल-कल💦
🦢उन्हें तो है किनारों से प्यार🦢
🏠घर-मकान और महलों के🏠
🏦के लिए खड़े हैं दरों-दीवार🏦
🌳इस प्रकृति के लिए उपहार🌳
🌈ऋतुएँ होती हैं ये पूरी चार🌈
🪐धरती है ये सारी कि सारी🪐
⛈️बरसात के लिए बेकरार⛈️
🌅सूरज को तो है सदा से ही🌅
☀अपनी किरणों से ही प्यार☀
🙋♂️बस एक मैं तन्हा अकेला🙋♂️
🗣️मेरा नहीं है कोई भी यार🗣️
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
लिख दिया आपने
Deleteकुछ ऐसा नरेश जी
कर दिया मुझे
निरुत्तर, बिना जवाब
जब जिंदगी में पहली बार मेरी नजर
ReplyDeleteपड़ी थी उस सुंदर-सयानी लड़की पर
बार-बार उसे देखने को जी चाहता पर
पर्दा रहता उसके दरवाजे-खिड़की पर
क्या गजब-परी से भी वो खूबसूरत थी
गुजरात के शहर सूरत की वो सूरत थी
उसका चेहरा मेरी आंखों में यूँ समाया
जैसे मुझे तो बस उसी की जरूरत थी
एक दिन अचानक उससे मुलाकात हुई
हम दोनों के बीच जो जरा-सी बात हुई
इतने प्यार से वो मुस्कुरा कर बोली जैसे
मेरे मन के उपवन में पहली बरसात हुई
रीना नाम था उसे रीना-रानी बना दिया
मन ही मन से उसे जिंदगानी बना दिया
मैं उसे तो पसंद था पर घरवाले ना माने
मुलाकात को सबने कहानी बना दिया
उस रीना-रानी को अपने मन में बसाके
मैं राजन बन बैठा उसको रजनी माना
दिल तोड़ दिया समाज ने हम दोनों का
कहाँ उन्होंने हमें साजन-सजनी माना
आज भी उसे याद करता है मेरा दिल
शायद वो नहीं थी जिंदगी की मंजिल
साथ छूट गया जिंदगी में तो क्या गम
बहुत कुछ होता इस सफर में हासिल
❤🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏❤
जिंदगी की राहों में
Deleteकुछ लोग मिलते ही हैं
बिछड़ जाने के लिए
जो होते सबसे करीब हैं
रिश्ता होता है दिल का
बहुत कुछ हासिल भी होता है
जिंदगी के सफर में
और बहुत कुछ
पीछे छूट जाता है
और दिल में
शेष रह जाता है
यादों का कारवां
वैसे ही जैसे ,
वो बचपन की यादें
वो कागज की कस्ती
वो बारिश का पानी
तुम साथ तो खूबसूरत
ReplyDeleteलगती है हर बरसात
तुम साथ नहीं तो गुजरते
मुश्किल से दिन-रात
किसी और में नहीं है जो
तुझमें है वो हर बात
तुझसे ही तो जुड़े हैं मेरे
दिल के सब जज्बात
मां के बाद गुरु हो तुम
पिता के जैसा हो गुरुर
मेरी जीवनसंगिनी तुमसे है
जिंदगी जीने का सूरुर
अगर सूरज न उगे तो सुबह नही होती,
ReplyDeleteअगर चाँद न दिखे तो चाँदनी रात नही होती,
बादल न बने तो बरसात नही होती,
और जब आपकी यादों का साथ ना हो,
तो हमारे दिन की शुरुआत ना होती
सुबह की पहली किरण से
Deleteउसके यादों की शुरुवात होती है
दिन चढ़े जेहन में उसकी हर बात होती है
शाम ढलते ही
उसकी यादों का मंजर
गहरा जाता है
फिर रात के अंधियारे में
उसके 'सो जाओ' कहने के इंतजार में
आंखों आंखों में रात भी गुजर जाती है
हाथों पर लगाकर मेहंदी
ReplyDeleteलिख दो मेरे पिया का नाम
विदा होने की घड़ी करीब है
जाना मुझे साजन के धाम
अब ये जिंदगी उसी के साथ होगी
चाहे सुख-दुख की बरसात होगी
हरदम उनका साथ निभाऊंगी मैं
हर बात में अब उनकी ही बात होगी
जब कभी जाऊंगी बाबुल के द्वार
ले आऊंगी उनका आशीष हर बार
एक बरसात की रात
ReplyDeleteवो जो हुई थी बरसात
मिट्टी की महक से फिर
जाग उठे सारे जज्बात
उसे भुलाने की कोशिश
में बीता नहीं एक साल
फिर से हो गई बरसात
दिल ये हो गया बेहाल
उसकी वो तमाम यादें
आज फिर से जाग गई
उसकी यादों ने दिल में
लगाई फिर से आग नई
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
इन आंखों में नमी है
ReplyDeleteदिल में कुछ बात है
जख्म फिर हरे हुए
बरसात की रात है
भुले नहीं वो दिन
सुहाना था मौसम
बरसात की रात में
जब भीगे थे हम
छुईमुई-सी हो गई
जब मैंने तुझे छुआ
अलाव वो बुझ गया
बस रह गया धुआँ
हमारी मोहब्बत का
अंजाम क्या हुआ
ना तु मेरी हो सकी
ना ही मैं तेरा हुआ
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
बरसात भी आकर बरस गई
ReplyDeleteपर जाने क्यों वो नहीं आए
इन नैनों से अश्क बहने लगे
ना जाने वो क्यों नहीं आए
दिल के रिश्ते निभाने की वो
हर बार नई कसम खाते रहे
उनके इंतजार में इस बेताब
दिल को हम यूँ समझाते रहे
वादा किया है दिल से उन्होंने
कसम खाई जो तोड़ेंगे नहीं
चाहे जो भी आफत आ जाए
साथ मेरा कभी छोड़ेंगे नहीं
माना बेवफा नहीं मेरा सनम
वफा निभाने क्यों नहीं आए
इंतजार में अश्क सूखने लगे
प्यार जताने क्यों नहीं आए
जाने क्या वो मजबूरी होगी
क्या मोहब्बत अधूरी होगी
रस्मों रवायत की वो तामीरें
क्या गैर के साथ पूरी होगी
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
कसमें वादे, होते ही हैं
Deleteतोड़ने के लिए
जैसे बरसात आकार चली गई
हर मौसम गुजर जाना है
राह तकने से क्या मिलना
जाने वाला फिर
लौट के नहीं आने वाला
रस्में रवायत जिससे पूरी हो चली
वो ही अपना है अब
जिससे मोहब्बत के वादे किए
वो गैर हो गया..